उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का इस्तीफा, जानें क्या बताई वजह

भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को एक पत्र लिखकर अपने फैसले की जानकारी दी, जिसमें उन्होंने स्वास्थ्य संबंधी कारणों को अपने इस्तीफे का आधार बताया। यह पहला मौका है जब भारत के किसी उपराष्ट्रपति ने स्वास्थ्य कारणों से अपने पद को छोड़ा है। धनखड़ ने 11 अगस्त 2022 को 14वें उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी और उनके कार्यकाल को उनके संवैधानिक दायित्वों के प्रति समर्पण के लिए जाना जाता है। उनके इस अप्रत्याशित कदम ने देश की राजनीति में हलचल मचा दी है।

जगदीप धनखड़ ने अपने पत्र में लिखा कि उन्होंने चिकित्सा सलाह का पालन करते हुए स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने का निर्णय लिया है। हाल ही में उनकी तबीयत को लेकर कई खबरें सामने आई थीं। मार्च 2025 में, धनखड़ को सीने में दर्द और बेचैनी के कारण दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती कराया गया था, जहां उनकी एंजियोप्लास्टी की गई थी। उनकी स्थिति स्थिर बताई गई थी, और उन्हें 12 मार्च को अस्पताल से छुट्टी मिली थी। इसके बाद जून 2025 में नैनीताल में एक कार्यक्रम के दौरान भी उनकी तबीयत बिगड़ने की खबर आई थी, हालांकि बाद में इसे सामान्य बताया गया। इन घटनाओं ने उनके स्वास्थ्य को लेकर चिंताएं बढ़ा दी थीं।

धनखड़ का राजनीतिक सफर और इस्तीफे का प्रभाव

जगदीप धनखड़ का राजनीतिक करियर चार दशकों से अधिक का रहा है। 1951 में राजस्थान के झुंझुनू जिले के किठाना गांव में जन्मे धनखड़ ने वकालत से अपने करियर की शुरुआत की और राजस्थान हाईकोर्ट में सीनियर एडवोकेट के रूप में ख्याति प्राप्त की। 1989 में वे जनता दल के टिकट पर झुंझुनू से लोकसभा सांसद बने। बाद में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) जॉइन की और 2019 से 2022 तक पश्चिम बंगाल के राज्यपाल रहे। 2022 में उन्होंने उपराष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को हराकर जीत हासिल की थी।

उनके इस्तीफे ने भारतीय राजनीति में कई सवाल खड़े कर दिए हैं। उपराष्ट्रपति के रूप में उनकी भूमिका, विशेष रूप से राज्यसभा के सभापति के तौर पर, महत्वपूर्ण रही है। हालांकि, उनके कार्यकाल में विपक्ष ने उन पर पक्षपात का आरोप भी लगाया था, जिसके चलते 2024 में उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की चर्चा हुई थी। धनखड़ के इस्तीफे से अब नए उपराष्ट्रपति की नियुक्ति का रास्ता खुल गया है, जिसके लिए जल्द ही चुनाव प्रक्रिया शुरू हो सकती है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उनके स्वास्थ्य के लिए शुभकामनाएं दी हैं और उनके योगदान की सराहना की है। यह कदम देश के संवैधानिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ माना जा रहा है।

UP के जंगल में मिला यह अनोमल ‘खजाना’ बदल सकता है पूरे भारत की तकदीर…

उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले के म्योरपुर ब्लॉक में स्थित चितपहरी जंगल में परमाणु ऊर्जा विभाग (डीएई) ने एक महत्वपूर्ण अभियान शुरू किया है। इस अभियान के तहत यूरेनियम जैसे मूल्यवान खनिजों की खोज के लिए 1100 फीट गहरी खुदाई की जा रही है। यह कार्य पूरी तरह गुप्त रखा गया है, और सुरक्षा कारणों से इसे गोपनीयता के साथ अंजाम दिया जा रहा है। परमाणु ऊर्जा विभाग की विशेषज्ञ टीम हेलीकॉप्टर और एरो मैग्नेटिक सिस्टम जैसे उन्नत तकनीकी उपकरणों का उपयोग कर इस क्षेत्र में यूरेनियम भंडार की मौजूदगी की पुष्टि करने में जुटी है। यह खोज न केवल सोनभद्र बल्कि देश की ऊर्जा आवश्यकताओं के लिए भी महत्वपूर्ण साबित हो सकती है।

सोनभद्र का यह क्षेत्र पहले भी खनिज संपदा के लिए चर्चा में रहा है। जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (जीएसआई) की टीम ने इस क्षेत्र में सोने और अन्य खनिजों की मौजूदगी की पुष्टि की थी। अब यूरेनियम की खोज ने इस क्षेत्र को और महत्वपूर्ण बना दिया है। परमाणु ऊर्जा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि चितपहरी जंगल और आसपास के क्षेत्रों में यूरेनियम की मौजूदगी की संभावना काफी अधिक है। इस खोज से भारत की परमाणु ऊर्जा उत्पादन क्षमता को बढ़ाने में मदद मिल सकती है, क्योंकि यूरेनियम परमाणु रिएक्टरों में ईंधन के रूप में उपयोग होता है।

यूरेनियम खनन का महत्व और भविष्य की संभावनाएं

यूरेनियम एक दुर्लभ और अत्यंत मूल्यवान खनिज है, जिसका उपयोग मुख्य रूप से परमाणु ऊर्जा संयंत्रों में बिजली उत्पादन के लिए किया जाता है। एक किलोग्राम यूरेनियम से 24,000 मेगावाट बिजली उत्पन्न की जा सकती है, जो इसे ऊर्जा के क्षेत्र में अत्यंत महत्वपूर्ण बनाता है। सोनभद्र में यूरेनियम भंडार की खोज भारत की ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम हो सकता है। यह खोज न केवल आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भारत को वैश्विक परमाणु ऊर्जा बाजार में मजबूत स्थिति प्रदान कर सकती है।

हालांकि, इस खनन प्रक्रिया से पर्यावरण और स्थानीय समुदायों पर भी प्रभाव पड़ सकता है। खनन के कारण जंगल और आसपास के क्षेत्रों में पर्यावरणीय बदलाव हो सकते हैं, और स्थानीय लोगों के विस्थापन का मुद्दा भी उठ सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि यूरेनियम की गुणवत्ता और उसकी मात्रा का आकलन करने के लिए अभी और सर्वेक्षण की आवश्यकता है। परमाणु ऊर्जा विभाग ने यह सुनिश्चित करने के लिए कड़े सुरक्षा मानकों का पालन करने का आश्वासन दिया है ताकि पर्यावरण और स्थानीय समुदायों पर न्यूनतम प्रभाव पड़े। इस अभियान के परिणाम आने वाले महीनों में स्पष्ट होंगे, और यह भारत के परमाणु ऊर्जा क्षेत्र के लिए एक नया अध्याय खोल सकता है।

बेन स्टोक ने इस खिलाड़ी को क्यों बताया दुनिया का सबसे महान क्रिकेटर, जाने वजह

क्रिकेट की दुनिया में जब भी महान खिलाड़ियों की बात होती है, तो सचिन तेंदुलकर, ब्रायन लारा, रिकी पॉन्टिंग जैसे दिग्गजों के नाम सबसे पहले सामने आते हैं। ये खिलाड़ी अपनी बल्लेबाजी, रिकॉर्ड्स और खेल के प्रति समर्पण के लिए जाने जाते हैं। लेकिन हाल ही में इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स ने एक ऐसे खिलाड़ी को दुनिया का सबसे महान क्रिकेटर करार दिया, जिसके नाम ने क्रिकेट प्रशंसकों को हैरान कर दिया। स्टोक्स ने दक्षिण अफ्रीका के पूर्व ऑलराउंडर जैक कैलिस को इस खिताब का हकदार बताया। स्टोक्स का यह बयान न केवल चर्चा का विषय बन गया, बल्कि इसने कैलिस के शानदार करियर को फिर से सुर्खियों में ला दिया।

जैक कैलिस को क्रिकेट इतिहास में सबसे संपूर्ण खिलाड़ियों में से एक माना जाता है। उन्होंने बल्लेबाजी, गेंदबाजी और क्षेत्ररक्षण में अपनी असाधारण प्रतिभा का प्रदर्शन किया। स्टोक्स ने कैलिस की तारीफ करते हुए कहा कि उनकी ऑलराउंड क्षमता, निरंतरता और दबाव में प्रदर्शन उन्हें दूसरों से अलग बनाता है। कैलिस ने अपने करियर में टेस्ट और वनडे दोनों प्रारूपों में अभूतपूर्व सफलता हासिल की, जो बहुत कम खिलाड़ी कर पाए हैं। स्टोक्स का मानना है कि कैलिस का खेल पर प्रभाव और उनके आंकड़े उन्हें क्रिकेट के इतिहास में सबसे ऊपर रखते हैं।

जैक कैलिस का शानदार करियर और उनके रिकॉर्ड्स

जैक कैलिस का क्रिकेट करियर वाकई में अद्वितीय है। उन्होंने 166 टेस्ट मैचों में 13,289 रन बनाए, जिसमें 45 शतक और 58 अर्धशतक शामिल हैं। उनकी बल्लेबाजी औसत 55.37 रही, जो उनकी निरंतरता को दर्शाता है। इसके अलावा, उन्होंने 200 टेस्ट विकेट भी लिए, जो उनकी गेंदबाजी प्रतिभा का प्रमाण है। वनडे क्रिकेट में भी कैलिस का प्रदर्शन शानदार रहा। उन्होंने 328 वनडे मैचों में 11,579 रन बनाए और 273 विकेट हासिल किए। उनकी ऑलराउंड क्षमता ने दक्षिण अफ्रीका को कई यादगार जीत दिलाई।

कैलिस की खासियत थी कि वह किसी भी परिस्थिति में खेल को नियंत्रित कर सकते थे। चाहे बल्ले से रन बनाना हो, गेंद से विकेट लेना हो या फील्डिंग में रन रोकना हो, कैलिस हर क्षेत्र में माहिर थे। उनकी शांत स्वभाव और तकनीकी दक्षता ने उन्हें मुश्किल परिस्थितियों में भी अडिग रहने की क्षमता दी। स्टोक्स ने कैलिस की तुलना करते हुए कहा कि आधुनिक क्रिकेट में इतने संपूर्ण खिलाड़ी मिलना मुश्किल है।

कैलिस के करियर की एक और खास बात थी उनकी लंबी अवधि तक उच्च स्तर पर खेलने की क्षमता। 1995 से 2014 तक उन्होंने लगातार शानदार प्रदर्शन किया और कई ऐतिहासिक जीत में दक्षिण अफ्रीका का नेतृत्व किया। स्टोक्स का यह बयान न केवल कैलिस की महानता को रेखांकित करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि क्रिकेट में ऑलराउंडरों का योगदान कितना महत्वपूर्ण होता है। कैलिस जैसे खिलाड़ी न केवल अपनी टीम के लिए बल्कि पूरे क्रिकेट जगत के लिए प्रेरणा हैं।

प्रिया सरोज की सादगी ने जीता दिल: गांव के खेतों में की धान की रोपाई

वाराणसी के पिंडरा तहसील स्थित अपने पैतृक गांव करखियाव में रविवार को समाजवादी पार्टी की सांसद प्रिया सरोज ने एक बार फिर अपनी जड़ों से गहरा जुड़ाव दर्शाया। उत्तर प्रदेश की मछलीशहर सीट से सांसद प्रिया सरोज अपने गांव पहुंचीं, जहां उन्होंने न केवल गांव की ताजी हवा में सांस ली, बल्कि स्थानीय महिलाओं और सहेलियों के साथ खेतों में उतरकर धान की रोपाई की। सादे कपड़ों में, नंगे पांव, और कीचड़ भरे खेतों में काम करती प्रिया का यह अंदाज देखकर हर कोई हैरान रह गया। इस दृश्य ने न केवल स्थानीय लोगों को प्रभावित किया, बल्कि यह संदेश भी दिया कि सत्ता के शीर्ष पर पहुंचने के बाद भी वे अपनी मिट्टी और संस्कृति से उतनी ही मजबूती से जुड़ी हैं।

प्रिया ने इस खास पल को अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर साझा किया, जहां उन्होंने एक वीडियो के साथ कैप्शन लिखा, “हमारा गांव…”। यह छोटा सा कैप्शन उनके दिल में बसे गांव और वहां की मिट्टी के प्रति उनके गहरे प्रेम को बयां करता है। वीडियो में प्रिया को खेतों में धान की रोपाई करते हुए देखा जा सकता है, जहां वे पूरी तन्मयता के साथ स्थानीय महिलाओं के साथ काम कर रही हैं। इस वीडियो ने सोशल मीडिया पर तहलका मचा दिया है और लोग उनकी सादगी और जमीनी जुड़ाव की जमकर तारीफ कर रहे हैं।

सोशल मीडिया पर वायरल हुआ प्रिया का जमीनी अंदाज

प्रिया सरोज का यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। उनके इस कदम ने न केवल उनके समर्थकों, बल्कि आम लोगों का भी दिल जीत लिया है। लोग उनके इस जमीनी अंदाज को देखकर कह रहे हैं कि प्रिया ने साबित कर दिया है कि सत्ता और शोहरत उनके मूल्यों और संस्कृति को नहीं बदल सकती। खेतों में काम करने का उनका यह कदम न केवल उनकी सादगी को दर्शाता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि वे अपने क्षेत्र के लोगों की जिंदगी और मेहनत को कितनी गहराई से समझती हैं।

स्थानीय लोगों ने प्रिया के इस कदम की सराहना करते हुए कहा कि एक सांसद का इस तरह खेतों में उतरना न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि यह ग्रामीण जीवन और खेती की चुनौतियों के प्रति उनकी संवेदनशीलता को भी दर्शाता है। प्रिया का यह कदम युवाओं और विशेष रूप से महिलाओं के लिए एक मिसाल है, जो यह दिखाता है कि मेहनत और अपनी जड़ों से जुड़ाव कितना महत्वपूर्ण है। सोशल मीडिया पर लोगों ने कमेंट्स में लिखा, “प्रिया जी ने दिखा दिया कि असली नेता वही है, जो अपने लोगों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करे।”

प्रिया सरोज का यह कदम निश्चित रूप से उनके क्षेत्र में एक सकारात्मक संदेश देगा और लोगों को अपनी जड़ों से जुड़े रहने की प्रेरणा देगा। उनकी यह सादगी और मेहनत न केवल उनके व्यक्तित्व को उजागर करती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि वे अपने क्षेत्र की समस्याओं को करीब से समझने और उनके समाधान के लिए प्रतिबद्ध हैं।

ठाकुरद्वारा में पति बना हैवान, पत्नी की गला घोंटकर हत्या, वजह जान रह जाएंगे दंग

अनिल शर्मा: मुरादाबाद जनपद के ठाकुरद्वारा क्षेत्र में सोमवार को एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई। वार्ड नंबर 16, नई बस्ती निवासी उमर फारुख, पुत्र रईस हलीम, ने मामूली घरेलू विवाद के चलते अपनी पत्नी मन्तशा की गला घोंटकर हत्या कर दी। इस घटना ने न केवल मृतका के परिवार, बल्कि पूरे मोहल्ले को स्तब्ध कर दिया। घटना के बाद से आरोपी उमर फारुख फरार है, और पुलिस उसकी तलाश में जुट गई है।

दोपहर के समय उमर फारुख और मन्तशा के बीच किसी बात को लेकर कहासुनी शुरू हुई, जो देखते ही देखते हिंसक रूप ले लिया। विवाद इतना बढ़ गया कि उमर फारुख ने गुस्से में आकर अपनी पत्नी मन्तशा का गला घोंट दिया। मन्तशा बेहोश होकर जमीन पर गिर पड़ी। शोर-शराबा सुनकर आसपास के लोग मौके पर एकत्र हो गए और आनन-फानन में मन्तशा को ठाकुरद्वारा के एक निजी अस्पताल ले जाया गया। वहां चिकित्सकों ने प्रारंभिक जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया। इसके बावजूद, परिजन उसे काशीपुर के एक अन्य निजी अस्पताल ले गए, जहां चिकित्सकों ने भी मन्तशा की मृत्यु की पुष्टि कर दी।

घटना की सूचना मिलते ही कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची और मृतका के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। पुलिस ने आरोपी उमर फारुख की तलाश शुरू कर दी है, लेकिन अभी तक उसका कोई सुराग नहीं मिला है।

उमर फारुख की थी यह दूसरी शादी

जानकारी के अनुसार, उमर फारुख की यह दूसरी शादी थी। इससे पहले उसकी शादी थाना डिलारी क्षेत्र की एक युवती के साथ हुई थी, जिसके साथ वह अक्सर मारपीट करता था। कुछ समय बाद उसने अपनी पहली पत्नी को तलाक दे दिया। लगभग दो माह पहले ही उमर फारुख की शादी मन्तशा, पुत्री इरशाद, के साथ हुई थी, जो उसके पड़ोस में रहती थी। मन्तशा के परिवार का आरोप है कि शादी के बाद से ही उमर फारुख उनकी बेटी के साथ आए दिन मारपीट करता था। परिवार का कहना है कि उमर का व्यवहार शुरू से ही हिंसक रहा है, और उन्होंने इसकी शिकायत कई बार की, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।

रुपाली निर्विरोध राशन डीलर निर्वाचित

मुरादाबाद जनपद के ग्राम पंचायत ख्वाजपुर धन्तला में रुपाली, पत्नी योगेश कुमार, को सर्वसम्मति से राशन डीलर निर्वाचित किया गया। यह निर्णय एक खुली बैठक में लिया गया, जिसमें ग्रामवासियों ने एकमत होकर उनके नाम पर सहमति जताई। श्रीमती रुपाली की नियुक्ति से क्षेत्र में राशन वितरण व्यवस्था को और सुदृढ़ करने की उम्मीद है। उनकी निष्ठा और कार्यक्षमता को देखते हुए ग्रामवासियों ने इस निर्णय का स्वागत किया है। यह कदम ग्राम पंचायत की पारदर्शी और सहभागी प्रक्रिया को दर्शाता है।

खुली बैठक में लिया गया सर्वसम्मति से निर्णय

ख्वाजपुर धन्तला में आयोजित खुली बैठक की अध्यक्षता ग्राम प्रधान कमलेश देवी ने की। बैठक में नोडल अधिकारी प्रवीण कुमार, तहसीलदार ठाकुरद्वारा, और ग्राम पंचायत सचिव मयंक भारद्वाज उपस्थित रहे। सभी ने मिलकर राशन डीलर के चयन पर चर्चा की और सर्वसम्मति से श्रीमती रुपाली को चुना। यह प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी रही, जिसमें ग्रामवासियों की राय को प्राथमिकता दी गई। इस अवसर पर ग्राम प्रधान ने राशन वितरण की गुणवत्ता और समयबद्धता सुनिश्चित करने पर जोर दिया।

तड़पती रही प्रेमिका, गला दबाता रहा प्रेमी, कहानी उड़ा देगी होश,चौकी पहुंचकर कबूला जुर्म

उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में बीती बुधवार को एक दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे क्षेत्र में सनसनी फैला दी। शहर कोतवाली क्षेत्र की रामनगर कॉलोनी में एक शादीशुदा प्रेमी, राहुल राजपूत, ने अपनी प्रेमिका मोनिका की गला दबाकर हत्या कर दी। इस जघन्य अपराध के बाद राहुल ने खुद ही पुलिस को सूचना दी और नशे की हालत में कृष्णानगर चौकी पहुंचकर अपना जुर्म कबूल किया।

उसने पुलिस को बताया कि उसने अपनी प्रेमिका को किराए के कमरे पर बुलाया था, जहां विवाद के बाद उसने यह कदम उठाया। पुलिस ने तुरंत मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लिया और पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा। आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है और उससे पूछताछ जारी है। इस घटना ने स्थानीय लोगों में आक्रोश और भय का माहौल पैदा कर दिया है।

घटना के बाद पुलिस और फोरेंसिक टीम ने मौके का मुआयना किया। मोनिका का शव कमरे में फर्श पर पड़ा मिला, जिसके बाद परिजनों और आसपास के लोगों में हड़कंप मच गया। मृतका के भाई की तहरीर पर पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज किया और जांच शुरू की। प्रारंभिक जांच में पता चला कि राहुल और मोनिका के बीच तीन साल से प्रेम संबंध थे। दोनों की मुलाकात कृष्णानगर में एक कॉस्मेटिक दुकान पर हुई थी, जहां मोनिका काम करती थी और राहुल मेहंदी और टैटू बनाने का काम करता था।

पूछताछ में खुला हत्या का कारण: शादी का दबाव बना वजह

पुलिस पूछताछ में राहुल ने चौंकाने वाले खुलासे किए, जिसने इस हत्याकांड को और भी सनसनीखेज बना दिया। उसने बताया कि मोनिका उस पर लगातार शादी का दबाव बना रही थी, जबकि वह पहले से शादीशुदा था और शादी करने में असमर्थ था। बुधवार को जब मोनिका ने फिर से शादी की बात उठाई, तो दोनों के बीच तीखा विवाद हो गया।

गुस्से में आकर राहुल ने मोनिका का गला दबा दिया, जिससे उसकी मौत हो गई। इसके बाद, उसने कमरे में ताला लगाया और नशे की हालत में कृष्णानगर चौकी पहुंचकर पुलिस से कहा, “साहब, मुझे गिरफ्तार कर लो, मैंने अपनी प्रेमिका की हत्या कर दी है।”

राहुल ने बताया कि वह मोनिका से मिलने के लिए दो महीने पहले रामनगर कॉलोनी में किराए का कमरा ले चुका था। बुधवार सुबह उसने मोनिका को फोन कर कमरे पर बुलाया था। विवाद के बाद उसने गुस्से में यह कदम उठाया। पुलिस अधीक्षक (शहर) राजीव कुमार सिंह और सीओ सिटी भूषण वर्मा ने मौके का दौरा किया और फोरेंसिक साक्ष्य एकत्र किए। पुलिस ने बताया कि हत्या का सटीक मकसद जानने के लिए पूछताछ जारी है।

इस घटना ने सामाजिक और पारिवारिक रिश्तों में विश्वास की कमी को उजागर किया है। स्थानीय लोग इस बात से स्तब्ध हैं कि प्रेम संबंधों का यह खौफनाक अंत कैसे हो सकता है। मोनिका के परिजनों ने पुलिस से कड़ी कार्रवाई की मांग की है। पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 103(1) (हत्या) के तहत मामला दर्ज किया है और जांच को गति दी है।

सांसद इकरा हसन पर अभद्र टिप्पणी: करणी सेना उपाध्यक्ष के खिलाफ FIR दर्ज

उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले में करणी सेना के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ठाकुर योगेंद्र सिंह राणा द्वारा समाजवादी पार्टी की सांसद इकरा हसन के खिलाफ सोशल मीडिया पर की गई अभद्र और आपत्तिजनक टिप्पणी ने सियासी तूफान खड़ा कर दिया है। राणा ने अपने फेसबुक पोस्ट और वीडियो में इकरा हसन से निकाह की बात कहते हुए आपत्तिजनक बयान दिए, जिसमें उन्होंने AIMIM नेताओं असदुद्दीन ओवैसी और अकबरुद्दीन ओवैसी को “जीजा” कहने की शर्त रखी। इस बयान ने न केवल सांसद की गरिमा को ठेस पहुंचाई, बल्कि सामाजिक सौहार्द और महिला सम्मान को भी चोट पहुंचाई। इस मामले में मुरादाबाद पुलिस ने राणा के खिलाफ FIR दर्ज की है।

राणा ने अपने वीडियो में कहा, “इकरा हसन अभी कुंवारी हैं, मैं भी कम सुंदर नहीं हूं। मेरे पास मुरादाबाद में कई मकान और संपत्ति हैं। मैंने अपनी पत्नी से भी इजाजत ले ली है। अगर इकरा हसन मुझसे निकाह करें, तो मैं उन्हें घर में नमाज पढ़ने की इजाजत दूंगा, लेकिन शर्त है कि ओवैसी बंधु मुझे जीजा कहकर बुलाएं।”

इस पोस्ट के वायरल होने के बाद समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं में भारी रोष फैल गया। पार्टी के जिला अध्यक्ष जयवीर यादव ने इसे महिला सम्मान और संसद की गरिमा पर हमला करार देते हुए कड़ी कार्रवाई की मांग की। विवाद बढ़ने के बाद राणा ने अपनी पोस्ट हटा ली, लेकिन तब तक यह मामला सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से फैल चुका था।

FIR और कानूनी कार्रवाई की मांग

इस मामले में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने मुरादाबाद में जोरदार प्रदर्शन किया और प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर दो दिनों में कार्रवाई की चेतावनी दी। एक प्रार्थना पत्र के माध्यम से कटघर थाने में शिकायत दर्ज की गई, जिसमें कहा गया कि ठाकुर योगेंद्र सिंह राणा द्वारा की गई टिप्पणी न केवल सांसद इकरा हसन के प्रति अपमानजनक है, बल्कि यह सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ने और महिलाओं के सम्मान को ठेस पहुंचाने वाला कृत्य है। पत्र में मांग की गई कि राणा के खिलाफ तत्काल FIR दर्ज की जाए और उनके सोशल मीडिया अकाउंट को निष्क्रिय करने के लिए संबंधित प्लेटफॉर्म को सूचित किया जाए।

पुलिस ने इस मामले में भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 की धारा 73 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाली टिप्पणी), धारा 356 (आपराधिक मानहानि), और धारा 356(2) (लैंगिक रूप से अपमानजनक टिप्पणी) के तहत FIR दर्ज की है। इसके अतिरिक्त, सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 की धारा 66A और 67 के तहत भी कार्रवाई की जा रही है। मुरादाबाद पुलिस ने कहा कि जांच शुरू कर दी गई है और जल्द ही उचित कदम उठाए जाएंगे।

इस घटना ने सोशल मीडिया पर व्यापक बहस छेड़ दी है। कई यूजर्स ने इसे महिलाओं के प्रति अपमानजनक और सांप्रदायिक भावनाओं को भड़काने वाला कृत्य बताया। समाजवादी पार्टी के नेताओं और समर्थकों ने इसे मौजूदा सरकार के संरक्षण में की गई “घटिया हरकत” करार दिया। पूर्व सांसद डॉ. एसटी हसन ने इसे मुस्लिम समाज और संसद का अपमान बताया। दूसरी ओर, कुछ लोगों ने इस मामले को राजनीतिक रंग देने की कोशिश की, लेकिन अधिकांश ने राणा के बयान की निंदा की।

इकरा हसन, जो कैराना से युवा और शिक्षित सांसद हैं, ने इस मामले पर सार्वजनिक रूप से कोई टिप्पणी नहीं की है, लेकिन उनके समर्थकों का कहना है कि वह अपने काम पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं। यह घटना भारतीय राजनीति में महिलाओं के प्रति बढ़ते अपमान और डिजिटल मंचों पर उत्पीड़न के मुद्दों को फिर से उजागर करती है।