मुरादाबाद के ठाकुरद्वारा में तहसील परिसर से यूकेलिप्टस पेड़ों की चोरी

पंडित अनिल शर्मा मुरादाबाद: उत्तर प्रदेश जनपद मुरादाबाद के ठाकुरद्वारा में रविवार की सुबह चोरों ने तहसील परिसर में खड़े हजारों रुपये की कीमत के यूकेलिप्टस के पेड़ चोरी से काटकर फरार हो गए। इस सनसनीखेज घटना ने स्थानीय प्रशासन को हिलाकर रख दिया। जानकारी के अनुसार, चोरों ने रविवार की तड़के मौका पाकर तहसील परिसर में प्रवेश किया और वहां मौजूद तीन मूल्यवान यूकेलिप्टस के पेड़ों को काट लिया। इन पेड़ों की अनुमानित कीमत 30,000 रुपये से अधिक बताई जा रही है। चोरों ने ट्रैक्टर-ट्रॉली और पेड़ काटने की मशीन का उपयोग कर इस घटना को अंजाम दिया और मौके से फरार हो गए।

स्थानीय लोगों में इस घटना को लेकर गहरा आक्रोश है, क्योंकि तहसील परिसर जैसी सुरक्षित जगह पर इस तरह की चोरी ने सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सूचना मिलने पर तहसीलदार प्रवीण सिंह तुरंत मौके पर पहुंचे और मामले की जांच शुरू की। प्रारंभिक जांच में तहसीलदार ने संदेह जताया कि इस चोरी में तहसील के कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत हो सकती है। उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।

जांच शुरू, सीसीटीवी फुटेज की हो रही पड़ताल

तहसीलदार प्रवीण सिंह ने घटनास्थल का मुआयना करने के बाद पुलिस को सूचित किया और आसपास के क्षेत्र में लगे सीसीटीवी फुटेज की जांच शुरू कर दी गई है। तहसील परिसर के पास मौजूद कैमरों से प्राप्त फुटेज को खंगाला जा रहा है ताकि चोरों की पहचान हो सके। तहसीलदार ने कहा कि पेड़ काटने और उन्हें बेचने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस घटना ने तहसील परिसर की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाए हैं, क्योंकि एक सप्ताह पहले तेज आंधी-बारिश के कारण ये पेड़ क्षतिग्रस्त हुए थे, और संभवतः चोरों ने इसी कमजोरी का फायदा उठाया।

स्थानीय प्रशासन ने इस मामले को बेहद गंभीरता से लिया है और जल्द से जल्द दोषियों को पकड़ने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। क्षेत्रवासियों ने मांग की है कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए तहसील परिसर में सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया जाए। पुलिस और प्रशासन अब इस मामले की गहनता से जांच कर रहे हैं ताकि चोरों को शीघ्र पकड़ा जा सके और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

मुरादाबाद के ठाकुरद्वारा में पति ने की पत्नी की गला घोटकर हत्या, पुलिस पर उठे सवाल

पंडित अनिल शर्मा: उत्तर प्रदेश के जनपद मुरादाबाद के ठाकुरद्वारा में सोमवार को एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई, जहां पति-पत्नी के आपसी विवाद में पति ने अपनी पत्नी मंतशा की गला घोटकर हत्या कर दी। हत्या के बाद आरोपी पति फरार हो गया। मृतका के पिता इरशाद अली ने उसी दिन पुलिस को तहरीर देकर मामला दर्ज करने की मांग की थी, लेकिन मंगलवार की शाम तक पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई न होने से परिजनों और रिश्तेदारों का गुस्सा फूट पड़ा। भारी संख्या में लोग कोतवाली पहुंचे और पुलिस पर हत्या के आरोपी से साठगांठ का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया।

हंगामे के दौरान परिजनों ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया और पूछा कि सोमवार को दी गई तहरीर का क्या हुआ। पुलिस अधिकारियों ने किसी तरह समझा-बुझाकर स्थिति को शांत करने की कोशिश की और परिजनों से दूसरी तहरीर देने को कहा, जिससे परिजन और भड़क गए। घंटों चले हंगामे के बाद कोतवाली प्रभारी जसपाल सिंह ग्वाल ने परिजनों को शांत किया और दूसरी तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज करने का आश्वासन दिया।

दहेज उत्पीड़न का गंभीर आरोप, परिवार ने बताई आपबीती

मृतका मंतशा के पिता इरशाद अली ने दूसरी तहरीर में बताया कि उनकी बेटी की शादी 26 जनवरी 2025 को वार्ड नंबर 16 निवासी फारूक, पुत्र रईस अहमद, के साथ मुस्लिम रीति-रिवाजों के अनुसार हुई थी। शादी के कुछ समय बाद ही फारूक, उसका भाई शरीफ अहमद, पिता रईस अहमद और माता अनीशा ने मंतशा के साथ दहेज की मांग को लेकर मारपीट, गाली-गलौज और उत्पीड़न शुरू कर दिया। इरशाद अली ने बताया कि कई बार उनके दामाद और उसके परिजनों को समझाने की कोशिश की गई, लेकिन उनकी दहेज की मांग कम नहीं हुई।

इरशाद ने अपनी तहरीर में आरोप लगाया कि 21 जुलाई 2025 को फारूक, उसके भाई, माता-पिता और अन्य परिजनों ने मिलकर आपराधिक साजिश रची और मंतशा की गला घोटकर हत्या कर दी। सूचना मिलने पर जब परिवार और रिश्तेदार मौके पर पहुंचे, तो सभी आरोपी फरार हो चुके थे। मंतशा को अचेत अवस्था में पाया गया, उसके गले पर निशान थे। परिजन उसे तुरंत निजी अस्पताल ले गए, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा, जांच शुरू

लंबे हंगामे और परिजनों के दबाव के बाद कोतवाली प्रभारी जसपाल सिंह ग्वाल ने तहरीर के आधार पर फारूक, उसके भाई शरीफ अहमद, पिता रईस अहमद और माता अनीशा के खिलाफ हत्या और दहेज उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज किया। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और फरार आरोपियों की तलाश में छापेमारी की जा रही है। इस घटना ने स्थानीय स्तर पर दहेज उत्पीड़न और महिलाओं के खिलाफ हिंसा के मुद्दे को फिर से चर्चा में ला दिया है। परिजनों ने मांग की है कि आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर सख्त कार्रवाई की जाए।

मुख्यमंत्री पोर्टल पर की शिकायत अब जान के पीछे पड़ गए दबंग, गांव में मचा हड़कंप

 उत्तर प्रदेश के ठाकुरद्वारा क्षेत्र के कमालपुरी खालसा गांव में एक साधारण ग्रामीण, मोहम्मद रफी उर्फ छोटे, ने ग्राम समाज की जमीन पर हो रहे अवैध निर्माण के खिलाफ आवाज उठाई। लेकिन यह साहसिक कदम उनके लिए मुसीबत का सबब बन गया। रफी ने बताया कि एक तरफ जहां दबंग उनकी जान के पीछे पड़े हैं, वहीं दूसरी तरफ पुलिस की मिलीभगत के चलते उन्हें झूठे मुकदमों में फंसाने का डर सता रहा है। इस अन्याय के खिलाफ उन्होंने जिला प्रशासन और मुख्यमंत्री पोर्टल तक अपनी फरियाद पहुंचाई, मगर उनकी जिंदगी अब खतरे में है। यह कहानी न केवल एक व्यक्ति की हिम्मत को दर्शाती है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में जमीन के अवैध कब्जे की गंभीर समस्या को भी उजागर करती है।

अवैध निर्माण का पुराना विवाद

कमालपुरी खालसा गांव में गाटा संख्या 494 की 2.9 डिसमिल ग्राम समाज की जमीन पर गांव के ही राजीव उर्फ सुदेश ने अवैध रूप से मकान बनाना शुरू किया था। रफी ने कई महीने पहले इसकी शिकायत मुख्यमंत्री पोर्टल पर दर्ज कराई थी। उनकी शिकायत का असर हुआ और राजस्व प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए निर्माण कार्य रुकवा दिया। लेकिन मंगलवार को राजीव ने प्रशासन को खुलेआम चुनौती देते हुए विवादित मकान पर लिंटर डालने की कोशिश की। रफी ने तत्काल इसकी सूचना प्रशासन को दी, जिसके बाद उपजिलाधिकारी प्रीति सिंह ने सख्त रुख अपनाते हुए निर्माण कार्य को दोबारा रोक दिया। प्रीति सिंह ने स्पष्ट किया कि ग्राम समाज की एक इंच जमीन पर भी अवैध कब्जा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

समझौते का उल्लंघन और धमकियां

रफी के मुताबिक, पहले भी इस मामले में सामाजिक स्तर पर समझौता हुआ था। गांव के लोगों की मौजूदगी में राजीव ने वादा किया था कि वह ग्राम समाज की जमीन को कब्जामुक्त कर देगा। मगर, उसने न केवल अपने वादे को तोड़ा, बल्कि फिर से अवैध निर्माण शुरू कर दिया। जब रफी ने इसकी शिकायत दोबारा की, तो राजीव ने उन पर पैसे लेकर समझौता करने का झूठा आरोप लगाया और झूठे मुकदमों में फंसाने की धमकी दी। रफी का कहना है कि यह सब उनकी आवाज को दबाने की साजिश है।

जानलेवा हमले का डर

मामला यहीं नहीं रुका। रफी ने बताया कि सोमवार की शाम, जब वह उत्तराखंड के बाजपुर से एक रिश्तेदार के दाह संस्कार से लौट रहे थे, तभी भंवालपुरे के बाग के पास राजीव के परिवार वालों ने उन पर हमला करने की कोशिश की। किसी तरह वह वहां से भाग निकले, लेकिन अब उनकी जान को लगातार खतरा बना हुआ है। रफी का कहना है कि दबंगों की धमकियों और पुलिस की निष्क्रियता के कारण वह डर के साए में जी रहे हैं। उनकी शिकायत, जो ग्राम समाज की जमीन को बचाने की कोशिश थी, अब उनके लिए मुसीबत बन चुकी है।

प्रशासन की जवाबदेही और भविष्य

उपजिलाधिकारी प्रीति सिंह की त्वरित कार्रवाई ने यह साफ कर दिया है कि प्रशासन अवैध कब्जे के खिलाफ सख्त रुख अपनाने को तैयार है। लेकिन रफी जैसे साधारण ग्रामीणों की सुरक्षा एक बड़ा सवाल है। ग्राम समाज की जमीन पर अवैध कब्जे की समस्या उत्तर प्रदेश के कई गांवों में आम है, और इस तरह के मामले सामने आते रहते हैं। रफी की कहानी हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि क्या साहस के साथ सच बोलने की कीमत इतनी भारी होनी चाहिए? प्रशासन को न केवल अवैध निर्माण रोकने, बल्कि शिकायतकर्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भी ठोस कदम उठाने होंगे।

IND vs ENG शोएब अख्तर ने जसप्रीत बुमराह की गेंदबाजी पर उठाए सवाल

पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर ने हाल ही में पीटीवी स्पोर्ट्स पर एक साक्षात्कार के दौरान भारतीय तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह की गेंदबाजी पर सवाल उठाए। अख्तर, जो अपनी रफ्तार और आक्रामक गेंदबाजी के लिए जाने जाते हैं, ने कहा कि बुमराह की गेंदबाजी में अब वह लय और ताजगी नहीं दिख रही, जो पहले उनकी पहचान थी। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया दौरे का जिक्र करते हुए बताया कि वहां की कठिन परिस्थितियों, चोटों और थकान का असर बुमराह पर अभी भी बरकरार है। अख्तर ने कहा, “ऑस्ट्रेलिया का दौरा हमेशा कठिन होता है। वहां की चोटें और थकान शरीर में छह महीने तक रहती हैं। यह न सिर्फ शारीरिक, बल्कि मानसिक थकान भी है, जो गेंदबाज के प्रदर्शन को प्रभावित करती है।”

अख्तर का मानना है कि बुमराह की गेंदबाजी में अब वह सटीकता और फोकस नहीं दिख रहा, जो पहले उनकी ताकत थी। उन्होंने बुमराह की लेंथ और गेंदबाजी रणनीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि उनकी गेंदें अब पहले जैसी प्रभावी नहीं रह गई हैं। अख्तर ने यह भी बताया कि ऑस्ट्रेलिया जैसे दौरे गेंदबाजों के लिए शारीरिक और मानसिक रूप से बहुत चुनौतीपूर्ण होते हैं, और इसका असर लंबे समय तक रहता है। बुमराह, जो अपनी सटीक यॉर्कर और स्विंग के लिए प्रसिद्ध हैं, हाल के प्रदर्शनों में कुछ आलोचनाओं का सामना कर रहे हैं। अख्तर का यह बयान क्रिकेट जगत में चर्चा का विषय बन गया है, क्योंकि बुमराह को विश्व के सर्वश्रेष्ठ तेज गेंदबाजों में से एक माना जाता है।

बुमराह के प्रदर्शन पर असर और भविष्य की चुनौतियां

जसप्रीत बुमराह, जो भारतीय क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाजी आक्रमण के अगुआ हैं, ने पिछले कुछ वर्षों में अपनी शानदार गेंदबाजी से क्रिकेट प्रेमियों का दिल जीता है। उनकी अनोखी गेंदबाजी एक्शन और बल्लेबाजों को परेशान करने की क्षमता ने उन्हें विश्व क्रिकेट में एक खास मुकाम दिलाया है। हालांकि, अख्तर के बयान ने बुमराह के हालिया प्रदर्शन पर सवाल उठाए हैं। ऑस्ट्रेलिया दौरे के बाद से बुमराह की फॉर्म और फिटनेस पर लगातार चर्चा हो रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि लगातार क्रिकेट खेलने और चोटों से उबरने की प्रक्रिया ने उनके प्रदर्शन पर असर डाला है।

अख्तर ने यह भी सुझाव दिया कि बुमराह को अपनी गेंदबाजी में सुधार के लिए मानसिक और शारीरिक रूप से तरोताजा होने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि गेंदबाजों को लंबे समय तक शीर्ष स्तर पर प्रदर्शन करने के लिए अपने शरीर और दिमाग का खास ख्याल रखना पड़ता है। भारतीय टीम प्रबंधन और बुमराह के लिए यह एक चुनौती होगी कि वे उनकी फॉर्म और फिटनेस को वापस उसी स्तर पर लाएं, जहां वे पहले थे। क्रिकेट प्रशंसकों को उम्मीद है कि बुमराह जल्द ही अपनी पुरानी लय में लौटेंगे और एक बार फिर अपनी घातक गेंदबाजी से बल्लेबाजों को परेशान करेंगे। आगामी टूर्नामेंट्स में बुमराह का प्रदर्शन न केवल उनके लिए, बल्कि भारतीय टीम के लिए भी महत्वपूर्ण होगा।

WCL IND vs PAK: मोहम्मद सिराज का वायरल जवाब: “मुझे नहीं पता”

भारतीय क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज हाल ही में इंग्लैंड के खिलाफ चौथे टेस्ट मैच से पहले एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल हुए। इस दौरान पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए सिराज ने अपनी सादगी और हाजिरजवाबी से सभी का ध्यान खींचा। खास तौर पर, जब एक पत्रकार ने उनसे वर्ल्ड चैंपियंस लीग (WCL) में भारत और पाकिस्तान के बीच रद्द हुए बहुप्रतीक्षित मैच के बारे में सवाल किया, तो सिराज का जवाब सुनकर माहौल में उत्सुकता के साथ-साथ हंसी की लहर दौड़ गई। सिराज ने हल्के अंदाज में कहा, “मुझे इस बारे में कुछ नहीं पता।” उनके इस जवाब ने न केवल प्रेस कॉन्फ्रेंस को हल्का-फुल्का बना दिया, बल्कि यह सोशल मीडिया पर भी तेजी से वायरल हो गया।

पत्रकार ने सिराज से आगे पूछा कि क्या भारत आगामी आईसीसी टूर्नामेंटों में पाकिस्तान के खिलाफ खेलेगा। इस सवाल पर भी सिराज ने अपनी सादगी बरकरार रखते हुए उसी जवाब को दोहराया, “मुझे नहीं पता।” यह जवाब सुनकर वहां मौजूद पत्रकार और प्रशंसक हैरान रह गए। सिराज का यह सीधा-सादा अंदाज उनकी निजी शैली को दर्शाता है, जो मैदान पर उनकी आक्रामक गेंदबाजी के बिल्कुल विपरीत है। सोशल मीडिया पर प्रशंसकों ने इस जवाब को लेकर कई मजेदार मीम्स और टिप्पणियां साझा कीं, जिसमें कुछ ने उनकी सादगी की तारीफ की, तो कुछ ने इसे मजाकिया अंदाज में लिया।

सादगी और विवादों से दूरी

सिराज का यह जवाब न केवल उनकी सादगी को उजागर करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि वह मैदान के बाहर अनावश्यक विवादों और चर्चाओं से दूर रहना पसंद करते हैं। भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच हमेशा से ही विश्व क्रिकेट में सबसे ज्यादा चर्चित और भावनात्मक मुकाबलों में से एक रहे हैं। इन दोनों देशों के बीच होने वाले मैच न केवल खेल के दृष्टिकोण से, बल्कि सामाजिक और राजनीतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण होते हैं। ऐसे में, सिराज का इस तरह के सवालों से बचना उनके पेशेवर रवैये को दर्शाता है।

सिराज ने हमेशा अपने खेल पर ध्यान केंद्रित किया है और मैदान पर अपने प्रदर्शन से सुर्खियां बटोरी हैं। इंग्लैंड के खिलाफ मौजूदा टेस्ट सीरीज में भी उनकी गेंदबाजी ने बल्लेबाजों को खासा परेशान किया है। उनकी रफ्तार, स्विंग और आक्रामकता ने उन्हें भारतीय तेज गेंदबाजी आक्रमण का अहम हिस्सा बनाया है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में उनके जवाबों ने एक बार फिर साबित किया कि वह मैदान के बाहर विवादों से ज्यादा अपने खेल को तवज्जो देते हैं।

सोशल मीडिया पर सिराज के इस जवाब को लेकर प्रशंसकों ने मिली-जुली प्रतिक्रियाएं दीं। कुछ ने इसे उनकी विनम्रता और सादगी का प्रतीक बताया, तो कुछ ने इसे मजाकिया अंदाज में लिया। एक यूजर ने लिखा, “सिराज भाई को बस गेंदबाजी पता है, बाकी सब ‘मुझे नहीं पता’!” वहीं, एक अन्य प्रशंसक ने ट्वीट किया, “सिराज का यह जवाब बिल्कुल वैसा ही है, जैसे वह बल्लेबाजों को अपनी गेंदों से जवाब देते हैं- सटीक और बिना किसी लाग-लपेट के।”

कुल मिलाकर, सिराज का यह जवाब न केवल उनके व्यक्तित्व को दर्शाता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि वह अपने खेल पर ध्यान देना पसंद करते हैं। उनकी यह सादगी और मैदान पर प्रदर्शन उन्हें भारतीय क्रिकेट प्रशंसकों का चहेता बनाता है। जैसे-जैसे टेस्ट सीरीज आगे बढ़ेगी, प्रशंसकों को उम्मीद है कि सिराज अपनी गेंदबाजी से और अधिक सुर्खियां बटोरेंगे, न कि प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिए गए जवाबों से।

मर्दाना कमजोरी: एक बढ़ती समस्या, आज से ही खाना शुरू करें ये 2 चीजें

आज की तेज़ रफ्तार जिंदगी में, पुरुषों में शारीरिक और मानसिक कमजोरी की समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं। अनियमित दिनचर्या, तनाव, गलत खानपान और पोषक तत्वों की कमी इसके प्रमुख कारण हैं। कई पुरुष न केवल शारीरिक कमजोरी से जूझ रहे हैं, बल्कि इससे उनके वैवाहिक जीवन और आत्मविश्वास पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, खराब जीवनशैली के कारण पुरुषों में हृदय रोग, मधुमेह और प्रजनन संबंधी समस्याएं बढ़ रही हैं। ऐसे में, प्राकृतिक और पौष्टिक खाद्य पदार्थों का सेवन पुरुषों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। इस लेख में, हम दो ऐसे शक्तिशाली खाद्य पदार्थों—अलसी के बीज और गाजर—के फायदों पर चर्चा करेंगे, जो पुरुषों की सेहत को नई दिशा दे सकते हैं।

अलसी के बीज: पोषण का पावरहाउस

अलसी के बीज, जिन्हें फ्लैक्ससीड्स भी कहा जाता है, एक छोटा सा बीज है जो पोषक तत्वों का खजाना है। ये बीज ओमेगा-3 फैटी एसिड, फाइबर, प्रोटीन और लिग्नन्स से भरपूर होते हैं। पुरुषों के लिए अलसी के बीज विशेष रूप से फायदेमंद हैं क्योंकि ये हृदय स्वास्थ्य को बेहतर बनाते हैं और टेस्टोस्टेरोन के स्तर को संतुलित करने में मदद करते हैं। एक अध्ययन के अनुसार, अलसी के बीज में मौजूद लिग्नन्स पुरुषों में प्रोस्टेट स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में सहायक होते हैं। इसके अलावा, ये बीज पाचन तंत्र को मजबूत करते हैं और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। अलसी के बीज को अपनी डाइट में शामिल करने के लिए, आप इन्हें स्मूदी, दही या सलाद में मिला सकते हैं। रोजाना 1-2 चम्मच अलसी के बीज का सेवन आपके शरीर को ऊर्जा से भर देगा और मर्दाना कमजोरी को दूर करने में मदद करेगा।

गाजर: सेहत का रंगीन खजाना

गाजर न केवल स्वादिष्ट होती है, बल्कि पुरुषों के स्वास्थ्य के लिए भी एक वरदान है। गाजर में बीटा-कैरोटीन, विटामिन ए, विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट्स प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। ये पोषक तत्व शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं और शारीरिक कमजोरी को दूर करते हैं। गाजर का नियमित सेवन पुरुषों में रक्त संचार को बेहतर बनाता है, जो वैवाहिक जीवन को सुखमय बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके अलावा, गाजर में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स पुरुषों में प्रजनन स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। आप गाजर को सलाद, जूस या सब्जी के रूप में अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं। रोजाना एक गाजर खाने से आपकी त्वचा, आंखें और समग्र स्वास्थ्य में सुधार होगा।

स्वस्थ जीवनशैली के लिए आसान टिप्स

अलसी के बीज और गाजर को अपनी डाइट में शामिल करने के साथ-साथ, पुरुषों को अपनी जीवनशैली में कुछ अन्य बदलाव भी करने चाहिए। नियमित व्यायाम, पर्याप्त नींद और तनाव प्रबंधन स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण हैं। इसके अलावा, प्रोसेस्ड फूड, जंक फूड और अत्यधिक शराब के सेवन से बचना चाहिए। पानी का पर्याप्त सेवन और नियमित स्वास्थ्य जांच भी जरूरी हैं। अलसी के बीज और गाजर जैसे प्राकृतिक खाद्य पदार्थों को अपनी दिनचर्या में शामिल करके और स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर, पुरुष न केवल शारीरिक रूप से मजबूत बन सकते हैं, बल्कि अपने आत्मविश्वास और वैवाहिक जीवन को भी बेहतर बना सकते हैं। प्रकृति के इन अनमोल उपहारों का लाभ उठाएं और अपने स्वास्थ्य को लोहे जैसा मजबूत बनाएं।

कम वजन की समस्या: क्या है इसका कारण?

दुनिया भर में जहां मोटापा एक बड़ी स्वास्थ्य समस्या बन चुका है, वहीं कम वजन या दुबलापन भी कई लोगों के लिए परेशानी का सबब है। कम वजन होने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे तेज मेटाबॉलिज्म, अपर्याप्त पोषण, तनाव, अनुवांशिक कारण, या कोई अंतर्निहित स्वास्थ्य समस्या। कई लोग प्रोटीन युक्त आहार लेते हैं और जिम में घंटों मेहनत करते हैं, लेकिन फिर भी वजन बढ़ाने में असफल रहते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, सही दृष्टिकोण और नियमित दिनचर्या के साथ वजन बढ़ाना संभव है। आइए, कुछ प्रभावी और प्राकृतिक उपायों पर नजर डालें, जो सिर्फ एक हफ्ते में आपके वजन को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं।

प्रोटीन और कैलोरी से भरपूर आहार लें

वजन बढ़ाने का पहला और सबसे महत्वपूर्ण कदम है अपने आहार में कैलोरी और प्रोटीन की मात्रा बढ़ाना। अपने रोजाना के भोजन में उच्च कैलोरी वाले खाद्य पदार्थ जैसे दूध, मक्खन, घी, मूंगफली, बादाम, काजू, और केले शामिल करें। सुबह के नाश्ते में दूध के साथ मूसली, ओट्स, या पराठे खाएं। दोपहर और रात के भोजन में दाल, चावल, रोटी, और हरी सब्जियों के साथ घी का उपयोग करें। प्रोटीन के लिए अंडे, पनीर, सोयाबीन, और चिकन जैसे खाद्य पदार्थ शामिल करें। दिन में 5-6 छोटे-छोटे भोजन लेना बेहतर है, ताकि शरीर को लगातार ऊर्जा और पोषण मिलता रहे। इसके अलावा, घर पर बने प्रोटीन शेक, जैसे केला और बादाम के साथ दूध का शेक, वजन बढ़ाने में बहुत प्रभावी हो सकता है।

व्यायाम और मांसपेशियों का निर्माण

केवल खाने से वजन बढ़ाना पर्याप्त नहीं है; सही व्यायाम भी जरूरी है। जिम में वेट लिफ्टिंग और स्ट्रेंथ ट्रेनिंग पर ध्यान दें, जो मांसपेशियों को मजबूत करने और वजन बढ़ाने में मदद करते हैं। स्क्वाट्स, डेडलिफ्ट्स, और बेंच प्रेस जैसे व्यायाम मांसपेशियों के निर्माण में सहायक हैं। अगर जिम जाना संभव न हो, तो घर पर पुश-अप्स, डंबल एक्सरसाइज, और योग जैसे सूर्य नमस्कार भी लाभकारी हैं। सप्ताह में कम से कम 4-5 दिन 30-45 मिनट का व्यायाम करें। ध्यान रखें कि व्यायाम के बाद पर्याप्त आराम और पोषण लेना जरूरी है, ताकि मांसपेशियां ठीक हो सकें और बढ़ सकें।

घरेलू नुस्खे और जीवनशैली में बदलाव

कुछ आसान घरेलू नुस्खे भी वजन बढ़ाने में कारगर हो सकते हैं। रोजाना रात को सोने से पहले एक गिलास गर्म दूध में एक चम्मच अश्वगंधा पाउडर और शहद मिलाकर पिएं। यह मेटाबॉलिज्म को संतुलित करता है और मांसपेशियों के विकास में मदद करता है। इसके अलावा, खजूर और किशमिश को दूध में उबालकर खाना भी फायदेमंद है। तनाव और नींद की कमी वजन बढ़ाने में बाधा डाल सकती हैं, इसलिए 7-8 घंटे की अच्छी नींद और तनावमुक्त रहना जरूरी है। ध्यान और प्राणायाम जैसी तकनीकें तनाव को कम करने में मददगार हो सकती हैं। पर्याप्त पानी पीना और धूम्रपान या शराब से बचना भी वजन बढ़ाने की प्रक्रिया को तेज करता है।

धैर्य और निरंतरता: सफलता की कुंजी

वजन बढ़ाना एक रात की प्रक्रिया नहीं है; इसमें समय, धैर्य, और निरंतरता की जरूरत होती है। अपने आहार और व्यायाम की दिनचर्या को नियमित रूप से फॉलो करें। हर हफ्ते अपने वजन की जांच करें और प्रगति को नोट करें। अगर एक हफ्ते में कोई खास बदलाव न दिखे, तो निराश न हों। अपने आहार में और कैलोरी बढ़ाएं या किसी पोषण विशेषज्ञ से सलाह लें। यह भी सुनिश्चित करें कि कोई स्वास्थ्य समस्या, जैसे थायरॉइड या पाचन संबंधी दिक्कत, आपके वजन बढ़ाने में बाधा तो नहीं डाल रही। इन उपायों को अपनाकर आप न केवल वजन बढ़ा सकते हैं, बल्कि स्वस्थ और आत्मविश्वास से भरा जीवन भी जी सकते हैं।

पुलिस कार्रवाई और सपा का विरोध: योगेंद्र राणा फरार, मोबाइल स्विच ऑफ

करणी सेना के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ठाकुर योगेंद्र सिंह राणा द्वारा समाजवादी पार्टी (सपा) की कैराना सांसद इकरा हसन के खिलाफ सोशल मीडिया पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी ने उत्तर प्रदेश की राजनीति में हलचल मचा दी है। राणा ने एक वीडियो और पोस्ट में सांसद इकरा हसन से निकाह का प्रस्ताव देते हुए अभद्र और असंवेदनशील टिप्पणी की, जिसके बाद समाजवादी पार्टी में आक्रोश फैल गया।

इस मामले में मुरादाबाद के कटघर थाने में सुनीता सिंह की तहरीर पर राणा के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 79 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाना), धारा 356(2) (आपराधिक मानहानि) और आईटी एक्ट की धारा 67 (आपत्तिजनक सामग्री का प्रसार) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।वीडियो वायरल होने के बाद मुरादाबाद की सपा इकाई ने त्वरित कार्रवाई की मांग की।

शनिवार को सपा के जिलाध्यक्ष जयवीर सिंह यादव के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने एसपी सिटी से मुलाकात की। इस दौरान सपा की महानगर अधिवक्ता सभा की अध्यक्ष सुनीता सिंह ने तहरीर दी, जिसमें उन्होंने राणा की टिप्पणी को अशोभनीय, अपमानजनक और सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ने वाला बताया। सुनीता ने कहा कि इस तरह की टिप्पणी एक निर्वाचित महिला सांसद के सम्मान को ठेस पहुंचाने के साथ-साथ पूरे महिला समाज और लोकतांत्रिक मूल्यों का अपमान है।

मामला दर्ज होने के बाद ठाकुर योगेंद्र राणा फरार हो गए हैं और उनका मोबाइल फोन स्विच ऑफ है। मुरादाबाद पुलिस उनकी तलाश में संभावित स्थानों पर छापेमारी कर रही है। एसपी सिटी कुमार रणविजय सिंह ने बताया कि वीडियो की जांच शुरू कर दी गई है और आरोपी को शीघ्र गिरफ्तार करने के प्रयास किए जा रहे हैं।

सपा के पूर्व सांसद डॉ. एसटी हसन ने इस घटना को न केवल इकरा हसन, बल्कि पूरे मुस्लिम समाज और भारतीय संसद का अपमान बताया। उन्होंने सरकार से कठोर कार्रवाई की मांग की और सवाल उठाया कि जब एक महिला सांसद का सार्वजनिक अपमान हो सकता है, तो आम महिलाओं की सुरक्षा की क्या गारंटी है? सपा सांसद रुचि वीरा ने भी इस मामले को संसद में उठाने की बात कही।

इस विवाद ने सामाजिक और राजनीतिक स्तर पर व्यापक बहस छेड़ दी है। कई नेताओं और संगठनों ने राणा की टिप्पणी की निंदा करते हुए इसे समाज में नफरत फैलाने का प्रयास बताया। दूसरी ओर, राष्ट्रीय करणी सेना संघ के अध्यक्ष नीरज सिंह चौहान ने दावा किया कि योगेंद्र राणा का उनकी संगठन से कोई संबंध नहीं है।

पश्चिमी उत्तर प्रदेश में ड्रोन की रहस्यमयी उड़ान से दहशत,स्योहारा में दुखद हादसा

ग्रामीण इलाकों में फैली बेचैनी

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद, बिजनौर, अमरोहा, संभल, बदायूं और हापुड़ के गांवों और कस्बों में रहस्यमयी ड्रोन की उड़ान ने लोगों में भय और बेचैनी का माहौल पैदा कर दिया है। रात के समय आसमान में मंडराते ये ड्रोन अब केवल अज्ञात उड़ने वाली वस्तुएं नहीं हैं, बल्कि इनके दिखने के बाद चोरी, लूट और अन्य संदिग्ध गतिविधियों की घटनाओं ने ग्रामीणों को चिंता में डाल दिया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इन ड्रोन की मौजूदगी के बाद असामाजिक तत्व सक्रिय हो गए हैं, जिससे रात में घरों की सुरक्षा को लेकर डर बढ़ गया है। कई गांवों में लोग रात में जागकर पहरा दे रहे हैं, और सामूहिक रूप से निगरानी कर रहे हैं। पुलिस ने मामले की जांच शुरू की है, लेकिन अभी तक ड्रोन के स्रोत या उनके संचालकों का कोई पुख्ता सुराग नहीं मिल सका है।

स्योहारा में दुखद हादसा

बिजनौर के स्योहारा थाना क्षेत्र के गांव कोलासागर में ड्रोन से जुड़ा एक दुखद हादसा सामने आया है। 45 वर्षीय सुरेंद्र उर्फ सोनू की छत से गिरकर मौत हो गई, जब वह रात में ड्रोन की वीडियो बनाने की कोशिश कर रहा था। बताया जाता है कि सुरेंद्र छत पर सो रहा था, तभी ड्रोन की आवाज सुनकर वह जाग गया और अपने मोबाइल से वीडियो बनाने की कोशिश करने लगा। इसी दौरान उसका संतुलन बिगड़ गया और वह नीचे गिर पड़ा, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। पुलिस इस घटना को सामान्य हादसा मान रही है और पोस्टमॉर्टम के बाद आगे की जांच कर रही है। हालांकि, ग्रामीण इस घटना को रहस्यमयी ड्रोन की गतिविधियों से जोड़कर देख रहे हैं और इसे लेकर और अधिक आशंकाएं बढ़ गई हैं। इस हादसे ने इलाके में डर का माहौल और गहरा कर दिया है।

प्रशासन से कार्रवाई की मांग

स्थानीय लोग प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि ड्रोन की उड़ान पर तुरंत रोक लगाई जाए और उनके संचालकों की पहचान की जाए। कुछ ग्रामीणों का मानना है कि ये ड्रोन तस्करी, जासूसी या अन्य अवैध गतिविधियों के लिए इस्तेमाल हो रहे हैं। अमरोहा के एक निवासी ने कहा, “रात में ड्रोन की आवाज सुनकर लोग डर जाते हैं। प्रशासन को इस पर तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए।” पुलिस ने कुछ इलाकों में ड्रोन की निगरानी के लिए ड्रोन-रोधी तकनीक का उपयोग शुरू किया है, लेकिन उनकी सीमित पहुंच के कारण यह प्रयास अपर्याप्त साबित हो रहा है। ग्रामीणों ने रात में ड्रोन उड़ाने पर पूर्ण प्रतिबंध और जागरूकता अभियान की मांग की है। प्रशासन ने केंद्र सरकार और तकनीकी विशेषज्ञों से सहायता मांगी है ताकि इन ड्रोन के स्रोत का पता लगाया जा सके। इस बीच, लोग अपनी सुरक्षा के लिए सामूहिक रूप से रात में गश्त कर रहे हैं और संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रख रहे हैं।