यूपी के ऊर्जा मंत्री के मुरादाबाद दौरे में बिजली गुल, 5 अधिकारी निलंबित

मुरादाबाद: उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री एके शर्मा शनिवार को मुरादाबाद के दौरे पर थे। इस दौरान उनके कार्यक्रम में अचानक 10 मिनट के लिए बिजली आपूर्ति ठप हो गई, जिससे हड़कंप मच गया। इस घटना से नाराज ऊर्जा मंत्री ने मंच से ही अपनी नाराजगी जाहिर की। मामले को गंभीरता से लेते हुए बिजली विभाग ने त्वरित कार्रवाई करते हुए पांच वरिष्ठ अधिकारियों को निलंबित कर दिया। निलंबित अधिकारियों में मुख्य अभियंता अरविंद सिंघल, अधीक्षण अभियंता सुनील अग्रवाल, अधिशासी अभियंता प्रिंस गौतम, एसडीओ राणा प्रताप और जेई ललित कुमार शामिल हैं।

घटना मुरादाबाद के गांधी पार्क में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान हुई, जहां ऊर्जा मंत्री एके शर्मा उपस्थित थे। कार्यक्रम के बीच में तकनीकी गड़बड़ी के कारण बिजली आपूर्ति बाधित हो गई। 10 मिनट तक बिजली गुल रहने से न केवल कार्यक्रम प्रभावित हुआ, बल्कि यह घटना प्रशासन और बिजली विभाग के लिए भी शर्मिंदगी का कारण बनी। ऊर्जा मंत्री ने इस लापरवाही को गंभीरता से लिया और मौके पर ही अधिकारियों को फटकार लगाई। उन्होंने बिजली विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए इसे अस्वीकार्य बताया।

मंत्री की नाराजगी के बाद बिजली विभाग ने तुरंत कार्रवाई शुरू की। जांच के बाद पाया गया कि बिजली कटौती के लिए जिम्मेदार अधिकारियों ने अपने कर्तव्यों में लापरवाही बरती। इसके परिणामस्वरूप, विभाग ने पांच अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। निलंबन की कार्रवाई को ऊर्जा विभाग की ओर से एक सख्त संदेश के रूप में देखा जा रहा है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

बिजली विभाग की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल

यह घटना न केवल मुरादाबाद में, बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश में बिजली विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाती है। ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने हमेशा से बिजली आपूर्ति को सुचारू करने और विभाग में पारदर्शिता लाने की बात कही है। उनके दौरे के दौरान हुई इस घटना ने विभाग की तैयारियों और तकनीकी दक्षता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोगों ने भी इस घटना को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की और बिजली विभाग की लापरवाही की आलोचना की।

मुरादाबाद के निवासियों का कहना है कि बिजली कटौती की समस्या उनके लिए नई नहीं है। शहर में अक्सर बिना सूचना के बिजली कटौती होती रहती है, जिससे आम जनता को परेशानी का सामना करना पड़ता है। इस घटना के बाद स्थानीय लोगों ने मांग की है कि बिजली विभाग को अपनी कार्यप्रणाली में सुधार करना चाहिए और ऐसी लापरवाही को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाने चाहिए।

ऊर्जा मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएं। साथ ही, उन्होंने बिजली आपूर्ति को और बेहतर करने के लिए विभाग को नई योजनाओं और तकनीकी सुधारों पर काम करने का आदेश दिया है। इस घटना ने एक बार फिर बिजली विभाग की जवाबदेही और कार्यक्षमता को सुधारने की आवश्यकता को रेखांकित किया है।

मुरादाबाद में कांवड़ यात्रा के कारण स्कूलों में छह दिन का अवकाश

सावन के पवित्र महीने में कांवड़ यात्रा के चलते मुरादाबाद शहर में ट्रैफिक व्यवस्था और बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन ने बड़ा फैसला लिया है। कांवड़ यात्रा के दौरान भारी भीड़ और ट्रैफिक जाम की स्थिति को देखते हुए मुरादाबाद में छह दिन के लिए स्कूल बंद रखने का निर्णय लिया गया है। यह बंदी शहर के मुख्य मार्गों—रामपुर रोड, दिल्ली रोड, और कांठ रोड—के पांच किलोमीटर के दायरे में आने वाले सभी स्कूलों पर लागू होगी। इस फैसले का उद्देश्य न केवल बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है, बल्कि कांवड़ यात्रा के दौरान सुगम ट्रैफिक व्यवस्था बनाए रखना भी है।

सावन मास में हर साल लाखों कांवड़िये हरिद्वार से गंगाजल लेकर मुरादाबाद के प्रमुख शिव मंदिरों में जलाभिषेक करने पहुंचते हैं। इस दौरान शहर के प्रमुख मार्गों पर भारी भीड़ और वाहनों का दबाव बढ़ जाता है, जिससे ट्रैफिक जाम की स्थिति उत्पन्न होती है। प्रशासन ने इस स्थिति से निपटने के लिए स्कूलों को बंद करने का निर्णय लिया है, ताकि बच्चों को स्कूल आने-जाने में किसी तरह की असुविधा या खतरे का सामना न करना पड़े। यह निर्णय माता-पिता और स्कूल प्रबंधन द्वारा भी सराहा जा रहा है, क्योंकि यह बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देता है।

स्कूल बंदी की तारीखें और प्रभावित क्षेत्र

जिला प्रशासन ने कांवड़ यात्रा के दौरान छह दिन स्कूल बंद रखने की घोषणा की है। ये तारीखें हैं—21 जुलाई (सोमवार), 23 जुलाई (शिवरात्रि), 26 जुलाई (शनिवार), 28 जुलाई (सोमवार), 2 अगस्त (शनिवार), और 4 अगस्त (सावन का अंतिम सोमवार)। इस दौरान नर्सरी से लेकर 12वीं कक्षा तक के सभी हिंदी और अंग्रेजी माध्यम के निजी और मान्यता प्राप्त स्कूल बंद रहेंगे। यह बंदी विशेष रूप से मुरादाबाद शहर और इसके प्रमुख मार्गों—रामपुर रोड, दिल्ली रोड, और कांठ रोड—के पांच किलोमीटर के दायरे में लागू होगी। इन क्षेत्रों में कांवड़ियों की आवाजाही सबसे अधिक रहती है, जिसके कारण ट्रैफिक व्यवस्था पर विशेष ध्यान देना जरूरी है।

प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि स्कूल बंदी का निर्णय कांवड़ यात्रा की अवधि और उसकी तीव्रता को ध्यान में रखकर लिया गया है। सावन के इस महीने में कांवड़ियों की भारी भीड़ के कारण सड़कों पर वाहनों की आवाजाही में रुकावट आती है, और कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। इस दौरान स्कूल बसों और अन्य वाहनों का संचालन जोखिम भरा हो सकता है। इसलिए, प्रशासन ने बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए यह कदम उठाया है। स्कूल प्रबंधन को निर्देश दिए गए हैं कि वे इस अवधि में ऑनलाइन कक्षाओं या अन्य वैकल्पिक व्यवस्थाओं पर विचार करें, ताकि बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो।

इस फैसले से न केवल ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारू रखने में मदद मिलेगी, बल्कि कांवड़ियों को भी अपनी यात्रा पूरी करने में सुविधा होगी। मुरादाबाद प्रशासन ने सभी नागरिकों से इस निर्णय का पालन करने और कांवड़ यात्रा के दौरान धैर्य और सहयोग बनाए रखने की अपील की है।

छात्रा ने सरेराह छेड़छाड़ करने वाले को सिखाया सबक, 10 मिनट तक बरसाए थप्पड़, जूते से की खातिरदारी

उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के शुक्लागंज बाजार में शनिवार की दोपहर एक साहसी घटना ने सभी का ध्यान खींचा। एक युवती ने अपनी हिम्मत और निडरता का परिचय देते हुए उस युवक को सबक सिखाया, जो लंबे समय से उसका पीछा कर परेशान कर रहा था। भीड़भाड़ वाली सड़क पर गुस्से से भरी इस छात्रा ने युवक पर थप्पड़ों की बरसात कर दी और चप्पलों से उसकी पिटाई की। इस घटना का वीडियो एक राहगीर ने अपने मोबाइल में रिकॉर्ड कर लिया और उसे सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया। देखते ही देखते यह वीडियो वायरल हो गया, और लोग इस युवती की हिम्मत की तारीफ करने लगे। इस घटना ने समाज में महिलाओं की आत्मरक्षा और साहस की नई मिसाल कायम की है।

घटना गंगाघाट थाना क्षेत्र के शुक्लागंज बाजार में पोनी रोड के पास नीलम स्वीट्स की दुकान के सामने हुई। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई शुरू की और आरोपी युवक को हिरासत में ले लिया। प्रारंभिक जांच में पता चला कि युवक ने कई बार छात्रा का पीछा किया और उसे परेशान करने की कोशिश की थी। इस बार छात्रा ने उसका विरोध करने का फैसला किया और उसे सबके सामने सबक सिखाया। स्थानीय लोगों ने भी युवती के साहस की सराहना की और कुछ ने पुलिस को सूचना देकर मामले को तुरंत संज्ञान में लाने में मदद की।

पुलिस कार्रवाई और सामाजिक प्रतिक्रिया

कानपुर के जुहारी देवी कॉलेज में पढ़ने वाली यह छात्रा उस दिन अपनी पढ़ाई पूरी कर घर लौट रही थी, जब यह घटना घटी। पुलिस के अनुसार, आरोपी युवक की पहचान कर ली गई है, और उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 354 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने) और अन्य संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। गंगाघाट थाना प्रभारी ने बताया कि मामले की जांच जारी है, और जल्द ही आरोपी को अदालत में पेश किया जाएगा। पुलिस ने यह भी आश्वासन दिया कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए बाजार क्षेत्र में गश्त बढ़ाई जाएगी।

इस घटना ने सोशल मीडिया पर व्यापक चर्चा छेड़ दी है। कई लोगों ने छात्रा की हिम्मत को सलाम किया और इसे महिलाओं के लिए आत्मरक्षा का प्रेरणादायक उदाहरण बताया। कुछ यूजर्स ने टिप्पणी की कि ऐसी घटनाएं समाज में जागरूकता बढ़ाने और छेड़छाड़ जैसी समस्याओं के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने की जरूरत को दर्शाती हैं। हालांकि, कुछ लोगों ने इस बात पर चिंता जताई कि सार्वजनिक रूप से इस तरह की कार्रवाई से कानून-व्यवस्था की स्थिति प्रभावित हो सकती है। फिर भी, अधिकांश लोग इस बात पर सहमत हैं कि महिलाओं को अपनी सुरक्षा के लिए साहसिक कदम उठाने चाहिए।

यह घटना न केवल उन्नाव बल्कि पूरे देश में महिलाओं के सशक्तिकरण और आत्मरक्षा के महत्व को रेखांकित करती है। स्थानीय प्रशासन ने भी इस मामले को गंभीरता से लिया है और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने का वादा किया है।

कोर्ट ने ‘लव जिहाद’ मामले में शाहबाज को 7 साल की सजा सुनाई, कोर्टरूम में मचा हड़कंप

यमुनानगर की एक अदालत ने नाबालिग हिंदू लड़की के साथ यौन उत्पीड़न और धमकी देने के मामले में शाहबाज नाम के व्यक्ति को 7 साल की सजा सुनाई है। अदालत ने इस मामले को ‘लव जिहाद’ करार देते हुए इसे देश की एकता और अखंडता के लिए खतरा बताया। इसके साथ ही, दोषी पर 1 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। अदालत ने अपने फैसले में स्पष्ट किया कि ‘लव जिहाद’ कोई कानूनी शब्द नहीं है, लेकिन इसे गैर-मुस्लिम महिलाओं को प्रेम का झांसा देकर धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर करने की कोशिश के रूप में देखा जाता है। इस फैसले को सामाजिक और कानूनी दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि यह ऐसे मामलों में कठोर कार्रवाई का संदेश देता है।

मामले की सुनवाई के दौरान, अदालत ने पीड़िता के बयानों और पुलिस जांच के आधार पर शाहबाज को दोषी ठहराया। जज ने अपने फैसले में कहा कि इस तरह के अपराध न केवल व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर हमला हैं, बल्कि सामाजिक सौहार्द को भी नुकसान पहुंचाते हैं। दोषी को भारतीय न्याय संहिता की धारा 61(2) (आपराधिक साजिश) और 351(2) (आपराधिक धमकी) के साथ-साथ पॉक्सो एक्ट की धारा 8 (यौन उत्पीड़न), 12 (बाल यौन उत्पीड़न) और 17 (उकसाने) के तहत सजा सुनाई गई। जुर्माने की राशि का भुगतान न करने पर अतिरिक्त कारावास का प्रावधान भी किया गया है।

मामले का विवरण और पुलिस कार्रवाई

पिछले साल नवंबर में, यमुनानगर सिटी पुलिस स्टेशन में 14 साल की एक नाबालिग लड़की ने शाहबाज और एक अन्य नाबालिग के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी। पीड़िता ने अपनी शिकायत में बताया कि स्कूल जाते समय एक नाबालिग लड़के ने उसका पीछा किया और शाहबाज ने उसे दोस्ती करने के लिए दबाव डाला। लड़की ने यह भी आरोप लगाया कि शाहबाज ने उसे धमकियां दीं और उसका यौन उत्पीड़न किया। शिकायत के आधार पर पुलिस ने तुरंत कार्रवाई शुरू की और दोनों आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया।

पुलिस जांच में सामने आया कि शाहबाज ने पीड़िता को प्रेम का झांसा देकर उस पर धर्म परिवर्तन का दबाव बनाया था। जांच के दौरान, पुलिस ने पीड़िता के बयानों, गवाहों और अन्य साक्ष्यों के आधार पर शाहबाज को मुख्य आरोपी के रूप में चिह्नित किया। नाबालिग सह-आरोपी के खिलाफ भी किशोर न्याय अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई। यमुनानगर पुलिस ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए सभी आवश्यक सबूत जुटाए, जिसके आधार पर अदालत ने यह कड़ा फैसला सुनाया।

इस मामले ने स्थानीय समुदाय में व्यापक चर्चा को जन्म दिया है। कई सामाजिक संगठनों ने अदालत के फैसले का स्वागत किया है और इसे नाबालिगों के खिलाफ अपराधों के प्रति शून्य सहनशीलता का प्रतीक बताया है। वहीं, कुछ लोगों ने ‘लव जिहाद’ शब्द के इस्तेमाल पर सवाल उठाए हैं, क्योंकि यह कानूनी रूप से परिभाषित नहीं है। फिर भी, इस फैसले ने समाज में जागरूकता बढ़ाने और ऐसे अपराधों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की आवश्यकता पर जोर दिया है।

विद्युत विभाग की लापरवाही से ग्रामीण परेशान, अधिशासी अभियंता के निर्देशों को कर दिया नजरअंदाज

पंडित अनिल शर्मा मुरादाबाद के गांव सरकडा परम में बिजली की समस्या ने ग्रामीणों का जीना मुहाल कर रखा है। गांव की बढ़ती आबादी और बिजली की अनियमित आपूर्ति के कारण ग्रामीणों ने सांसद रुचि वीरा से इस समस्या के समाधान की मांग की थी। उनकी मांग पर अधिशासी अभियंता लोकेश गौतम ने 8 मार्च 2025 को विद्युत वितरण खंड ठाकुरद्वारा को आदेश दिया था कि गांव में जयवीर यादव, पुत्र रामपाल यादव, के निकट एक अतिरिक्त ट्रांसफार्मर स्थापित किया जाए।

यह कदम गांव में बिजली की आपूर्ति को सुचारू करने और ग्रामीणों की परेशानियों को कम करने के लिए उठाया गया था। लेकिन चार महीने बीत जाने के बाद भी यह आदेश हवा में उड़ गया। एसडीओ ठाकुरद्वारा ने अधिशासी अभियंता के निर्देशों को नजरअंदाज कर दिया, जिससे ग्रामीणों में विद्युत विभाग के प्रति आक्रोश बढ़ता जा रहा है। गांव के लोग अब इस लापरवाही के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

विद्युत विभाग की लापरवाही से ग्रामीण परेशान

गांव के पूर्व प्रधान मनोहर सिंह यादव ने बताया कि सरकडा परम की आबादी काफी बढ़ चुकी है और यह एक बड़े क्षेत्र में फैल गया है। वर्तमान में गांव में केवल एक ही ट्रांसफार्मर है, जो ग्रामीणों की जरूरतों को पूरा करने में असमर्थ है। इस ट्रांसफार्मर से करीब एक किलोमीटर लंबी केबल डालकर बिजली आपूर्ति की जा रही है, जिसके कारण आए दिन बिजली की आपूर्ति में व्यवधान और बिलों में त्रुटियां हो रही हैं।

ग्रामीणों ने इस समस्या को लेकर कई बार शिकायत की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। पूर्व प्रधान ने बताया कि उन्होंने ग्रामीणों के साथ मिलकर सांसद रुचि वीरा को एक शिकायती पत्र सौंपा था, जिसमें गांव की बिजली समस्या का जिक्र किया गया था। सांसद ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए अधिशासी अभियंता लोकेश गौतम को पत्र लिखकर तत्काल एक अतिरिक्त ट्रांसफार्मर लगाने की सिफारिश की थी।

अधिशासी अभियंता ने तुरंत कार्रवाई करते हुए 8 मार्च 2025 को एसडीओ ठाकुरद्वारा को ट्रांसफार्मर स्थापित करने और प्रगति से अवगत कराने का निर्देश दिया था। लेकिन चार महीने बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। ग्रामीणों का कहना है कि बिजली की अनियमित आपूर्ति के कारण उनकी रोजमर्रा की जिंदगी प्रभावित हो रही है। खेती-बाड़ी, घरेलू कार्य और बच्चों की पढ़ाई तक बाधित हो रही है।

ग्रामीणों में विद्युत विभाग के प्रति गुस्सा बढ़ता जा रहा है और वे अब आंदोलन की चेतावनी दे रहे हैं। सांसद रुचि वीरा ने भी इस मामले में अधिकारियों से जवाब मांगा है, लेकिन विद्युत विभाग की उदासीनता के कारण स्थिति जस की तस बनी हुई है। ग्रामीणों ने मांग की है कि जल्द से जल्द ट्रांसफार्मर लगाया जाए, अन्यथा वे सड़कों पर उतरने को मजबूर होंगे।

नहीं चाहिए काली बीवी प्रमिला देवी की दर्दनाक कहानी 25 साल बाद पति ने बीवी के साथ 2 बच्चों को भी छोड़ा

बिहार के कैमूर जिले के भभुआ थाना क्षेत्र के कबार गांव से एक ऐसी घटना सामने आई है, जो न केवल हैरान करने वाली है, बल्कि समाज में रंगभेद और पारिवारिक हिंसा जैसे गंभीर मुद्दों पर सवाल खड़े करती है। प्रमिला देवी, एक माँ, जो अपने चार बच्चों के साथ जीवन की जंग लड़ रही हैं, ने अपने पति पप्पू बिंद के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज की है। प्रमिला का आरोप है कि उनके पति ने 25 साल पुरानी शादी को सिर्फ इसलिए तोड़ दिया, क्योंकि अब उन्हें उनकी पत्नी ‘काली’ और ‘असुंदर’ लगती है। इस शिकायत में प्रमिला ने बताया कि पप्पू बिंद ने न केवल उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया, बल्कि रंगभेदी टिप्पणियों के साथ उन्हें घर से निकालने की धमकी भी दी। यह घटना समाज में गहरे बैठे रंगभेद और लैंगिक भेदभाव की कड़वी सच्चाई को उजागर करती है।

प्रमिला ने अपनी शिकायत में कहा कि उनकी शादी को 25 साल हो चुके हैं, और इस दौरान उन्होंने अपने परिवार के लिए हर संभव त्याग किया। चार बच्चों की माँ होने के नाते, उन्होंने अपने पति और बच्चों के लिए दिन-रात मेहनत की, लेकिन पप्पू की बदलती सोच ने उनके जीवन को नर्क बना दिया। प्रमिला के अनुसार, पप्पू ने उनकी त्वचा के रंग को लेकर बार-बार अपमानजनक टिप्पणियाँ कीं और उन्हें ‘काली’ कहकर ताने मारे। इसके अलावा, पप्पू ने कथित तौर पर उनके साथ मारपीट भी की और बच्चों के सामने उन्हें अपमानित किया। इस घटना ने न केवल प्रमिला को भावनात्मक रूप से तोड़ा, बल्कि उनके बच्चों पर भी गहरा असर डाला है।

सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ एक माँ की लड़ाई

प्रमिला की शिकायत के बाद भभुआ थाना पुलिस ने पप्पू बिंद के खिलाफ घरेलू हिंसा और मानसिक उत्पीड़न का मामला दर्ज किया है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और प्रमिला को सुरक्षा देने का आश्वासन दिया है। स्थानीय पुलिस अधिकारी ने बताया कि इस तरह के मामले समाज में गहरे बैठे रंगभेद और महिलाओं के प्रति हिंसा की मानसिकता को दर्शाते हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले में कड़ी कार्रवाई की जाएगी ताकि पीड़िता को न्याय मिल सके। इसके अलावा, स्थानीय महिला संगठनों ने भी प्रमिला के समर्थन में आवाज उठाई है और रंगभेद के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाने की मांग की है।

यह घटना समाज के लिए एक चेतावनी है कि रंगभेद और पारिवारिक हिंसा जैसी कुरीतियाँ आज भी हमारे बीच मौजूद हैं। प्रमिला की कहानी न केवल एक महिला की पीड़ा को दर्शाती है, बल्कि यह भी बताती है कि कैसे सामाजिक मान्यताएँ और रूढ़ियाँ परिवारों को तोड़ रही हैं। समाज को इन मुद्दों पर खुलकर बात करने और बदलाव लाने की जरूरत है। प्रमिला जैसी महिलाओं को न केवल कानूनी सहायता, बल्कि सामाजिक समर्थन की भी आवश्यकता है ताकि वे अपने हक के लिए लड़ सकें और सम्मान के साथ जी सकें।

एक जिस्म, दो जान… लेकिन क्यों हुई सिर्फ़ एक बहन की शादी, सियामीज जुड़वां बहनों की अनोखी प्रेम कहानी

दो जिस्म, एक जान की कहावत तो आपने सुनी होगी, लेकिन क्या आपने कभी सुना कि दो जुड़ी हुई बहनें अपनी जिंदगी को इतने अनोखे अंदाज में जिएंगी? कारमेन और लुपिता एंड्रेड, 25 साल की सियामीज जुड़वां बहनें, जिनका शरीर कमर से एक-दूसरे से जुड़ा हुआ है, ने दुनिया को अपनी जिंदगी की एक नई कहानी से हैरान कर दिया। कारमेन ने अपने लंबे समय के प्रेमी डेनियल मैककॉर्मैक के साथ अक्टूबर 2024 में कनेक्टिकट के लवर्स लीप ब्रिज पर एक अंतरंग समारोह में विवाह रचाया।

इस शादी में केवल करीबी परिवार वाले शामिल थे। कारमेन ने हरे रंग की चमकदार ड्रेस पहनी, क्योंकि वह सफेद रंग पसंद नहीं करतीं। वहीं, लुपिता ने साफ किया कि यह शादी सिर्फ कारमेन और डेनियल की है, क्योंकि वह खुद शादी में विश्वास नहीं रखतीं। लुपिता, जो खुद को ऐसैक्सुअल बताती हैं, ने अपनी बहन के इस फैसले का समर्थन किया, क्योंकि वह जानती हैं कि यह कारमेन के लिए कितना महत्वपूर्ण है। यह कहानी न केवल प्यार और रिश्तों की है, बल्कि व्यक्तिगत इच्छाओं, स्वतंत्रता और एक-दूसरे के प्रति सम्मान की भी है।

कारमेन और लुपिता का जन्म मेक्सिको में हुआ था, और वे दो साल की उम्र में अपने परिवार के साथ अमेरिका आ गए। दोनों बहनें कमर से नीचे एक शरीर साझा करती हैं, जिसमें एक पेल्विस और प्रजनन प्रणाली शामिल है। प्रत्येक बहन के पास दो भुजाएं हैं, लेकिन केवल एक पैर, जिसमें कारमेन दाहिना पैर और लुपिता बायां पैर नियंत्रित करती हैं।

इस अनोखी शारीरिक संरचना के बावजूद, दोनों ने अपनी जिंदगी को सामान्य बनाने के लिए कई चुनौतियों का सामना किया। कारमेन ड्राइविंग करती हैं, क्योंकि वह दाहिने पैर को नियंत्रित करती हैं, जबकि लुपिता सिग्नल और म्यूजिक का ध्यान रखती हैं। दोनों ने अपनी पढ़ाई जारी रखी और पशु चिकित्सा के क्षेत्र में करियर बनाने का सपना देखा।

व्यक्तिगत इच्छाओं का सम्मान और सामाजिक चुनौतियां

कारमेन और डेनियल की मुलाकात 2020 में डेटिंग ऐप हिंज पर हुई थी। कारमेन ने बताया कि उन्हें कई लोगों से अनुचित सवाल और फेटिश से जुड़े मैसेज मिले, लेकिन डेनियल ने उनकी स्थिति के बारे में सवाल न करके उनके दिल को जीत लिया। दोनों का रिश्ता प्यार, विश्वास और समझदारी पर आधारित है। लुपिता और डेनियल भी अच्छे दोस्त हैं, और अक्सर देर रात तक बातें करते हैं। कारमेन ने यह भी बताया कि वह और लुपिता बच्चे नहीं चाहते, क्योंकि उन्हें एंडोमेट्रियोसिस है और वे हार्मोन ब्लॉकर पर हैं।

हालांकि, दोनों बहनों को सोशल मीडिया पर कई बार अनुचित सवालों और टिप्पणियों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने अपने यूट्यूब और टिकटॉक चैनल्स पर लोगों के सवालों का जवाब देकर जागरूकता फैलाने की कोशिश की है। कारमेन और लुपिता का कहना है कि वे सिर्फ सियामीज जुड़वां नहीं हैं, बल्कि दो अलग-अलग व्यक्तित्व वाली इंसान हैं। उनकी कहानी हमें यह सिखाती है कि प्यार और सम्मान की कोई सीमा नहीं होती, और हर व्यक्ति को अपनी इच्छाओं के अनुसार जीने का हक है।

देश में मानसून की रफ्तार तेज, भारी बारिश का अलर्ट

देश के विभिन्न हिस्सों में मानसून ने अपनी रफ्तार पकड़ ली है, और मौसम विभाग ने कई राज्यों में भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। खासकर उत्तर प्रदेश के पश्चिमी इलाकों में आज और कल, यानी 20 और 21 जुलाई को भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग के अनुसार, इस दौरान तेज हवाओं के साथ मूसलाधार बारिश हो सकती है, जिससे नदियों और नालों में जलस्तर बढ़ने की संभावना है।

यह बारिश न केवल खेती-किसानी को प्रभावित कर सकती है, बल्कि शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में जनजीवन पर भी इसका व्यापक असर पड़ सकता है। कई इलाकों में जलभराव, यातायात जाम और बिजली आपूर्ति में व्यवधान की आशंका जताई जा रही है। प्रशासन को सतर्क रहने और आपदा प्रबंधन की तैयारियों को मजबूत करने की सलाह दी गई है।

मौसम विभाग की ताजा भविष्यवाणी के अनुसार, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में भी अगले कुछ दिनों में भारी बारिश का दौर जारी रहेगा। इन क्षेत्रों में निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ सकता है। किसानों को सलाह दी गई है कि वे अपनी फसलों की सुरक्षा के लिए उचित कदम उठाएं, क्योंकि अत्यधिक बारिश से फसलों को नुकसान हो सकता है। साथ ही, नागरिकों से अपील की गई है कि वे बारिश के दौरान सुरक्षित स्थानों पर रहें और अनावश्यक यात्रा से बचें।

प्रशासन और नागरिकों के लिए सतर्कता जरूरी

मानसून की इस तीव्रता को देखते हुए स्थानीय प्रशासन ने कई जगहों पर राहत और बचाव कार्यों की तैयारियां शुरू कर दी हैं। उत्तर प्रदेश और अन्य प्रभावित राज्यों में आपदा प्रबंधन टीमें सक्रिय कर दी गई हैं। नदियों के किनारे बसे गांवों में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की व्यवस्था की जा रही है। मौसम विभाग ने नागरिकों से अपील की है कि वे मौसम संबंधी अलर्ट पर नजर रखें और स्थानीय प्रशासन के निर्देशों का पालन करें। इसके अलावा, सड़कों पर जलभराव से बचने के लिए नगर निगम और स्थानीय निकायों को नालों की सफाई और जल निकासी की व्यवस्था को दुरुस्त करने के निर्देश दिए गए हैं।

इस मौसमी बदलाव के बीच, लोगों से एकजुटता और सावधानी बरतने की अपील की जा रही है ताकि किसी भी आपदा से निपटा जा सके।

मथुरा में यमुना एक्सप्रेस-वे पर भीषण सड़क हादसा, छह की मौत

मथुरा के यमुना एक्सप्रेस-वे पर शुक्रवार की देर रात एक दर्दनाक सड़क हादसा हुआ, जिसमें एक ही परिवार के छह लोगों की जान चली गई। हादसा उस समय हुआ जब एक ईको कार के चालक को नींद की झपकी आ गई, जिसके कारण कार अनियंत्रित होकर आगे चल रहे किसी वाहन से जा टकराई। इस भीषण टक्कर में पिता-पुत्र और भांजे सहित छह लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि मां और उनकी बेटी गंभीर रूप से घायल हो गईं। घायलों को तुरंत नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी हालत नाजुक बनी हुई है।

पुलिस के अनुसार, यह हादसा रात करीब 11:30 बजे हुआ। ईको कार में सवार सभी लोग बटेश्वर मेले में अखंड रामायण का पाठ और भंडारा कराने के लिए जा रहे थे। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि कार की रफ्तार काफी तेज थी, और चालक को नींद आने के कारण वह वाहन को नियंत्रित नहीं कर सका। टक्कर इतनी जोरदार थी कि कार का अगला हिस्सा पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। हादसे की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस और प्रशासन तुरंत मौके पर पहुंच गया।

डीएम और एसएसपी ने लिया घटनास्थल का जायजा

हादसे की गंभीरता को देखते हुए मथुरा के जिलाधिकारी (डीएम) और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने राहत और बचाव कार्यों का जायजा लिया और घायलों को तत्काल चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। पुलिस ने मृतकों के शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है और हादसे की जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक जांच में नींद की झपकी को हादसे का मुख्य कारण माना जा रहा है।

स्थानीय लोगों और सामाजिक संगठनों ने इस हादसे पर गहरा दुख जताया है। यमुना एक्सप्रेस-वे पर आए दिन होने वाली दुर्घटनाओं ने सड़क सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। प्रशासन ने चालकों से रात में वाहन चलाते समय सावधानी बरतने और पर्याप्त休息 लेने की अपील की है। इस हादसे ने एक बार फिर सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता की जरूरत को उजागर किया है।

कच्छ में महिला पुलिस अधिकारी की हत्या, लिव-इन पार्टनर ने कबूला गुनाह

गुजरात के कच्छ जिले के अंजार में एक दिल दहला देने वाली घटना ने स्थानीय समुदाय को स्तब्ध कर दिया। अंजार पुलिस स्टेशन में सहायक उप-निरीक्षक (एएसआई) के पद पर कार्यरत 25 वर्षीय अरुणाबेन नटुभाई जादव की उनके लिव-इन पार्टनर, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवान दिलीप डांगचिया ने गला घोंटकर हत्या कर दी। यह घटना शुक्रवार रात को अंजार में उनके साझा आवास पर हुई, जब दोनों के बीच तीखी बहस ने हिंसक रूप ले लिया।

पुलिस के अनुसार, बहस का कारण अरुणाबेन द्वारा दिलीप की मां के बारे में की गई कथित अपमानजनक टिप्पणी थी। गुस्से में आकर दिलीप ने यह जघन्य अपराध किया और अगले दिन शनिवार सुबह उसी पुलिस स्टेशन में पहुंचकर अपना गुनाह कबूल कर लिया, जहां अरुणाबेन कार्यरत थीं। इस घटना ने न केवल कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाए, बल्कि रिश्तों की जटिलता को भी उजागर किया।

सोशल मीडिया से शुरू हुआ रिश्ता, दुखद अंत पर पहुंचा

पुलिस जांच में सामने आया कि अरुणाबेन और दिलीप की मुलाकात 2021 में इंस्टाग्राम के जरिए हुई थी। दोनों सुरेंद्रनगर जिले के पड़ोसी गांवों के निवासी थे और तब से लिव-इन रिलेशनशिप में रह रहे थे। दिलीप, जो मणिपुर में सीआरपीएफ में तैनात हैं, अरुणाबेन से मिलने अंजार आए थे। पुलिस उपाधीक्षक (अंजार डिवीजन) मुकेश चौधरी ने बताया कि शुक्रवार रात करीब 10 बजे दोनों के बीच बहस शुरू हुई, जो जल्द ही हिंसक हो गई।

इस घटना ने सोशल मीडिया के जरिए बनने वाले रिश्तों की नाजुकता को उजागर किया, जहां शुरुआती आकर्षण कई बार अप्रत्याशित और दुखद परिणामों की ओर ले जाता है। पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की संबंधित धाराओं के तहत हत्या का मामला दर्ज किया है और जांच शुरू कर दी है। इस घटना ने स्थानीय समुदाय में डर और अविश्वास का माहौल पैदा कर दिया है, साथ ही यह सवाल उठाया है कि आधुनिक रिश्तों में विश्वास और संयम की कितनी जरूरत है।