पेट्रोल पंप खोलो और हर लीटर पर कमाओ इतना! जानिए पूरा खर्च और मुनाफा

भारत में पेट्रोल पंप व्यवसाय शुरू करना एक आकर्षक और दीर्घकालिक लाभकारी अवसर हो सकता है। बढ़ते वाहनों की संख्या और ईंधन की निरंतर मांग के कारण Indian Oil Corporation (IOC), Bharat Petroleum Corporation Ltd (BPCL), और Hindustan Petroleum Corporation Ltd (HPCL) जैसी तेल विपणन कंपनियों (OMCs) के साथ डीलरशिप लेना कई उद्यमियों का सपना होता है। लेकिन इस व्यवसाय को शुरू करने के लिए कितनी लागत, कौन-सी प्रक्रिया, और कितना कमीशन मिलता है? आइए, इस लेख में हम इसे आसान और रोचक तरीके से समझते हैं, ताकि आप अपने सपने को हकीकत में बदल सकें।

पेट्रोल पंप खोलने की लागत: कितना पैसा चाहिए?

पेट्रोल पंप शुरू करने के लिए सबसे पहला सवाल यही होता है कि इसमें कितना खर्च आएगा। लागत कई कारकों पर निर्भर करती है, जैसे कि स्थान, जमीन का आकार, और बुनियादी ढांचे की आवश्यकता। अगर आप शहर में Indian Oil या BPCL जैसे ब्रांड का पेट्रोल पंप खोलना चाहते हैं, तो आपको कम से कम 25 लाख से 50 लाख रुपये की जरूरत हो सकती है। ग्रामीण क्षेत्रों में यह लागत 15 लाख से 30 लाख रुपये तक हो सकती है। इसमें जमीन की कीमत (यदि आपकी अपनी जमीन नहीं है), पंप का निर्माण, टैंक और डिस्पेंसर मशीनों की लागत, और लाइसेंस शुल्क शामिल होता है। उदाहरण के लिए, एक शहरी क्षेत्र में 800-1200 वर्ग फुट की जमीन और ग्रामीण क्षेत्र में 1200-1500 वर्ग फुट की जमीन की आवश्यकता होती है। साथ ही, आपको कार्यशील पूंजी के लिए अतिरिक्त 10-15 लाख रुपये रखने होंगे, ताकि शुरुआती खर्च जैसे स्टाफ की सैलरी और ईंधन स्टॉक की लागत को पूरा किया जा सके।

कमीशन कितना मिलता है?

पेट्रोल पंप मालिकों को हर लीटर ईंधन बिक्री पर एक निश्चित कमीशन मिलता है। हाल ही में, अक्टूबर 2024 में, Indian Oil Corporation (IOC) और अन्य OMCs ने डीलर कमीशन में वृद्धि की घोषणा की। अब पेट्रोल पर प्रति लीटर 65 पैसे और डीजल पर 44 पैसे का कमीशन मिलता है। इसके अलावा, डीलरों को प्रति किलोलीटर 1,868.14 रुपये और बिक्री मूल्य का 0.875% अतिरिक्त कमीशन मिलता है। यह वृद्धि सात साल बाद हुई, जिसे All India Petroleum Dealers Association के अध्यक्ष Ajay Bansal ने स्वागत किया। हालांकि, कुछ डीलरों का कहना है कि बढ़ती परिचालन लागत और Electric Vehicles (EVs) की लोकप्रियता के कारण मुनाफा अभी भी कम है। फिर भी, एक औसत शहरी पेट्रोल पंप जो प्रतिदिन 10,000-20,000 लीटर ईंधन बेचता है, वह रोजाना 15,000 से 60,000 रुपये तक कमा सकता है।

पेट्रोल पंप खोलने की प्रक्रिया

पेट्रोल पंप शुरू करने के लिए आपको सबसे पहले IOC, BPCL, या HPCL जैसी तेल कंपनियों से डीलरशिप के लिए आवेदन करना होगा। इसके लिए आपको उनकी आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध फॉर्म भरना होगा। आवेदन के साथ आपको अपनी जमीन के दस्तावेज, वित्तीय स्थिति, और व्यक्तिगत जानकारी देनी होगी। इसके बाद, आपको निम्नलिखित लाइसेंस और अनुमोदन प्राप्त करने होंगे:

  • स्थानीय नगर निगम से ट्रेड लाइसेंस: यह सुनिश्चित करता है कि आपका व्यवसाय स्थानीय नियमों का पालन करता है।
  • अग्नि सुरक्षा मंजूरी: पेट्रोल पंप में आग से सुरक्षा के लिए यह अनिवार्य है।
  • पर्यावरण मंजूरी: प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से मंजूरी लेनी होगी।
  • विस्फोटक लाइसेंस: ईंधन भंडारण के लिए यह जरूरी है।

इनके अलावा, आपको पेट्रोल पंप के लिए बुनियादी ढांचा तैयार करना होगा, जैसे टैंक, डिस्पेंसर, और सुरक्षा उपकरण। एक बार सभी अनुमोदन मिलने के बाद, कंपनी आपके साथ एक डीलरशिप समझौता करेगी। इस प्रक्रिया में 6 महीने से एक साल तक का समय लग सकता है।

चुनौतियां और समाधान

पेट्रोल पंप व्यवसाय में कई चुनौतियां भी हैं। उदाहरण के लिए, Ludhiana में पेट्रोल पंप मालिकों ने 2024 में कमीशन बढ़ाने की मांग को लेकर हड़ताल की थी। उनकी शिकायत थी कि सात सालों में कमीशन में कोई वृद्धि नहीं हुई थी, जबकि परिचालन लागत बढ़ रही थी। इसके अलावा, Electric Vehicles की बढ़ती लोकप्रियता से पारंपरिक ईंधन की मांग पर असर पड़ रहा है। हालांकि, इन चुनौतियों से निपटने के लिए डीलर अतिरिक्त सेवाएं जैसे कि सुविधा स्टोर, कार वॉश, या ऑटोमोटिव एक्सेसरीज की बिक्री शुरू कर सकते हैं। Nayara Energy जैसी कंपनियां भी अपने नेटवर्क का विस्तार कर रही हैं, जो नए डीलरों के लिए अवसर पैदा कर रही हैं।

क्यों है यह व्यवसाय आकर्षक?

भारत में वाहनों की बढ़ती संख्या, खासकर Royal Enfield Classic 350, TVS Apache RTR 160, और Maruti Suzuki Swift जैसे लोकप्रिय वाहनों की मांग, पेट्रोल पंप व्यवसाय को स्थिर बनाती है। इसके अलावा, केंद्र सरकार की PM Ujjwala Yojana जैसी योजनाएं और Hardeep Singh Puri जैसे नेताओं की नीतियां ईंधन क्षेत्र को बढ़ावा दे रही हैं। अगर आप सही स्थान पर पेट्रोल पंप खोलते हैं और इसे अच्छे से प्रबंधित करते हैं, तो यह न केवल आर्थिक रूप से लाभकारी होगा, बल्कि सामाजिक रूप से भी आपको सम्मान दिलाएगा।

पेट्रोल पंप खोलना एक बड़ा निवेश और मेहनत का काम है, लेकिन सही योजना और प्रबंधन के साथ यह आपके लिए एक सुनहरा अवसर हो सकता है। Indian Oil, BPCL, और HPCL जैसे बड़े ब्रांड्स के साथ जुड़कर आप इस व्यवसाय को नई ऊंचाइयों तक ले जा सकते हैं। अगर आप इस क्षेत्र में कदम रखने की सोच रहे हैं, तो आज ही इन कंपनियों की वेबसाइट पर जाकर आवेदन प्रक्रिया शुरू करें। अपने सपने को हकीकत में बदलने के लिए सही समय यही है!

Bijnor News: धामपुर में गर्लफ्रेंड ने रखी शर्त, सरकारी जॉब करो, तब करूंगी शादी’ बॉयफ्रेंड ने कर दिया मर्डर

A.K Ashq

Bijnor News: उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में एक ऐसी घटना ने सबको झकझोर कर रख दिया है, जो प्रेम और विश्वास की नींव को हिलाने वाली है। धामपुर थाना क्षेत्र के दीत्तनपुर गांव में एक प्रेमी, जिसका नाम Shivam है, ने अपने माता-पिता के साथ मिलकर अपनी प्रेमिका Ruchika (25) की निर्मम हत्या कर दी। इसके बाद, इस जघन्य अपराध को छिपाने के लिए उन्होंने रुचिका के शव को एक बैग में बंद कर रामगंगा नहर में फेंक दिया। इस घटना ने न केवल स्थानीय समुदाय को स्तब्ध कर दिया, बल्कि प्रेम के नाम पर होने वाले विश्वासघात की कड़वी सच्चाई को भी उजागर किया है।

प्रेम से विश्वासघात तक का सफर

रुचिका, जो पेशे से एक ब्यूटीशियन थी, और शिवम का प्रेम प्रसंग साल 2016 से चल रहा था। दोनों रोजाना कुछ घंटे साथ बिताते थे और फोन पर लंबी बातें करते थे। लेकिन रुचिका की एक शर्त थी—वह शादी तभी करेगी जब शिवम को सरकारी नौकरी मिल जाए। यह शर्त उनके रिश्ते में तनाव का कारण बन गई। 10 मई 2025 को शिवम, रुचिका को अपनी बाइक (Hero Splendor) पर बिठाकर अपने घर ले गया। वहां शादी को लेकर दोनों के बीच तीखी बहस हुई। रुचिका ने अपनी बात दोहराई कि वह सरकारी नौकरी के बिना शादी नहीं करेगी। शिवम के माता-पिता ने भी उसे मनाने की कोशिश की, लेकिन बात नहीं बनी। इसके बाद, इस बहस ने इतना भयावह रूप ले लिया कि शिवम और उसके परिवार ने मिलकर रुचिका की हत्या कर दी।

रामगंगा नहर ने खोला राज

18 और 19 मई की रात को रामगंगा फीडर चैनल में एक बैग में बंद युवती का शव मिला। पुलिस ने जब शव की शिनाख्त की, तो वह रुचिका का निकला। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के अनुसार, उसकी मृत्यु छह से सात दिन पहले हुई थी। इस खुलासे के बाद धामपुर पुलिस ने Shivam को हिरासत में लिया और कड़ाई से पूछताछ की। पूछताछ में शिवम ने अपना गुनाह कबूल कर लिया और बताया कि उसने अपने माता-पिता के साथ मिलकर इस अपराध को अंजाम दिया। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।

परिवार का दर्द और समाज में सवाल

रुचिका के पिता Dev ने 16 मई को धामपुर थाने में अपनी बेटी के लापता होने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया कि 10 मई को रुचिका अपने ब्यूटी पार्लर के लिए घर से निकली थी, लेकिन वापस नहीं लौटी। परिवार का मानना था कि शिवम ने उसे बहला-फुसलाकर अपने साथ ले गया। रुचिका के शव के मिलने के बाद परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है। यह घटना समाज में कई सवाल खड़े करती है—क्या प्रेम का मतलब केवल अपने हिसाब से रिश्ते को चलाना है? क्या असहमति की कीमत जान देकर चुकानी पड़नी चाहिए?

पुलिस की तत्परता और कानूनी कार्रवाई

धामपुर पुलिस ने इस मामले में तेजी दिखाते हुए 12 दिनों के भीतर ही अपराधियों को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया। यह घटना न केवल कानून-व्यवस्था की मजबूती को दर्शाती है, बल्कि यह भी बताती है कि अपराध कितना भी छिपाने की कोशिश की जाए, सच सामने आ ही जाता है। रामगंगा नहर में मिला शव इस बात का गवाह है कि अपराध का कोई ठिकाना नहीं होता।

सरकार की इस योजना का आप भी उठाएं लाभ,मां बनने पर मिलेंगे 6,000 रुपये

Janani suraksha yojana :भारत में मातृ और शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए जननी सुरक्षा योजना (JSY) एक क्रांतिकारी पहल है। यह योजना गर्भवती महिलाओं को संस्थागत प्रसव के लिए प्रोत्साहित करती है और उन्हें वित्तीय सहायता प्रदान करती है। औसतन, पात्र महिलाओं को 6,000 रुपये तक की प्रोत्साहन राशि दी जाती है, जो प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के माध्यम से उनके बैंक या डाकघर खाते में हस्तांतरित होती है। इस लेख में, हम जननी सुरक्षा योजना के लाभ, पात्रता, आवेदन प्रक्रिया और अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं पर विस्तार से चर्चा करेंगे।

प्रमुख कीवर्ड्स: जननी सुरक्षा योजना, मातृत्व लाभ, संस्थागत प्रसव, प्रत्यक्ष लाभ अंतरण, गर्भवती महिलाओं के लिए वित्तीय सहायता, JSY लाभ, आशा कार्यकर्ता।

janani suraksha yojana : सामग्री तालिका

  • जननी सुरक्षा योजना क्या है?
  • योजना के उद्देश्य
  • पात्रता मानदंड
  • प्रोत्साहन राशि का विवरण
  • प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) की प्रक्रिया
  • आवेदन कैसे करें?
  • आशा कार्यकर्ताओं की भूमिका
  • योजना के लाभ और प्रभाव

janani suraksha yojana : जननी सुरक्षा योजना क्या है?

जननी सुरक्षा योजना (JSY) राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के तहत शुरू की गई एक महत्वपूर्ण योजना है, जिसका उद्देश्य गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित प्रसव और मातृत्व देखभाल प्रदान करना है। यह योजना 12 अप्रैल 2005 को शुरू हुई थी और इसका फोकस विशेष रूप से आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों और निम्न प्रदर्शन करने वाले राज्यों (LPS) जैसे उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, और राजस्थान पर है।

janani suraksha yojana : योजना की मुख्य विशेषताएं

  • संस्थागत प्रसव को प्रोत्साहन: सरकारी या मान्यता प्राप्त निजी अस्पतालों में प्रसव को बढ़ावा।
  • वित्तीय सहायता: ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में अलग-अलग प्रोत्साहन राशि।
  • आशा कार्यकर्ताओं की सहायता: स्थानीय स्तर पर जागरूकता और समन्वय।
  • मातृ और शिशु स्वास्थ्य: प्रसव पूर्व और बाद की देखभाल।

janani suraksha yojana : योजना के उद्देश्य

जननी सुरक्षा योजना के निम्नलिखित प्रमुख उद्देश्य हैं:

  • मातृ मृत्यु दर में कमी: सुरक्षित प्रसव सुविधाओं के माध्यम से माताओं की जान बचाना।
  • शिशु मृत्यु दर में कमी: नवजात शिशुओं के लिए बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं।
  • संस्थागत प्रसव को बढ़ावा: घर पर होने वाले असुरक्षित प्रसव को कम करना।
  • आर्थिक सहायता: गरीब परिवारों को प्रसव से संबंधित खर्चों में राहत।

नोट: यह योजना विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच बढ़ाने के लिए बनाई गई है।

janani suraksha yojana : पात्रता मानदंड

जननी सुरक्षा योजना का लाभ उठाने के लिए निम्नलिखित शर्तों को पूरा करना आवश्यक है:

janani suraksha yojana :पात्रता

  • आर्थिक स्थिति: गरीबी रेखा से नीचे (BPL) या कम आय वाली महिलाएं।
  • उम्र: 19 वर्ष से अधिक उम्र की गर्भवती महिलाएं।
  • प्रसव स्थान: सरकारी स्वास्थ्य केंद्र या JSY द्वारा मान्यता प्राप्त निजी अस्पताल।
  • बच्चों की संख्या: योजना दो जीवित बच्चों तक लागू।
  • पंजीकरण: प्रसव के लिए सरकारी स्वास्थ्य केंद्र में पंजीकरण अनिवार्य।

janani suraksha yojana :अपात्रता

  • गैर-मान्यता प्राप्त निजी अस्पतालों में प्रसव।
  • कॉटेज सुविधा (पेड वार्ड) का उपयोग करने वाली महिलाएं।
  • दो से अधिक जीवित बच्चों वाली महिलाएं।

janani suraksha yojana :प्रोत्साहन राशि का विवरण

जननी सुरक्षा योजना के तहत प्रोत्साहन राशि क्षेत्र के आधार पर भिन्न होती है। औसतन, प्रत्येक पात्र महिला को 6,000 रुपये तक की सहायता मिलती है, जिसमें JSY और प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (PMMVY) की राशि शामिल हो सकती है।

प्रोत्साहन राशि तालिका

क्षेत्रJSY प्रोत्साहनPMMVY राशिकुल राशि
ग्रामीण क्षेत्र1,400 रुपये5,000 रुपये6,400 रुपये
शहरी क्षेत्र1,000 रुपये5,000 रुपये6,000 रुपये

janani suraksha yojana : अतिरिक्त प्रोत्साहन

  • आशा कार्यकर्ता: ग्रामीण क्षेत्र में 600 रुपये और शहरी क्षेत्र में 400 रुपये।
  • सी-सेक्शन प्रसव: मान्यता प्राप्त निजी अस्पतालों में अधिकतम 1,500 रुपये अतिरिक्त।

janani suraksha yojana : भुगतान की शर्तें

  • प्रसव के बाद कम से कम 48 घंटे अस्पताल में रहना।
  • मेडिकल कॉलेज में प्रसव के लिए 24 घंटे पर्याप्त।

janani suraksha yojana : प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) की प्रक्रिया

प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) एक पारदर्शी और त्वरित प्रणाली है, जिसके माध्यम से प्रोत्साहन राशि सीधे लाभार्थी के बैंक या डाकघर खाते में हस्तांतरित होती है।

janani suraksha yojana : डीबीटी के लाभ

  • पारदर्शिता: बिचौलियों की कोई भूमिका नहीं।
  • त्वरित भुगतान: प्रसव के कुछ दिनों के भीतर राशि खाते में।
  • सुरक्षा: नकद भुगतान की तुलना में अधिक सुरक्षित।

janani suraksha yojana : डीबीटी के लिए आवश्यकताएं

  • आधार से लिंक खाता: बैंक या डाकघर खाता आधार से लिंक होना चाहिए।
  • जननी कार्ड: पंजीकरण के बाद प्राप्त होता है।
  • सत्यापन: प्रसव के बाद दस्तावेजों का सत्यापन।

सुझाव: सुनिश्चित करें कि आपका बैंक खाता सक्रिय है और आधार से लिंक है।

janani suraksha yojana :आवेदन कैसे करें?

जननी सुरक्षा योजना का लाभ उठाने के लिए निम्नलिखित प्रक्रिया का पालन करें:

janani suraksha yojana : आवेदन प्रक्रिया

  1. स्वास्थ्य केंद्र में पंजीकरण: नजदीकी सरकारी अस्पताल या स्वास्थ्य केंद्र में जाएं।
  2. आशा कार्यकर्ता से संपर्क: वे पंजीकरण और दस्तावेज जमा करने में मदद करेंगी।
  3. दस्तावेज जमा करें: सभी आवश्यक दस्तावेज जमा करें।
  4. जननी कार्ड प्राप्त करें: पंजीकरण के बाद यह कार्ड जारी होता है।
  5. प्रसव के बाद भुगतान: डीबीटी के माध्यम से राशि हस्तांतरित।

janani suraksha yojana : आवश्यक दस्तावेज

  • आधार कार्ड या अन्य पहचान पत्र
  • बैंक/डाकघर खाता पासबुक
  • गर्भावस्था पंजीकरण प्रमाण
  • BPL कार्ड (यदि लागू)
  • निवास प्रमाण पत्र

janani suraksha yojana :आशा कार्यकर्ताओं की भूमिका

आशा कार्यकर्ताएं इस योजना को ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में प्रभावी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। उनकी जिम्मेदारियां:

  • जागरूकता फैलाना: गर्भवती महिलाओं को योजना के बारे में जानकारी देना।
  • पंजीकरण सहायता: दस्तावेज और पंजीकरण प्रक्रिया में मदद।
  • प्रसव पूर्व देखभाल: कम से कम 3 प्रसव पूर्व जांच (ANC) सुनिश्चित करना।
  • प्रसव में सहायता: अस्पताल पहुंचने और प्रसव के दौरान सहायता।

नोट: आशा कार्यकर्ताओं को उनके प्रयासों के लिए प्रोत्साहन राशि भी दी जाती है।

janani suraksha yojana : योजना के लाभ और प्रभाव

जननी सुरक्षा योजना ने भारत में मातृ और शिशु स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण सुधार किया है। इसके प्रमुख लाभ:

  • संस्थागत प्रसव में वृद्धि: 80% से अधिक प्रसव अब अस्पतालों में।
  • मातृ मृत्यु दर में कमी: सुरक्षित प्रसव सुविधाओं के कारण।
  • आर्थिक राहत: गरीब परिवारों के लिए वित्तीय सहायता।
  • नवजात देखभाल: प्रसव के बाद मुफ्त टीकाकरण और स्वास्थ्य जांच।

janani suraksha yojana : प्रभाव

  • ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच में सुधार।
  • महिलाओं में स्वास्थ्य जागरूकता में वृद्धि।
  • नवजात शिशुओं के लिए बेहतर स्वास्थ्य और पोषण।

janani suraksha yojana : महत्वपूर्ण सुझाव

  • जल्दी पंजीकरण करें: गर्भावस्था के शुरुआती चरण में ही पंजीकरण कराएं।
  • आशा कार्यकर्ता से संपर्क: वे योजना की प्रक्रिया को आसान बनाती हैं।
  • दस्तावेज तैयार रखें: आधार, बैंक खाता, और अन्य दस्तावेज समय पर जमा करें।
  • अस्पताल में समय बिताएं: प्रसव के बाद आवश्यक समय तक अस्पताल में रहें।

janani suraksha yojana : अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

  1. जननी सुरक्षा योजना का लाभ कौन ले सकता है?
    गरीबी रेखा से नीचे की गर्भवती महिलाएं जो सरकारी या मान्यता प्राप्त अस्पतालों में प्रसव कराती हैं।
  2. प्रोत्साहन राशि कब मिलती है?
    प्रसव के बाद 48 घंटे अस्पताल में रहने के बाद डीबीटी के माध्यम से।
  3. क्या निजी अस्पतालों में लाभ मिलता है?
    केवल JSY द्वारा मान्यता प्राप्त निजी अस्पतालों में।
  4. आवेदन के लिए कौन से दस्तावेज चाहिए?
    आधार कार्ड, बैंक खाता विवरण, और गर्भावस्था पंजीकरण प्रमाण।
  5. क्या योजना दो से अधिक बच्चों के लिए लागू है?
    नहीं, यह केवल दो जीवित बच्चों तक सीमित है।

जननी सुरक्षा योजना गर्भवती महिलाओं और उनके नवजात शिशुओं के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यह योजना न केवल सुरक्षित प्रसव को बढ़ावा देती है, बल्कि आर्थिक सहायता के माध्यम से गरीब परिवारों को सशक्त बनाती है। प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के जरिए पारदर्शी और त्वरित भुगतान सुनिश्चित होता है। यदि आप इस योजना का लाभ उठाना चाहते हैं, तो अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र या आशा कार्यकर्ता से संपर्क करें और आज ही पंजीकरण कराएं।

ज्योति मल्होत्रा: यूट्यूब की चमक से जासूसी के अंधेरे तक, कितना था कमाई का राज?

हरियाणा के हिसार की एक साधारण सी लड़की, ज्योति मल्होत्रा, ने अपने यूट्यूब चैनल ‘ट्रैवल विद जो’ के जरिए लाखों लोगों का दिल जीता। लेकिन हाल ही में उनकी गिरफ्तारी ने सबको हैरान कर दिया। उन पर पाकिस्तान के लिए जासूसी करने का गंभीर आरोप लगा है। आखिर कौन हैं ज्योति मल्होत्रा, और कैसे एक ट्रैवल व्लॉगर की जिंदगी ने लिया ऐसा खतरनाक मोड़? 

छोटे शहर से यूट्यूब की दुनिया तक

ज्योति मल्होत्रा हिसार की न्यू अग्रसेन कॉलोनी की रहने वाली हैं। उनके पिता, हरीश मल्होत्रा, ने बताया कि ज्योति ने दिल्ली में 20-25 हजार रुपये की नौकरी की, लेकिन कोविड के बाद वह हिसार लौट आईं। यहीं से शुरू हुआ उनका यूट्यूब करियर। ‘ट्रैवल विद जो’ चैनल पर उन्होंने भारत के खूबसूरत स्थानों जैसे मनाली, जयपुर और कश्मीर के वीडियो बनाए। धीरे-धीरे उनकी लोकप्रियता बढ़ी, और आज उनके चैनल पर 3.78 लाख सब्सक्राइबर्स हैं। इंस्टाग्राम पर 1.33 लाख और फेसबुक पर 3.21 लाख फॉलोअर्स के साथ, ज्योति एक चर्चित (influencer) बन चुकी थीं।

यूट्यूब से कितनी थी कमाई?

ज्योति की कमाई का मुख्य स्रोत उनका यूट्यूब चैनल था। अनुमान के मुताबिक, हर 1,000 व्यूज पर यूट्यूब 80-240 रुपये देता है। अगर ज्योति के वीडियो पर औसतन 50,000 व्यूज आते थे और वह महीने में 10 वीडियो पोस्ट करती थीं, तो उनकी मासिक कमाई 40,000 से 1.20 लाख रुपये के बीच हो सकती थी। इसके अलावा, (sponsorships) और ब्रांड डील्स से भी उन्हें मोटी रकम मिलती थी। ट्रैवल गियर, होटल्स, और एयरलाइंस जैसी कंपनियां उन्हें स्पॉन्सर करती थीं। एक स्पॉन्सर्ड पोस्ट के लिए वह 20,000 से 50,000 रुपये चार्ज करती थीं। इस तरह, उनकी कुल मासिक आय 80,000 से 2.7 लाख रुपये तक हो सकती थी। उनकी अनुमानित (net worth) 15 से 40 लाख रुपये के बीच बताई जाती है।

पाकिस्तान यात्रा और जासूसी के आरोप

ज्योति की जिंदगी में ट्विस्ट तब आया जब उन्होंने पाकिस्तान की यात्रा की। 2023 में वह वीजा के लिए दिल्ली में पाकिस्तान हाई कमीशन गईं, जहां उनकी मुलाकात एक अधिकारी, एहसान-उर-रहीम उर्फ दानिश, से हुई। आरोप है कि दानिश ने उनकी पाकिस्तान यात्रा का खर्च उठाया और उन्हें खुफिया एजेंट्स से मिलवाया। ज्योति ने तीन बार पाकिस्तान का दौरा किया, जिसमें दो बार सिख श्रद्धालुओं के साथ और एक बार करतारपुर साहिब के लिए। उनके वीडियो, जैसे ‘पाकिस्तान में भारतीय लड़की’ और ‘लाहौर की खोज’, काफी लोकप्रिय हुए। लेकिन जांच एजेंसियों का कहना है कि इन यात्राओं के दौरान ज्योति ने संवेदनशील जानकारी पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI को दी। वह व्हाट्सएप, स्नैपचैट, और टेलीग्राम जैसे (encrypted platforms) के जरिए ISI एजेंट्स के संपर्क में थीं।

गिरफ्तारी और कानूनी कार्रवाई

17 मई 2025 को हरियाणा पुलिस ने ज्योति को आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम, 1923 की धाराओं के तहत गिरफ्तार किया। उनके साथ पंजाब और हरियाणा से पांच अन्य लोग भी पकड़े गए, जिन पर पाकिस्तान के लिए जासूसी का आरोप है। पुलिस ने ज्योति का लैपटॉप और मोबाइल जब्त किया, और उनकी पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए। ज्योति ने कबूल किया कि वह पाकिस्तानी अधिकारी दानिश और अन्य एजेंट्स के संपर्क में थीं। उनकी गिरफ्तारी के बाद यूट्यूब चैनल की (monetization) अस्थायी रूप से बंद हो सकती है, जिससे उनकी आय पर गहरा असर पड़ सकता है।

शादी में दूल्हा चीखता-चिल्लाता रहा- तीन बच्चों की मां से मेरी शादी मत करवाओ, मज़े कर रहा था बस…

शादी को सात जन्मों का बंधन माना जाता है, लेकिन जब प्यार और धोखे की कहानी एक साथ उलझ जाए, तो यह बंधन भी सवालों के घेरे में आ जाता है। बिहार के भागलपुर में एक ऐसी ही अनोखी और हैरान करने वाली कहानी सामने आई है, जो प्यार, विश्वासघात और सामाजिक दबाव की एक अनोखी मिसाल है। यह कहानी है निशा (Nisha) की, जो तीन बच्चों की माँ है, और कुंदन दास (Kundan Das) की, जिसके साथ उसने प्यार में पड़कर अपने परिवार को छोड़ दिया। लेकिन यह कहानी इतनी सीधी नहीं है, जितनी दिखती है।

भागलपुर के कंपनीबाग इलाके में रहने वाली निशा (Nisha) की जिंदगी उस वक्त बदल गई, जब उनकी मुलाकात कुंदन दास (Kundan Das) से हुई। दोनों के बीच पिछले पांच सालों से दोस्ती थी, जो धीरे-धीरे प्यार में बदल गई। निशा, जो पहले से शादीशुदा थीं और तीन बच्चों की माँ थीं, ने अपने पति को छोड़कर कुंदन के साथ रहना शुरू कर दिया। उनके सबसे बड़े बेटे की उम्र 17 साल है, फिर भी निशा ने अपने दिल की सुनी और कुंदन के साथ दिल्ली में नया जीवन शुरू किया। लेकिन जब निशा के पति को इस रिश्ते की भनक लगी, तो उन्होंने निशा को छोड़ दिया। इस तरह एक परिवार टूट गया, और निशा की जिंदगी में कुंदन ही एकमात्र सहारा बन गया।

प्रेमी का पलटवार और शादी का दबाव

निशा और कुंदन (Kundan Das) के बीच सब कुछ ठीक चल रहा था, लेकिन जल्द ही कहानी ने नया मोड़ लिया। निशा ने कुंदन पर शादी का दबाव बनाना शुरू किया, जिससे कुंदन परेशान हो गया। कुंदन, जो निशा से पांच साल छोटा है, ने शादी से साफ इनकार कर दिया। उसने कहा कि वह सिर्फ निशा के साथ समय बिताना चाहता था, शादी का कोई इरादा नहीं था। परेशान होकर कुंदन दिल्ली छोड़कर भागलपुर वापस लौट आया। लेकिन निशा ने हार नहीं मानी। वह कुंदन के पीछे-पीछे भागलपुर पहुंच गईं और शादी का दबाव बढ़ा दिया।

मंदिर में अनोखी शादी और कुंदन का विरोध

कहानी तब और रोचक हो गई, जब गांव वालों ने इस मामले में दखल दिया। कंपनीबाग के एक मंदिर में निशा और कुंदन की शादी का आयोजन किया गया। लेकिन इस शादी में कुंदन का रवैया सबको हैरान कर गया। वह चीख-चीखकर कहता रहा, “मैं तीन बच्चों की माँ से शादी नहीं करना चाहता। मैं सिर्फ मजे कर रहा था।” उसने यह भी कहा कि निशा उससे उम्र में बड़ी है और वह इस रिश्ते को शादी तक नहीं ले जाना चाहता। लेकिन गांव वालों ने उसकी एक न सुनी और मंदिर में दोनों की शादी करवा दी। यह शादी न सिर्फ अनोखी थी, बल्कि सामाजिक दबाव और प्यार के बीच की जटिलता को भी दर्शाती है।

समाज का दबाव और नैतिकता का सवाल

इस घटना ने कई सवाल खड़े किए हैं। क्या प्यार में उम्र और सामाजिक बंधन मायने रखते हैं? क्या निशा का अपने परिवार को छोड़कर कुंदन के साथ जाना सही था? और सबसे बड़ा सवाल, क्या कुंदन को उसकी मर्जी के खिलाफ शादी के लिए मजबूर करना उचित था? यह कहानी न सिर्फ प्यार और धोखे की है, बल्कि यह भी दिखाती है कि समाज कई बार व्यक्तिगत इच्छाओं को दरकिनार कर अपने नियम थोप देता है। भागलपुर की इस घटना ने स्थानीय लोगों के बीच खूब चर्चा बटोरी है और सोशल मीडिया पर भी यह कहानी वायरल हो रही है।

55 आपत्तिजनक वीडियो, कोडवर्ड नंबर और तालाब में फेंका मोबाइल: रीना का राज खुलते ही थर्राया गांव!

उत्तर प्रदेश के Kanpur जिले में एक दिल दहला देने वाली घटना ने लोगों को स्तब्ध कर दिया है। Lakshmankheda गांव में Dheerendra Pasi की हत्या की सनसनीखेज कहानी ने पुलिस जांच में कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। हत्यारोपी पत्नी Reena ने अपने प्रेमी भतीजे Satish के साथ मिलकर इस जघन्य अपराध को अंजाम दिया। Reena की शातिर चालें और सबूत मिटाने की कोशिशें पुलिस की सतर्कता के आगे नाकाम रहीं। घर से बरामद मोबाइल में 55 आपत्तिजनक वीडियो और नेमकोड से सेव नंबरों ने इस साजिश की परतें उघाड़ दीं। यह घटना न केवल एक पारिवारिक त्रासदी है, बल्कि समाज में नैतिकता और विश्वास पर सवाल उठाती है।

रीना की शातिर चाल, पुलिस ने खोली पोल

Kanpur के Bhitargaon थाना क्षेत्र में Lakshmankheda गांव में हुई Dheerendra Pasi की हत्या ने पुलिस को सकते में डाल दिया। हत्यारोपी Reena ने पहले तो पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की, दावा किया कि उसके पास कोई मोबाइल नहीं है। लेकिन Sadh Police की सख्त पूछताछ में वह टूट गई और दो मोबाइल फोन होने की बात कबूल की। एक फोन घर से बरामद हुआ, जबकि दूसरा फोन उसने तालाब में फेंकने की बात स्वीकारी। Sadh Police ने तालाब में चुंबक बांधकर फोन की तलाश की, लेकिन वह हाथ नहीं लगा। Sadh Police Station के प्रभारी निरीक्षक Avnish Kumar Singh ने बताया कि बरामद मोबाइल में Google से डाउनलोड किए गए 55 अश्लील वीडियो मिले, साथ ही कई नंबर नेमकोड से सेव थे। Reena और Satish के फोन को Forensic Lab Lucknow भेजा गया है, जहां डिलीट किए गए मैसेज, कॉल रिकॉर्ड और फोटो रिकवर किए जाएंगे।

खून की नाली ने खोला राज

घटना के बाद Reena ने सबूत मिटाने की पूरी कोशिश की। उसने घर के बाथरूम के पाइप में कपड़े ठूंसकर नाली बंद कर दी थी। लेकिन मंगलवार सुबह जब नाली साफ की गई, तो पानी के साथ खून बहता दिखा। पड़ोसियों ने तुरंत Sadh Police को सूचना दी। प्रभारी निरीक्षक Avnish Kumar Singh ने मौके पर पहुंचकर नाली और बाथरूम का निरीक्षण किया और लोगों को पानी न डालने की हिदायत दी। इस खुलासे ने Reena की साजिश को और पुख्ता किया। पुलिस अब तालाब का पानी निकालकर फेंके गए मोबाइल को बरामद करने की कोशिश में जुटी है।

Moradabad News: गौरव चौहान ने CM योगी आदित्यनाथ से की मुलाकात, रेलवे स्टेशन को मंजूरी दिलाने हेतु सौंपा प्रार्थना पत्र

पंडित अनिल शर्मा
मुरादाबाद l
बुधवार को शाम लखनऊ में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की और सरकार द्वारा धामपुर-काशीपुर रेल मार्ग (वाया ठाकुरद्वारा) पर मुख्य रेलवे स्टेशन ठाकुरद्वारा में बनाये जाने के संबंध में सकारात्मक चर्चा की।
माननीय मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि सरकार द्वारा धामपुर काशीपुर रेलमार्ग वाया ठाकुरद्वारा बनाया जा रहा है।

जिसमें ठाकुरद्वारा विधानसभा-26 के ग्राम रमनावाला से रेलवे लाइन का सर्वे पूरा हो गया है। ठाकुरद्वारा प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी का हब है, जहाँ संपूर्ण भारत के – विभिन्न प्रदेशों के हजारों बच्चे रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करते है व ठाकुरद्वारा के हजारों व्यापारी अपने व्यापार के लिए दिल्ली व अन्य जगहों पर जाते हैं।

ठाकुरद्वारा में रेलवे स्टेशन न होने के कारण व मुरादाबाद स्टेशन की दूरी 50 किमी से अधिक होने के कारण छात्र-छात्राओं व व्यापारियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। अतः छात्रहित व व्यापारी हित में ठाकुरद्वारा नगर स्थित होलिका मंदिर से रमनावाला तक PWD द्वारा सड़क का निर्माण व रमनावाला में रेलवे स्टेशन को मंजूरी दिलाने हेतु प्रार्थना पत्र सौंपा ताकि हजारों छात्र-छात्राएँ जो प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं। उन्हें परीक्षा देने में अतिरिक्त समय व धन न खर्च करना पड़े तथा व्यापारी भी सुगमता से अपना व्यापार कर सकें। इसके अतिरिक्त अन्य जन समस्याओं पर भी चर्चा की।

Bijnor News: रवाना शिकारपुर में मस्जिद के इमाम की करंट लगने से मौत, कूलर में पानी डालते समय हुआ हादसा

मोहम्मद अहमद
Bijnor News:
मस्जिद के इमाम की करंट लगने से मौत हो गई वह 30 वर्ष के थे घटना आज सुबह फजर की नमाज से पहले की है बताया जाता है कि ईमाम् साहब मस्जिद के कूलर में पानी डाल रहे थे इसी के दौरान लाइट की चपेट में आकर मौत हो गई।

मामला जनपद बिजनौर के नूरपुर थाना क्षेत्र के गांव रवाना शिकारपुर का है शाहजहांपुर निवासी मौलाना मोहम्मद आमिर कि कस्बे की जामा मस्जिद में कई वर्षों से इमामत को अंजाम दे रहे थे मस्जिद के कूलर में पानी डालते वक्त करंट लगने से मौत हो गई मौलाना की मौत की खबर सुनकर पूरे क्षेत्र में शोक छा गया।

स्थानीय लोग और मस्जिद कमेटी और मदरसे के छात्रों ने बड़ी संख्या में मस्जिद पहुँच कर मृतक के लिए दुआएं मगफिरत की शहर काजी नूरपुर मौलाना मोहम्मद अली, जमीयत उलेमा ए हिंद नूरपुर के अध्यक्ष मौलाना मोहम्मद अबरार, पूर्व ग्राम प्रधान मोहम्मद एजाज, जाहिद हुसैन सहित कई धार्मिक नेताओं ने गहरा शोक व्यक्ति किया उलमा ने कहा कि यह एक रोशन चिराग का बुझ जाना है सभी ने मौलाना के लिए मगफिरत की दुआ की और उनके परिवार को सब्र की दुआ की।

अगले 5 दिन सावधान रहें! IMD ने जारी किया हाई अलर्ट, इन राज्यों में मचेगा बारिश का कहर

भारत मौसम विज्ञान विभाग (India Meteorological Department) ने देश के कई हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। अगले 24 घंटों से शुरू होकर 25 मई 2025 तक, देश के कई क्षेत्रों में मूसलाधार बारिश और तेज हवाओं का अनुमान है। यह मौसमी बदलाव न केवल आपके रोजमर्रा के कामकाज को प्रभावित कर सकता है, बल्कि यात्रा और सुरक्षा पर भी असर डाल सकता है। आइए, जानते हैं कि किन क्षेत्रों में क्या स्थिति रहने वाली है और आप कैसे तैयार रह सकते हैं।

कोंकण, गोवा और केरल में मूसलाधार बारिश की आशंका

India Meteorological Department के ताजा अपडेट के अनुसार, कोंकण, गोवा, केरल और कर्नाटक के तटीय इलाकों में अगले कुछ दिनों तक भारी बारिश का दौर जारी रहेगा। इन क्षेत्रों में तेज हवाएं और गरज-चमक के साथ बारिश होने की संभावना है। अगर आप इन इलाकों में रहते हैं या यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो छाता, रेनकोट और जरूरी सामान साथ रखें। खासकर, गोवा और केरल जैसे पर्यटन स्थलों पर जाने वाले यात्रियों को अपनी योजनाओं पर पुनर्विचार करने की सलाह दी जाती है।

पूर्वोत्तर भारत और सिक्किम में हाई अलर्ट

उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम और पूर्वोत्तर भारत के राज्यों में मौसम विभाग ने बहुत भारी बारिश का अनुमान जताया है। Assam, Meghalaya, Arunachal Pradesh और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों में भूस्खलन और बाढ़ जैसी स्थिति बन सकती है। स्थानीय प्रशासन ने लोगों से नदी-नालों के पास न जाने और सुरक्षित स्थानों पर रहने की अपील की है। मौसम की इस मार से बचने के लिए समय रहते जरूरी कदम उठाना जरूरी है।

प्रायद्वीपीय भारत में भी बदलेगा मौसम

प्रायद्वीपीय भारत, खासकर तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक के कुछ हिस्सों में भी बारिश का असर देखने को मिलेगा। India Meteorological Department ने इन क्षेत्रों में मध्यम से भारी बारिश की संभावना जताई है। किसानों और मछुआरों को सलाह दी गई है कि वे मौसम की स्थिति को ध्यान में रखकर अपनी गतिविधियां नियोजित करें। खासकर समुद्र तटों के पास रहने वालों को सावधानी बरतने की जरूरत है।

रीम शेख का चौंकाने वाला खुलासा- मुस्लिम शख्स से मां ने की थी शादी, खुद दी थी तलाक़ की सलाह

टेलीविजन की चमकती दुनिया में अपनी अदाकारी से लाखों दिलों पर राज करने वाली रीम शेख ने हाल ही में अपनी निजी जिंदगी के कुछ ऐसे राज़ खोले, जो सुनकर हर कोई हैरान रह गया। 23 साल की इस युवा अभिनेत्री ने एक पॉडकास्ट में अपनी मां शीतल शेख के साथ मिलकर अपने परिवार के उतार-चढ़ाव, प्यार, तलाक और सामाजिक दबावों की कहानी बयां की। यह कहानी न केवल रीम की जिंदगी को करीब से दिखाती है, बल्कि उन तमाम लोगों के लिए प्रेरणा भी है जो घरेलू हिंसा (domestic violence) और सामाजिक बंधनों से जूझ रहे हैं।

प्यार में बंधन तोड़े, पर कीमत भी चुकाई
रीम की मां शीतल ने पॉडकास्ट में बताया कि 21 साल की उम्र में उन्होंने अपने दिल की सुनी और एक मुस्लिम युवक से शादी कर ली। हिंदू परिवार से ताल्लुक रखने वाली शीतल का यह फैसला उनके लिए आसान नहीं था। परिवार और समाज की नाराज़गी ने उनके रिश्तों को तोड़ दिया। वह अपने भाइयों की शादी में भी शामिल न हो सकीं, जिसका दुख आज भी उनके दिल में है। शादी के बाद शीतल जल्द ही मां बन गईं, लेकिन यह रिश्ता ज्यादा दिन नहीं चल सका। चार साल बाद तलाक ने उनकी जिंदगी को एक नया मोड़ दे दिया। इस दौरान रीम ने अपनी मां के दर्द को करीब से देखा और समझा।

तलाक का फैसला और रीम की हिम्मत
रीम ने खुलासा किया कि वह सिर्फ एक बच्ची थीं जब उनके माता-पिता के रिश्ते में दरार आई। रोज़ाना के झगड़े और घरेलू हिंसा ने उनके बचपन को प्रभावित किया। छोटी उम्र में ही रीम ने हालात की गहराई को समझ लिया था। उन्होंने अपनी मां को तलाक का कठिन फैसला लेने की सलाह दी। रीम का मानना है कि लंबे समय तक दर्द सहने से बेहतर है कि एक बार हिम्मत जुटाकर नई शुरुआत की जाए। यह फैसला शीतल के लिए आसान नहीं था, लेकिन रीम की हिम्मत और समझदारी ने उन्हें आगे बढ़ने की ताकत दी। रीम की मां की यह दूसरी शादी थी, जिसमें उन्हें रीम जैसी बेटी मिली।

सौतेली बहन के साथ अनोखा रिश्ता
रीम की एक सौतेली बहन भी है, जो एक एयर होस्टेस के तौर पर काम करती है और ज्यादातर समय विदेश में रहती है। रीम ने बताया कि उनकी सौतेली बहन के साथ उनके रिश्ते बेहद खास और彼此

सामाजिक दबावों का जवाब
रीम ने पॉडकास्ट में सोशल मीडिया पर होने वाली ट्रोलिंग पर भी खुलकर बात की। उन्होंने कहा कि लोग बिना सच्चाई जाने उनके परिवार पर टिप्पणी करते हैं। रीम और उनकी मां की यह बेबाक बातचीत उन लोगों के लिए एक मिसाल है जो सामाजिक दबावों के कारण अपनी आवाज़ दबा लेते हैं। रीम की कहानी साहस और सच्चाई की मिसाल है।