अब सीधे जनता चुनेगी जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख, जानिए किया है पूरा प्लान

लखनऊ। प्रदेश सरकार सांसद और विधायक की तरह यूपी में जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख का चुनाव भी सीधे जनता से कराने पर मंथन कर रही है। सूत्रों की माने तो प्रदेश सरकार जल्द ही इस बारे में केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेज सकती है। माना जा रहा है कि अगर केंद्र ने प्रस्ताव पर मुहर लगाई तो आगामी पंचायत चुनाव में ही इसे लागू कर दिया जाएगा।

प्रदेश कि पंचायती राज मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि इस संबंध में उन्होंने शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात

पंचायती राज मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने मुख्यमंत्री के सामने रखा प्रस्ताव

की है। उनके सामने प्रस्ताव रखा कि वह अधिकारियों को निर्देशित करें कि जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख का चुनाव सीधे जनता से कराने के संबंध में प्रस्ताव तैयार करें और जल्द केंद्र को भेजा जाए जिससे समय रहते इसकी तैयारी की जा सके।

राजभर का कहना है कि मुख्यमंत्री ने उनके इस प्रस्ताव से सहमति जताई है और जल्द ही प्रस्ताव केंद्र को भेजने का आश्वासन भी दिया है। उन्होंने कहा कि

वह पिछले चुनाव में ही यह चाहते थे। अधिकारियों से इसके लिए प्रस्ताव तैयार कराने के लिए कहेंगे। इस मुलाकात के दौरान ओम प्रकाश राजभर के पुत्र सुभासपा के प्रमुख राष्ट्रीय महासचिव अरविंद राजभर भी साथ थे।

राजभर ने बताया कि पिछले महीने उन्होंने दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलकर भी इस मुद्दे पर चर्चा की थी, तो शाह ने भी जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख का चुनाव सीधे जनता से कराने पर हामी भरी थी। उन्होंने राज्य सरकार से प्रस्ताव भिजवाने को कहा था।

रात के अंधेरे में बिना परमिशन खनन कर रहे एक लोडर सहित 4 ट्रैक्टर टिप्लर पकड़े, पांच वाहन सीज

पंडित अनिल शर्मा
Moradabad / Thakurdwara News: खनन अधिकारी ने अवनी सिंह के साथ रात के अंधेरे में ठाकुरद्वारा अलीगंज मार्ग पर स्थित चमड़ावाला गांव में बिना परमिशन के अवैध रूप से खनन करने की सूचना पर रविवार की देर रात्रि छापा मारा । खनन अधिकारी की टीम को देख कर
कर खनन माफिया अपने लोडर व ट्रक्टर ट्राली छोड़ कर अंधेरे का फायदा उठा कर भाग गए जबकि एक मजदूर को मोके पर पकड़ लिया गया।

रविवार की रात्रि को खनन अधिकारी राघवेंद्र सिंह को सूचना मिली कि अलीगंज रोड पर स्थित ग्राम चमरावाला के निकट जंगल में खनन माफिया बिना किसी परमिशन के रात के अंधेरे में अवैध रूप से मिट्टी का खनन कर नगर क्षेत्र मे निर्माणाधीन मकानों व प्लाटो में मोटे दामों में ठेका ले कर मिट्टी का भरान कर रहे है। सूचना मिलते ही खनन अधिकारी राघवेंद्र सिंह ने अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे । टीम को देखकर खनन माफिया अपने वाहन छोड़ फरार हो गये ।

ये भी पढ़े- योग आश्रम में रेप! संचालिका और सहायिका गिरफ्तार, मास्टरमाइंड फरार

छापे मारी की सूचना पर क्षेत्र के खनन माफियाओं मे हड़कंप मच गया। बताते चले कि क्षेत्र में रात के अंधेरे में बड़े पैमाने पर खेती में उपयोग आने वाली भूमि व आसपास की नदीयो में रातों रात खनन माफिया दबंगी के बल पर अवैध खनन कर मोटा मुनाफा कम आ रहे हैं । पिलकपुर, मानपुर दत्त राम, बथुआ खेड़ा, निर्मलपुर, गोपी वाला ,फरीदनगर, अस्लेमपुर, लोगी खुर्द आदि क्षेत्रों में खुले आम खनन किया जा रहा है ।

शिकायत के बाद भी पुलिस प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं करता । खनन अधिकारी राघवेंद्र सिंह ने बताया की क्षेत्र में कहीं भी बिना स्वीकृति के खनन करना गैरकानूनी है कोई भी व्यक्ति अगर बिना सिक्योरिटी के खनन पड़ता पाया गया तो उसके विरुद्ध कठोरणात्मक कार्रवाई की जाएगी । खनन अधिकारीने लीडर सहित वाहनो को पड़कर चीज कर दिया और पुलिस को सोंप दिया है ।

योग आश्रम में रेप! संचालिका और सहायिका गिरफ्तार, मास्टरमाइंड फरार

गाजियाबाद के कौशांबी थाना क्षेत्र में स्थित Gurukul Shantidham में एक ऐसी घटना सामने आई है, जिसने न केवल स्थानीय लोगों को हिलाकर रख दिया, बल्कि आश्रमों की साख पर भी सवाल उठा दिए हैं। यहाँ एक महिला साध्वी के साथ रेप की वारदात ने सभी को स्तब्ध कर दिया। इस घटना ने उस जगह की पवित्रता को कलंकित कर दिया, जहाँ लोग शांति और आत्मिक सुकून की तलाश में आते हैं। 

Gurukul Shantidham, जो योग और संयमित जीवन का पाठ पढ़ाने के लिए जाना जाता है, अब एक भयावह अपराध का केंद्र बन गया है। पुलिस के अनुसार, आश्रम की संचालिका Divya Yoga Maya Saraswati (60 वर्ष) और उनकी सहायिका Shabnam ने मिलकर एक साध्वी को अपने जाल में फंसाया।

ये भी पढ़े - MIT में ‘फ्री फिलिस्तीन’ के नारे लगाने वाली भारतीय छात्रा कौन है? जानिए पूरा मामला

पीड़िता की शिकायत के मुताबिक, उसे पहले कोल्ड ड्रिंक में नशीला पदार्थ मिलाकर पिलाया गया। जब वह बेहोश हो गई, तब उसे मुख्य आरोपी Gokul के हवाले कर दिया गया, जिसने उसके साथ रेप किया। होश में आने पर साध्वी ने इसका विरोध किया, लेकिन आरोपियों ने उसकी आवाज दबाने के लिए मारपीट की और उसका अश्लील वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल करने की धमकी दी।

घटना की सूचना मिलते ही Ghaziabad Police हरकत में आ गई। DCP Trans Hindon Nimish Patil के नेतृत्व में पुलिस ने तुरंत Divya Yoga Maya Saraswati और Shabnam को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में दोनों ने अपना गुनाह कबूल कर लिया। हालांकि, मुख्य आरोपी Gokul अब भी फरार है। पुलिस ने उसके संभावित ठिकानों पर दबिश तेज कर दी है, लेकिन वह अंडरग्राउंड हो गया है। DCP Nimish Patil ने बताया कि Gokul की गिरफ्तारी के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।

वरिष्ठ पत्रकार प्रेम शंकर पाल को यूनिवर्सिटी ऑफ कोलंबो द्वारा मानद डॉक्टरेट की उपाधि

नई दिल्ली/पुणे: पत्रकारिता के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान हेतु खबर फास्ट न्यूज चैनल के एग्जीक्यूटिव एडिटर प्रेम शंकर पाल को यूनिवर्सिटी ऑफ कोलंबो, श्रीलंका द्वारा वर्ष 2025 का होनॉरी डॉक्टरेट अवॉर्ड (Honorary Doctorate Award) प्रदान किया गया। इस वर्ष विभिन्न राज्यों से चयनित कुल 28 विशिष्ट व्यक्तित्वों को यह सम्मान प्रदान किया गया।

उपाधि वितरण समारोह महाराष्ट्र के पुणे स्थित अशोक होटल में आयोजित एक भव्य कार्यक्रम में सम्पन्न हुआ। प्रेम शंकर पाल को यह सम्मान पत्रकारिता के क्षेत्र में उनकी 22 वर्षों की समर्पित सेवा और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने हेतु उनके प्रयासों के लिए दिया गया।

प्रेम शंकर पाल, जो वर्तमान में दिल्ली स्थित खबर फास्ट न्यूज चैनल में एग्जीक्यूटिव एडिटर के रूप में कार्यरत हैं, ने अपने पत्रकारिता करियर में कई जनहित से जुड़े मुद्दों को उजागर किया है। समाजिक सरोकारों और जिम्मेदार पत्रकारिता को उन्होंने सदैव प्राथमिकता दी है।

ये भी पढ़े- MIT में ‘फ्री फिलिस्तीन’ के नारे लगाने वाली भारतीय छात्रा कौन है? जानिए पूरा मामला

इस अवसर पर अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा, “यह सम्मान मेरे लिए गर्व की बात है। यह उन सभी पत्रकारों के लिए भी एक प्रेरणा है, जो ईमानदारी और निष्ठा के साथ समाज के प्रति अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे हैं।”

समारोह में देशभर से आए विभिन्न क्षेत्रों के गणमान्य अतिथियों, शिक्षाविदों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भाग लिया और सम्मान प्राप्तकर्ताओं को बधाई दी।

MIT में ‘फ्री फिलिस्तीन’ के नारे लगाने वाली भारतीय छात्रा कौन है? जानिए पूरा मामला

अमेरिका के प्रतिष्ठित Massachusetts Institute of Technology (MIT) में भारतीय मूल की छात्रा Megha Vemuri ने अपने साहसिक भाषण से पूरी दुनिया का ध्यान खींच लिया है। दीक्षांत समारोह में मंच पर चढ़कर मेघा ने ‘फ्री फिलिस्तीन’ का नारा बुलंद किया और Israel पर गंभीर आरोप लगाए। उनके इस भाषण ने न केवल MIT कैंपस में हलचल मचाई, बल्कि सोशल मीडिया और वैश्विक मंचों पर भी तीखी बहस छेड़ दी। आइए, इस खबर को गहराई से समझते हैं और जानते हैं कि मेघा वेमुरी कौन हैं और उनके इस कदम ने क्यों इतना बवाल खड़ा किया।

मेघा वेमुरी का साहसिक भाषण

Megha Vemuri, जो MIT की 2025 की क्लास प्रेसिडेंट हैं, ने दीक्षांत समारोह में लाल रंग की पारंपरिक फिलिस्तीनी किफिया पहनकर मंच संभाला। उन्होंने कहा, “हमें दिखाना होगा कि MIT स्वतंत्र Palestine का समर्थन करता है। Israel के साथ यूनिवर्सिटी के रिसर्च संबंध शर्मनाक हैं।” मेघा ने Gaza में इजरायली हमलों को ‘नरसंहार’ करार देते हुए MIT पर इजरायली सेना के साथ कथित तौर पर सहयोग का आरोप लगाया। उनके भाषण के दौरान कई छात्रों ने ‘फ्री फिलिस्तीन’ के नारे लगाए, जबकि कुछ लोग खामोश रहे। इस मौके पर कैंपस में छात्रों के परिवार और फैकल्टी मेंबर्स भी मौजूद थे, जिसने इस घटना को और चर्चा में ला दिया।

ये भी पढ़े - 500 के नोट पर आया नया फैसला! अब 100 और 200 के नोटों का होगा बोलबाला? 

मेघा ने अपने भाषण में जोर देकर कहा कि MIT के इजरायल के साथ रिसर्च लिंक न केवल अनैतिक हैं, बल्कि मानवता के खिलाफ हैं। उन्होंने बताया कि MIT की अंडरग्रेजुएट और ग्रेजुएट स्टूडेंट यूनियन ने इजरायल के साथ संबंध तोड़ने के पक्ष में वोट किया है। इसके बावजूद, यूनिवर्सिटी प्रशासन ने छात्रों को धमकियां दीं, लेकिन मेघा और उनके साथी डटकर मुकाबला कर रहे हैं। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि Gaza में अब कोई विश्वविद्यालय नहीं बचा, क्योंकि इजरायल ने वहां की शिक्षा व्यवस्था को तहस-नहस कर दिया है।

अमेरिका में बढ़ता विवाद

United States के कई विश्वविद्यालयों में Gaza में इजरायली हमलों को लेकर पहले से ही तनाव का माहौल है। कई छात्रों और प्रोफेसरों पर प्रशासन ने कार्रवाई की है, जिसके खिलाफ प्रदर्शन और तेज हो रहे हैं। मेघा ने अपने भाषण में इस अनिश्चितता के माहौल को रेखांकित किया और कहा कि MIT जैसे संस्थान को मानवाधिकारों के लिए खड़ा होना चाहिए। उनके इस बयान ने न केवल छात्रों को प्रेरित किया, बल्कि Palestine समर्थकों के बीच उनकी तारीफ भी हो रही है। हालांकि, कुछ लोगों ने उनके बयानों को एकतरफा और उत्तेजक बताया, जिससे यह मुद्दा और विवादास्पद हो गया है।

मेघा वेमुरी: एक प्रेरणादायक व्यक्तित्व

Megha Vemuri भारतीय मूल की एक होनहार छात्रा हैं, जिनका जन्म Alpharetta, Georgia में हुआ। उन्होंने MIT से Computer Science, Neuroscience, और Linguistics में डिग्री हासिल की है। इसके अलावा, वह McGovern Institute for Brain Research में काम कर चुकी हैं और 2025 की ग्रेजुएटिंग क्लास की प्रेसिडेंट रह चुकी हैं। मेघा की इस उपलब्धि और उनके साहसिक रुख ने उन्हें वैश्विक मंच पर सुर्खियों में ला दिया है। उनके भाषण ने न केवल MIT के छात्रों को प्रभावित किया, बल्कि दुनिया भर में Palestine के समर्थन में आवाज उठाने वालों के लिए एक मिसाल कायम की।

ये भी पढ़े - बीजेपी का नया अध्यक्ष कौन? अचानक सामने आया यह चौंकाने वाला नाम

क्या कहता है MIT?

MIT ने अभी तक मेघा के भाषण या उनके आरोपों पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। हालांकि, कैंपस में इस मुद्दे पर चर्चा जोरों पर है। कुछ छात्र मेघा के समर्थन में हैं, तो कुछ का मानना है कि इस तरह के बयान यूनिवर्सिटी की छवि को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इस बीच, सोशल मीडिया पर Megha Vemuri और Free Palestine से जुड़े हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं, जिससे यह मुद्दा और व्यापक हो गया है।

500 के नोट पर आया नया फैसला! अब 100 और 200 के नोटों का होगा बोलबाला?

500 Rupee Note Ban : भारत में डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए सरकार पिछले कुछ वर्षों से लगातार कदम उठा रही है। नकदी पर निर्भरता कम करने और डिजिटल लेन-देन को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से बड़े नोटों के चलन को कम करने की योजना पर काम चल रहा है।

हाल ही में चर्चा है कि 500 रुपये के नोट को भी धीरे-धीरे बाजार से हटाया जा सकता है, जैसा कि 2,000 रुपये के नोटों के साथ पहले हो चुका है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने पहले ही 2,000 रुपये के नोटों की छपाई बंद कर दी है, और अब 500 रुपये के नोटों पर भी नजर है। आइए, जानते हैं कि इस बदलाव की क्या योजना है और इसका आम लोगों पर क्या प्रभाव पड़ेगा।

बैंकिंग विशेषज्ञ अश्विनी राणा के अनुसार, सरकार और आरबीआई मिलकर मार्च 2026 के बाद 500 रुपये के नोटों को चलन से हटाने की दिशा में काम कर सकते हैं। हालांकि, यह प्रक्रिया 2016 की नोटबंदी की तरह अचानक नहीं होगी।

ये भी पढ़े- 14 साल की बच्ची के पेट से निकला 3 किलो बालों का गुच्छा, डॉक्टर्स भी रह गए हैरान!

विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार और आरबीआई इस बदलाव को धीरे-धीरे लागू करेंगे ताकि आम लोगों को किसी तरह की परेशानी न हो। पहले चरण में बैंकों को निर्देश दिए जा सकते हैं कि वे एटीएम में 100 और 200 रुपये के छोटे नोटों की उपलब्धता बढ़ाएं। इससे बाजार में 500 रुपये के नोटों का चलन धीरे-धीरे कम होगा, और लोग छोटे मूल्य के नोटों का उपयोग करने लगेंगे।

क्या पूरी तरह बंद होंगे 500 रुपये के नोट?

विशेषज्ञों का कहना है कि 500 रुपये के नोटों को पूरी तरह से बंद करने के बजाय, उनके सर्कुलेशन को कम किया जाएगा। लोगों को अपने पास मौजूद 500 रुपये के नोटों को बैंकों में जमा करने के लिए पर्याप्त समय दिया जाएगा। इससे आरबीआई के पास इन नोटों का स्टॉक जमा होगा, और धीरे-धीरे ये नोट बाजार से गायब हो जाएंगे।

यह प्रक्रिया सुनियोजित और पारदर्शी होगी, ताकि लोगों को असुविधा न हो और वे आसानी से अपने पैसे का उपयोग या जमा कर सकें।

छोटे नोटों पर बढ़ेगा जोर

500 रुपये के नोटों के चलन को कम करने के लिए सरकार 100 और 200 रुपये के नोटों की मांग और आपूर्ति बढ़ाने पर ध्यान देगी। बैंकों और एटीएम में इन छोटे नोटों की संख्या में वृद्धि होगी, जिससे लोगों को रोजमर्रा के लेन-देन में आसानी होगी। यह कदम न केवल डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देगा, बल्कि नकदी आधारित अर्थव्यवस्था को और अधिक पारदर्शी बनाने में भी मदद करेगा।जैसे-जैसे 500 रुपये के नोट बाजार से कम होंगे, लोग डिजिटल लेन-देन की ओर अधिक आकर्षित होंगे, जो सरकार के डिजिटल इंडिया मिशन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

ये भी पढ़े- बीजेपी का नया अध्यक्ष कौन? अचानक सामने आया यह चौंकाने वाला नाम

बीजेपी का नया अध्यक्ष कौन? अचानक सामने आया यह चौंकाने वाला नाम!

भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष (BJP President) के चयन को लेकर उत्सुकता चरम पर है। लोकसभा चुनाव 2024 के बाद से ही इस अहम पद के लिए चर्चा तेज थी, लेकिन अब, एक साल बाद भी, पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के बीच सहमति बनने में देरी हो रही है। इस बीच, एक नया नाम सामने आया है, जिसने सबको चौंका दिया है— जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल (Lieutenant Governor) मनोज सिन्हा (Manoj Sinha)।

बीजेपी के सामने अगले कुछ साल बेहद महत्वपूर्ण हैं। पश्चिम बंगाल (West Bengal) में पार्टी को मजबूत करना और वहाँ जीत हासिल करना न केवल पार्टी के लिए, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) और गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) के लिए भी प्रतिष्ठा का सवाल बन गया है। इसके अलावा, बिहार (Bihar) और उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) जैसे राज्यों में आगामी विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) भी पार्टी के लिए बड़ी चुनौती हैं। नया राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनते समय जातिगत समीकरण, क्षेत्रीय संतुलन और संगठन की रणनीति को ध्यान में रखना होगा। साथ ही, RSS के साथ तालमेल भी उतना ही जरूरी है। ऐसे में, नए अध्यक्ष के कंधों पर न केवल संगठन को एकजुट रखने, बल्कि कठिन चुनावी लड़ाइयों को जीतने की जिम्मेदारी होगी।

मनोज सिन्हा: क्यों हैं चर्चा में?

हाल ही में, सूत्रों के हवाले से खबर आई कि मनोज सिन्हा (Manoj Sinha) का नाम बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष की दौड़ में शामिल हो गया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री और वर्तमान में जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल (Lieutenant Governor of Jammu and Kashmir) सिन्हा का नाम पहले से चर्चित धर्मेंद्र प्रधान (Dharmendra Pradhan) और भूपेंद्र यादव (Bhupendra Yadav) जैसे नेताओं के साथ अब जोड़ा जा रहा है। सिन्हा की खासियत उनका लंबा प्रशासनिक अनुभव और RSS के साथ गहरा जुड़ाव है। उत्तर प्रदेश के गाजीपुर से आने वाले सिन्हा, जो भूमिहार ब्राह्मण (Bhumihar Brahmin) समुदाय से हैं, ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) और आईआईटी (IIT) से पढ़ाई की है। उनकी तकनीकी समझ और सोशल मीडिया (Social Media) में दक्षता उन्हें आधुनिक राजनीति के लिए उपयुक्त बनाती है।

जम्मू-कश्मीर में उनके कार्यकाल ने उनकी छवि को और मजबूत किया है। वहाँ उन्होंने शासन में पारदर्शिता और विकास के लिए कई कदम उठाए, जिसकी सराहना खुद पीएम मोदी ने की है। सिन्हा का अनुभव और संगठनात्मक कौशल उन्हें इस दौड़ में एक मजबूत दावेदार बनाता है। लेकिन क्या वह पार्टी और RSS दोनों को एक साथ जोड़ पाएंगे? यह सवाल अभी भी बना हुआ है।

अन्य दावेदार और जातिगत समीकरण

मनोज सिन्हा से पहले धर्मेंद्र प्रधान और भूपेंद्र यादव के नाम चर्चा में थे। दोनों ही अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) से आते हैं और संगठन में उनकी मजबूत पकड़ है। इसके अलावा, पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी (Smriti Irani) का नाम भी कुछ समय के लिए उछला, लेकिन उनकी दावेदारी को लेकर ज्यादा सहमति नहीं बन पाई। बीजेपी और RSS दोनों इस बात पर सहमत हैं कि नया अध्यक्ष ऐसा होना चाहिए जो संगठन को नई ऊर्जा दे, चुनावी रणनीति को प्रभावी ढंग से लागू करे और क्षेत्रीय व जातिगत समीकरणों को संतुलित करे। खासकर, बिहार और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में OBC और अन्य समुदायों का समर्थन जुटाना पार्टी के लिए जरूरी है।

14 साल की बच्ची के पेट से निकला 3 किलो बालों का गुच्छा, डॉक्टर्स भी रह गए हैरान!

जयपुर, राजस्थान की राजधानी, एक बार फिर सुर्खियों में है, और इस बार वजह है एक हैरान करने वाला चिकित्सा चमत्कार। यहाँ के एक प्रमुख अस्पताल में डॉक्टरों की टीम ने 14 वर्षीय बच्ची के पेट से 210 सेंटीमीटर लंबा बालों का गुच्छा (Trichobezoar) निकालकर इतिहास रच दिया। यह दुनिया का सबसे लंबा हेयरबॉल माना जा रहा है, जिसने पिछले 180 सेंटीमीटर के World Record को पीछे छोड़ दिया। आइए, इस अनोखी कहानी को करीब से जानते हैं, जो न केवल चिकित्सा जगत की उपलब्धि है, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता का भी एक सबक देती है।

पेट दर्द की शिकायत ने खोला राज

आगरा की रहने वाली यह 10वीं कक्षा की छात्रा पिछले एक महीने से पेट दर्द और बार-बार उल्टी की समस्या से जूझ रही थी। जब उसकी हालत बिगड़ने लगी, तो परिजनों ने उसे तुरंत जयपुर के एक बड़े अस्पताल में भर्ती कराया। यहाँ डॉक्टरों ने प्रारंभिक जांच के दौरान बच्ची के पेट में एक सख्त गठान महसूस की, जो नाभि से लेकर पेट के ऊपरी हिस्से तक फैली थी। CECT Scan से पता चला कि यह गठान कोई साधारण चीज़ नहीं, बल्कि एक असामान्य बालों का गुच्छा था, जो पेट से होते हुए छोटी आंत (Distal Ileum) तक फैल चुका था।

सर्जरी में सामने आया चौंकाने वाला सच

डॉक्टरों ने तुरंत सर्जरी का फैसला लिया। इस जटिल ऑपरेशन का नेतृत्व Dr. Jeevan Kankaria ने किया, जिनके साथ Dr. Rajendra Bugalia, Dr. Devendra Saini, Dr. Amit, Dr. Sunil Chauhan और उनकी Anesthesia Team ने मिलकर इस चुनौती को पार किया। सर्जरी के दौरान डॉक्टर हैरान रह गए, जब उन्होंने देखा कि यह विशालकाय बालों का गुच्छा एक ही टुकड़े में पेट से छोटी आंत तक फैला था। डॉक्टरों ने इसे सावधानीपूर्वक निकाला, क्योंकि टुकड़ों में निकालने से छोटी आंत में कई चीरे लगाने पड़ते, जिससे जोखिम बढ़ सकता था। इस सफलता में अस्पताल अधीक्षक Dr. Sushil Bhati और प्राचार्य Dr. Deepak Maheshwari का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा।

सपा सांसद प्रिया सरोज और क्रिकेटर रिंकू सिंह की रिंग सेरेमनी लखनऊ में, 8 जून को सगाई

लखनऊ में 8 जून को समाजवादी पार्टी की सांसद प्रिया सरोज और क्रिकेटर रिंकू सिंह की सगाई होने जा रही है. दोनों की रिंग सेरेमनी लखनऊ के एक होटल में आयोजित होगी, जिसमें परिवार और करीबी रिश्तेदार शामिल होंगे. बता दें कि इसी साल जनवरी में क्रिकेटर रिंकू सिंह का समाजवादी पार्टी की सांसद से रिश्ता पक्का हुआ था. दोनों का रोका हो चुका है और अब सगाई होने जा रही है.

रिंकू की मंगेतर समाजवादी पार्टी (SP) की सांसद प्रिया सरोज हैं. 26 साल की सरोज ने 2024 के लोकसभा चुनाव में मछलीशहर सीट से समाजवादी पार्टी के टिकट पर जीत हासिल की थी. उन्होंने बीपी सरोज को 35850 वोटों के अंतर से हराया था. प्रिया सरोज का जन्म 23 नवंबर 1998 को वाराणसी में हुआ था।

प्रिया ने अपनी स्कूली शिक्षा नई दिल्ली स्थित एयर फोर्स गोल्डन जुबली इंस्टीट्यूट से पूरी की. इसके बाद उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से आर्ट्स में स्नातक किया. फिर उन्होंने नोएडा में एमिटी विश्वविद्यालय से एलएलबी की डिग्री हासिल की. प्रिया सरोज के पिता तूफानी सरोज भी तीन बार लोकसभा सांसद रह चुके हैं. तूफानी सरोज फिलहाल केराकत सीट से समाजवादी पार्टी के टिकट पर विधायक हैं।