CM धामी खुद संभालेंगे प्रेमचंद अग्रवाल के विभाग, तीन माह में खाली करना होगा आवास

देहरादून : उत्तराखंड में हाल ही में एक बड़ा राजनीतिक बदलाव देखने को मिला है। राज्य के वित्त, शहरी विकास, आवास, जनगणना और संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने रविवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद सोमवार को मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने उनके मंत्री पद से हटाने की आधिकारिक अधिसूचना जारी कर दी।

प्रेमचंद अग्रवाल ने इस्तीफा देने के बाद मीडिया से संक्षिप्त बातचीत की और फिर सीधे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के आवास पहुंचे, जहां उन्होंने अपना इस्तीफा सौंपा। इसके बाद यह इस्तीफा तुरंत राजभवन भेज दिया गया। राज्यपाल ने मुख्यमंत्री की सहमति से यह फैसला लिया कि जब तक अगला आदेश नहीं आता, तब तक अग्रवाल के सभी विभागों की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी संभालेंगे।

इस घटना के साथ ही उत्तराखंड सरकार में एक और मंत्री पद खाली हो गया है। इससे पहले परिवहन मंत्री चंदन रामदास के निधन के बाद भी एक पद रिक्त हो गया था। अब प्रेमचंद अग्रवाल के इस्तीफे से सरकार के सामने नए सवाल खड़े हो रहे हैं।

विशेषज्ञों का मानना है कि इन बदलावों का असर राज्य की प्रशासनिक और राजनीतिक व्यवस्था पर देखने को मिल सकता है। मुख्यमंत्री धामी ने अभी इस मामले पर कोई बयान नहीं दिया है, लेकिन उनके पास अब अतिरिक्त विभागों का भार आ गया है।

इस्तीफे के बाद अब प्रेमचंद अग्रवाल को अपना सरकारी आवास भी छोड़ना होगा। यमुना कॉलोनी में स्थित उनका आवास आर-2 राज्य संपत्ति विभाग के नियमों के अनुसार तीन महीने के भीतर खाली करना होगा। इस्तीफे के बाद वे ऋषिकेश लौट गए हैं, लेकिन आवास खाली करने में अभी कुछ समय लग सकता है।

दिलचस्प बात यह है कि यमुना कॉलोनी के इस आवास को लेकर लोगों के बीच चर्चा गर्म है। कहा जा रहा है कि आर-2 में रहने वाला कोई भी मंत्री अब तक अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर पाया। यह बात राजनीतिक गलियारों में भी कौतूहल का विषय बनी हुई है।

कैंसर से जूझ रही हिना खान का रमजान में उमराह, फैंस बोले- सलामती की दुआ!

रमजान का पवित्र महीना (Ramadan) हर मुस्लिम के लिए बेहद खास होता है, और इस बार इस महीने की रौनक में एक खास नाम जुड़ गया है—हिना खान (Hina Khan)। टीवी की मशहूर अभिनेत्री हिना खान, जो इन दिनों ब्रेस्ट कैंसर (breast cancer) जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रही हैं, ने अपने भाई के साथ उमराह (Umrah) करने का फैसला किया। यह आध्यात्मिक यात्रा उनके लिए न सिर्फ एक धार्मिक अनुभव है, बल्कि इस मुश्किल वक्त में सुकून और उम्मीद की तलाश भी है। हिना ने इस खास पल को अपने प्रशंसकों के साथ साझा करने के लिए सोशल मीडिया (social media) पर कुछ तस्वीरें पोस्ट कीं, जो अब तेजी से वायरल (viral) हो रही हैं। इन तस्वीरों ने उनके फैंस के बीच एक नई प्रेरणा और भावनात्मक जुड़ाव पैदा किया है।

हिना खान पिछले कुछ समय से ब्रेस्ट कैंसर के तीसरे चरण (stage 3 breast cancer) से लड़ रही हैं। इस बीमारी का इलाज (treatment) उनके लिए शारीरिक और मानसिक रूप से बेहद चुनौतीपूर्ण रहा है। कीमोथेरेपी (chemotherapy) और अन्य मेडिकल प्रक्रियाओं के बीच हिना ने कभी हिम्मत नहीं हारी। वे अपनी इस जंग को न सिर्फ बहादुरी से लड़ रही हैं, बल्कि अपने फैंस को भी लगातार अपडेट देती रहती हैं। रमजान के इस पवित्र महीने में उमराह करने का उनका फैसला उनकी आस्था और हौसले की मिसाल है। मक्का (Mecca) पहुंचकर उन्होंने अपने भाई के साथ इस धार्मिक यात्रा को पूरा किया और वहां से कुछ भावुक तस्वीरें शेयर कीं। इन तस्वीरों में हिना हिजाब (hijab) पहने नजर आ रही हैं, और उनके चेहरे पर सुकून साफ झलक रहा है।

सोशल मीडिया पर हिना ने इन तस्वीरों के साथ एक भावनात्मक संदेश भी लिखा, जिसमें उन्होंने अल्लाह का शुक्रिया अदा किया। उन्होंने लिखा कि यह यात्रा उनके लिए एक सपने के सच होने जैसी है। रमजान 2025 (Ramadan 2025) में उमराह करने का मौका उन्हें अल्लाह की मेहरबानी से मिला, और वे इसके लिए बेहद आभारी हैं। हिना की इन तस्वीरों में एक खास फोटो ने सबका ध्यान खींचा, जिसमें वे अपने भाई के साथ पोज दे रही हैं। यह तस्वीर परिवार के प्यार और साथ की ताकत को दिखाती है, जो इस मुश्किल वक्त में हिना के लिए सबसे बड़ा सहारा बना हुआ है। उनके फैंस ने इन तस्वीरों पर ढेर सारा प्यार बरसाया और उनकी सेहत के लिए दुआएं मांगीं।

हिना खान का यह कदम उनके मजबूत इरादों और आध्यात्मिकता (spirituality) की झलक देता है। ब्रेस्ट कैंसर से जूझते हुए भी वे अपनी जिंदगी को पूरी तरह से जी रही हैं। उमराह, जो इस्लाम में एक पवित्र तीर्थयात्रा (pilgrimage) है, उनके लिए न सिर्फ धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह उन्हें मानसिक शांति (mental peace) और शक्ति भी दे रहा है। मक्का और मदीना (Medina) की इस यात्रा के दौरान हिना ने अपने प्रशंसकों को यह संदेश भी दिया कि मुश्किल हालात में भी उम्मीद और विश्वास को कभी नहीं छोड़ना चाहिए। उनकी यह कहानी न सिर्फ उनके फैंस के लिए, बल्कि हर उस शख्स के लिए प्रेरणा (inspiration) है, जो किसी भी तरह की जंग लड़ रहा है।

टीवी सीरियल ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ (Yeh Rishta Kya Kehlata Hai) से घर-घर में पहचान बनाने वाली हिना खान आज एक मिसाल बन चुकी हैं। उनकी यह उमराह यात्रा सोशल मीडिया पर ट्रेंड (trend) कर रही है, और लोग उनकी हिम्मत की तारीफ कर रहे हैं। कुछ तस्वीरों में हिना इबादत (prayer) करती नजर आ रही हैं, तो कुछ में वे अपने भाई के साथ मक्का की पवित्र जगहों पर समय बिताती दिख रही हैं। इन तस्वीरों ने उनके फैंस को भावुक कर दिया है, और कई लोगों ने कमेंट्स में लिखा कि वे हिना की सलामती के लिए दुआ कर रहे हैं।

यह खबर न सिर्फ हिना खान के फैंस के लिए खास है, बल्कि यह हमें यह भी सिखाती है कि जिंदगी की हर मुश्किल में आस्था और परिवार का साथ कितना जरूरी है। हिना की यह यात्रा उनके जीवन का एक नया अध्याय है, जो उनकी हिम्मत और विश्वास को दर्शाता है। रमजान के इस पवित्र महीने में उनकी यह कहानी हर किसी के लिए एक प्रेरणादायक संदेश लेकर आई है। आने वाले दिनों में हिना की सेहत में और सुधार की उम्मीद है, और उनके फैंस उनकी हर छोटी-बड़ी जीत का जश्न मनाने को तैयार हैं।

महिला डिप्टी जेलर की जान खतरे में, CM योगी से लगाई गुहार, ये राक्षस मेरी जान ले लेगा

“ये राक्षस मेरी जान ले लेगा,” यह कहते हुए वाराणसी जिला जेल की महिला डिप्टी जेलर मीना कनौजिया की आंखों से आंसू छलक पड़ते हैं। उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से गुहार लगाई है कि उनकी जान खतरे में है और जेल अधीक्षक उमेश सिंह पर गंभीर आरोप लगाए हैं। मीना की आवाज में दर्द साफ झलकता है जब वे अपनी आपबीती सुनाती हैं। उनका कहना है कि तीन साल पहले जब वे कांस्टेबल से डिप्टी जेलर के पद पर पहुंची थीं, तो उनके लिए वो खुशी का पल था। मेहनत और लगन से मिली इस तरक्की ने उन्हें गर्व का अहसास कराया था, लेकिन पिछले डेढ़ साल से उनकी जिंदगी नर्क बन चुकी है। वे बताती हैं कि जेल अधीक्षक उमेश सिंह ने उनका जीना मुहाल कर दिया है।

मीना का आरोप है कि जेल में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा। वे कहती हैं, “इस राक्षस के रहते जेल में कोई भी महिला अधिकारी सुरक्षित नहीं है।” उनके शब्दों में गुस्सा और डर दोनों समाए हैं। उन्होंने बताया कि जेल अधीक्षक की मनमानी और उत्पीड़न ने न सिर्फ उनकी जिंदगी को प्रभावित किया, बल्कि जेल के माहौल को भी जहरीला बना दिया है। मीना ने मुख्यमंत्री से इस मामले में तुरंत हस्तक्षेप करने की मांग की है, ताकि उनकी और अन्य महिला कर्मचारियों की जान बच सके। उनका कहना है कि अगर समय रहते कार्रवाई नहीं हुई, तो हालात और बिगड़ सकते हैं।

यह मामला सिर्फ मीना की कहानी तक सीमित नहीं है। जेल में काम करने वाली कई महिलाएं ऐसी परिस्थितियों से जूझ रही हैं, लेकिन डर की वजह से खुलकर बोलने से कतराती हैं। मीना ने हिम्मत दिखाई और अपनी बात को दुनिया के सामने रखा। वे कहती हैं कि उनकी शिकायत कोई निजी दुश्मनी का नतीजा नहीं है, बल्कि यह एक ऐसी सच्चाई है जिसे दबाया नहीं जा सकता। उनके मुताबिक, जेल अधीक्षक की हरकतों ने न सिर्फ उनकी मानसिक शांति छीन ली, बल्कि उनके करियर पर भी सवालिया निशान लगा दिया।

उत्तर प्रदेश में जेल सुधार को लेकर सरकार ने कई कदम उठाए हैं, लेकिन इस तरह की घटनाएं सवाल खड़े करती हैं कि क्या ये प्रयास धरातल पर सही मायने में लागू हो रहे हैं? मीना की गुहार न सिर्फ उनकी व्यक्तिगत लड़ाई है, बल्कि यह हर उस महिला की आवाज बन सकती है जो अपने कार्यस्थल पर सुरक्षित महसूस करना चाहती है। यह घटना वाराणसी जिला जेल की उन अनसुनी कहानियों को सामने लाती है, जिन्हें अब तक अनदेखा किया जाता रहा है।

दिनदहाड़े लूट कांड: मुठभेड़ में घायल हुआ कुख्यात बदमाश, दो गिरफ्तार, तीसरा फरार

देहरादून : रायपुर थाना क्षेत्र में हाल ही में जनसेवा केंद्र में हुई सनसनीखेज लूट की वारदात ने पूरे इलाके में हड़कंप मचा दिया था। इस घटना को अंजाम देने वाले तीन बदमाशों में से दो को पुलिस ने एक रोमांचक मुठभेड़ के बाद हिरासत में ले लिया है। मुठभेड़ के दौरान एक बदमाश के पैर में गोली लगने से वह गंभीर रूप से घायल हो गया, जबकि दूसरा बदमाश मौके से ही धर दबोचा गया।

 घायल अपराधी को तुरंत इलाज के लिए जौलीग्रांट अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस बीच, पुलिस तीसरे फरार बदमाश की तलाश में दिन-रात जुटी हुई है, ताकि इस मामले को पूरी तरह सुलझाया जा सके।

यह घटना 11 मार्च को उस वक्त हुई, जब रायपुर क्षेत्र के जैन प्लाट के पास तीन हथियारबंद बदमाशों ने दिनदहाड़े जनसेवा केंद्र में घुसकर तमंचे की नोक पर दो लाख रुपये लूट लिए। लूटपाट के बाद ये अपराधी स्कूटी पर सवार होकर फरार हो गए थे। घटना के बाद से ही देहरादून पुलिस ने बदमाशों को पकड़ने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी।

रविवार देर रात रानीपोखरी थाना क्षेत्र में नियमित चेकिंग के दौरान पुलिस को इन बदमाशों का सुराग मिला। स्कूटी पर सवार ये अपराधी चेकिंग बैरियर पर नहीं रुके और जंगल की ओर भागने लगे।

पुलिस ने पीछा किया तो बदमाशों ने गोलीबारी शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने भी फायरिंग की, जिसमें एक बदमाश के हाथ और पैर में गोली लग गई। उसे तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया, जबकि दूसरा बदमाश भी पुलिस के हत्थे चढ़ गया। मुठभेड़ में पुलिस ने चोरी की मोटरसाइकिल, एक देसी तमंचा, चार जिंदा कारतूस और दो खोखे बरामद किए।घायल बदमाश की पहचान बिजनौर जिले के चांदपुर थाना क्षेत्र के साहिल के रूप में हुई है, जिसके खिलाफ पहले से कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। दूसरे बदमाश का नाम कामिल बताया जा रहा है।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) अजय सिंह ने बताया कि घटना के बाद से ही पुलिस ने मुखबिरों का जाल बिछाया था और लगातार छानबीन कर रही थी। इस मेहनत का नतीजा अब सामने आया है। पुलिस अधिकारियों ने घटनास्थल का दौरा कर सबूत जुटाए और अस्पताल में भर्ती बदमाश से पूछताछ भी की।हालांकि, तीसरा बदमाश अभी भी फरार है, लेकिन पुलिस का दावा है कि उसे जल्द ही पकड़ लिया जाएगा। यह मुठभेड़ देहरादून पुलिस की सजगता और अपराधियों के खिलाफ सख्त रवैये का सबूत है।

मुरादाबाद से आकाश पाल को दोबारा जिले की कमान, यूपी में नए 72 भाजपा जिला अध्यक्ष, शिवराम सिंह रो पड़े

उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अपने संगठन को नया रूप देने के लिए बड़ा कदम उठाया है। पार्टी ने हाल ही में 72 नए जिलाध्यक्षों की नियुक्ति का ऐलान किया है, जिससे यूपी की सियासत में हलचल मच गई है। इस बदलाव ने जहां कुछ नेताओं को नई जिम्मेदारी दी, वहीं कई पुराने चेहरों को बाहर का रास्ता भी दिखा दिया। जबकि मुरादाबाद से आकाश पाल और बिजनौर से भूपेंद्र सिंह बॉबी को को दोबारा जिला अध्यक्ष बनाया गया खास बात यह रही कि लखनऊ में विनय प्रताप सिंह को जिलाध्यक्ष के पद से हटा दिया गया, जबकि कानपुर में शिवराम सिंह का नाम सुनते ही उनकी आंखों में आंसू छलक आए। यह खबर न सिर्फ बीजेपी कार्यकर्ताओं के लिए बल्कि आम लोगों के लिए भी चर्चा का विषय बन गई है। आइए, इस बड़े बदलाव की कहानी को करीब से समझते हैं।

बीजेपी ने उत्तर प्रदेश में अपनी पकड़ को और मजबूत करने के लिए यह फैसला लिया है। पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने लंबी चर्चा के बाद 72 जिलों के लिए नए जिलाध्यक्षों की सूची तैयार की। इस सूची में कई युवा चेहरों को मौका दिया गया है, जो आने वाले समय में संगठन को नई ऊर्जा दे सकते हैं। लखनऊ जैसे बड़े शहर में विनय प्रताप सिंह को हटाया जाना एक चौंकाने वाला फैसला रहा। उनकी जगह अब किसी नए नेता को जिम्मेदारी दी जाएगी, जिसका नाम अभी सामने नहीं आया है। यह बदलाव दिखाता है कि बीजेपी अपने संगठन में नई रणनीति और ताजगी लाना चाहती है। वहीं, कानपुर में शिवराम सिंह की भावुक प्रतिक्रिया ने सबका ध्यान खींचा। उनका कहना था कि यह जिम्मेदारी उनके लिए सम्मान की बात है, और वह इसे पूरी मेहनत से निभाएंगे।

इस नई लिस्ट के ऐलान के साथ ही यूपी की राजनीति में कई सवाल भी उठने लगे हैं। कुछ लोगों का मानना है कि यह बदलाव 2027 के विधानसभा चुनाव की तैयारी का हिस्सा हो सकता है। बीजेपी यूपी में अपनी सत्ता को बरकरार रखने के लिए अभी से जमीनी स्तर पर काम शुरू करना चाहती है। नए जिलाध्यक्षों की नियुक्ति से पार्टी कार्यकर्ताओं में जोश भरने की कोशिश की जा रही है। लखनऊ में विनय प्रताप को हटाने का फैसला जहां कुछ लोगों को हैरान कर रहा है, वहीं पार्टी के भीतर इसे जरूरी बदलाव के तौर पर देखा जा रहा है। दूसरी ओर, कानपुर में शिवराम सिंह की भावुकता ने यह दिखाया कि बीजेपी में अभी भी भावनाओं और जिम्मेदारी का गहरा रिश्ता है।

पार्टी के इस कदम से कार्यकर्ताओं में एक नई उम्मीद जगी है। नए जिलाध्यक्षों को जिम्मेदारी मिलने से संगठन में सक्रियता बढ़ेगी, और यह ग्रामीण इलाकों तक पार्टी की पहुंच को मजबूत करेगा। विशेषज्ञों का कहना है कि बीजेपी का यह फैसला सियासी रणनीति का हिस्सा है, जिसका असर आने वाले समय में देखने को मिलेगा। यूपी बीजेपी के प्रवक्ता ने कहा कि यह बदलाव संगठन को और मजबूत करने के लिए किया गया है। लखनऊ और कानपुर जैसे बड़े शहरों में हुए बदलाव इस बात का संकेत हैं कि पार्टी हर जिले में अपनी पकड़ को मजबूत करना चाहती है। शिवराम सिंह जैसे नेताओं की भावुक प्रतिक्रिया ने यह भी दिखाया कि बीजेपी अपने कार्यकर्ताओं की मेहनत को सम्मान देती है।

होली पर पत्नी को सरप्राइज देने पहुंचा पति, दूसरे मर्द के साथ आपत्तिजनक हाल में मिली पत्नी, और फिर…

होली (Holi) का त्योहार खुशियों और रंगों का मौका लेकर आता है, लेकिन उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के चंदौली जिले (Chandauli District) में एक पति के लिए यह दिन दुख और सदमे की वजह बन गया। इलिया थाना क्षेत्र (Iliya Police Station) के एक गांव का यह युवक अपनी पत्नी (Wife) को सरप्राइज (Surprise) देने की ख्वाहिश लेकर घर पहुंचा था। उसने ट्रेन का टिकट (Train Ticket) जुगाड़कर, बाजार से साड़ी (Saree), बच्चों के कपड़े (Kids’ Clothes), और मिठाई (Sweets) खरीदी थी। लेकिन घर की चौखट पर कदम रखते ही जो नजारा देखा, उसने उसकी दुनिया उजाड़ दी। पत्नी को किसी दूसरे मर्द (Another Man) के साथ आपत्तिजनक हालत (Objectionable Condition) में देखकर वह बेहोश (Fainted) हो गया। यह कहानी न सिर्फ दिल को झकझोरती है, बल्कि रिश्तों में भरोसे (Trust) पर भी सवाल उठाती है।

यह युवक पिछले एक साल से गुजरात (Gujarat) की किसी फैक्ट्री में मजदूरी (Labor Work) कर रहा था। होली के मौके पर उसने सोचा कि परिवार को बिना बताए अचानक घर पहुंचकर सबको खुश कर देगा। उसने महीनों की कमाई से बच्चों और पत्नी के लिए तोहफे (Gifts) जुटाए। रास्ते में उसने फल (Fruits), पटाखे (Firecrackers), और मिठाई खरीदी, ताकि होली का जश्न धूमधाम से मना सके। परिवार के लिए हर महीने पैसे (Money) भेजने वाला यह शख्स सिर्फ एक ही सपना लेकर चल रहा था कि उसकी मेहनत से घरवाले सुखी रहें। लेकिन जब वह गांव (Village) पहुंचा, तो उसकी उम्मीदें चकनाचूर हो गईं।

घर के दरवाजे पर पहुंचते ही उसने देखा कि उसकी पत्नी किसी अनजान पुरुष के साथ गलत हालत में थी। यह दृश्य उसके लिए इतना असहनीय था कि वह वहीं गश खाकर (Collapsed) गिर पड़ा। आसपास के लोगों ने उसे होश में लाने की कोशिश की। जब उसे होश आया, तो उसने टूटे मन से पुलिस में शिकायत (Complaint) दर्ज कराई। उसने बताया कि वह अपने परिवार की खुशी (Family Happiness) के लिए दिन-रात मेहनत करता था। हर महीने पैसे भेजता था, ताकि पत्नी और बच्चों को कोई तकलीफ (Trouble) न हो। लेकिन इस विश्वासघात (Betrayal) ने उसे अंदर तक तोड़ दिया।

चंदौली पुलिस (Chandauli Police) ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। थानाध्यक्ष प्रियंका सिंह (SHO Priyanka Singh) ने बताया कि उन्हें इस घटना की जानकारी मिली है, लेकिन अभी तक लिखित तहरीर (Written Complaint) नहीं मिली है। जैसे ही शिकायत मिलेगी, जांच (Investigation) शुरू की जाएगी।

सांसद रूचि वीरा की मांग से उम्मीद की किरण!ठाकुरद्वारा को मिलेगी रेलवे लाइन

मुरादाबाद। मुरादाबाद से समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) की सांसद रूचि वीरा (Ruchi Veera) ने अपने क्षेत्र की एक बड़ी मांग को संसद (Parliament) में उठाया है। उन्होंने ठाकुरद्वारा (Thakurdwara) में रेलवे लाइन (Railway Line) की जरूरत पर जोर दिया, जिससे न सिर्फ स्थानीय लोगों को फायदा होगा, बल्कि इलाके की आर्थिक तरक्की (Economic Growth) को भी नई दिशा मिलेगी।

यह मुद्दा नजीबाबाद (Najibabad) और आसपास के इलाकों के लोगों के लिए भी अहम है, जो लंबे समय से बेहतर कनेक्टिविटी (Connectivity) की राह देख रहे हैं। आइए, इस खबर को गहराई से समझते हैं और जानते हैं कि रूचि वीरा का यह कदम क्षेत्र के लिए क्यों मायने रखता है।

रूचि वीरा ने अपने बयान (Statement) में कहा कि अगर ठाकुरद्वारा को रेल नेटवर्क (Rail Network) से जोड़ा जाए, तो न सिर्फ लोगों की जिंदगी आसान होगी, बल्कि व्यापार (Business) और उद्योग (Industry) को भी बढ़ावा मिलेगा। यह मांग क्षेत्र के विकास (Development) के लिए एक बड़ा कदम साबित हो सकती है।

ठाकुरद्वारा और इसके आसपास के इलाकों में लोग लंबे समय से रेल सुविधा की मांग (Demand for Rail Facility) करते आ रहे हैं। मुरादाबाद पहले से ही एक बड़ा रेलवे जंक्शन (Railway Junction) है, लेकिन ठाकुरद्वारा जैसे कस्बों तक यह सुविधा नहीं पहुंची है। रूचि वीरा का कहना है कि रेलवे लाइन का विस्तार (Railway Expansion) न सिर्फ स्थानीय लोगों को शहरों से जोड़ेगा, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था (Rural Economy) को भी मजबूती देगा।

किसानों (Farmers) को अपनी फसल (Crops) बाजार तक पहुंचाने में आसानी होगी और छोटे व्यापारियों को भी नए मौके (Opportunities) मिलेंगे। इसके अलावा, बेहतर कनेक्टिविटी से पर्यटन (Tourism) को भी बढ़ावा मिल सकता है, क्योंकि यह इलाका अपनी सांस्कृतिक धरोहर (Cultural Heritage) के लिए भी जाना जाता है।

संसद में इस मुद्दे को उठाने के बाद सोशल मीडिया (Social Media) पर भी रूचि वीरा की तारीफ हो रही है। लोग उनके इस प्रयास को सराह रहे हैं और उम्मीद जता रहे हैं कि सरकार (Government) उनकी मांग पर गंभीरता से विचार करेगी। कुछ लोगों का कहना है कि रेलवे लाइन का निर्माण (Railway Construction) होने से ठाकुरद्वारा और मुरादाबाद के बीच का फासला कम होगा, जिससे रोजमर्रा की जिंदगी में बड़ा बदलाव (Change) आएगा।

हालांकि, यह भी सच है कि इस तरह के प्रोजेक्ट (Project) को पूरा करने में समय और बजट (Budget) की जरूरत होती है। रेल मंत्रालय (Railway Ministry) को इस पर विचार करना होगा कि यह योजना कितनी व्यावहारिक (Feasible) है और इसे कैसे लागू (Implement) किया जा सकता है। फिर भी, रूचि वीरा का यह कदम लोगों के बीच उम्मीद की किरण जरूर जगा रहा है।

पत्नी ने नौकरानी की गर्दन पर चाकू रखकर पति से करवाया सेक्स, वजह जान होश उड़ जाएंगे

गोरखपुर के शाहपुर थाना क्षेत्र से एक ऐसी खबर सामने आई है, जो सुनने में बेहद चौंकाने वाली और दुखद है। एक दंपति ने अपनी संतान की चाहत में ऐसा कदम उठाया, जिसने इंसानियत को शर्मसार कर दिया। इस मामले में उनकी नौकरानी को निशाना बनाया गया, जिसके साथ उन्होंने क्रूरता की सारी सीमाएं लांघ दीं। यह घटना न सिर्फ हैरान करती है, बल्कि समाज में छिपी कुछ गहरी समस्याओं को भी उजागर करती है। पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और जांच शुरू कर दी है, लेकिन इस खबर ने हर किसी के मन में कई सवाल खड़े कर दिए हैं।

संतान के लिए लालच का खेल

जानकारी के मुताबिक, यह दंपति लंबे समय से संतान सुख से वंचित था। इसी निराशा में उन्होंने अपनी नौकरानी को अपने जाल में फंसाने की कोशिश की। पत्नी ने पहले नौकरानी से कहा कि अगर वह उनके पति के साथ शारीरिक संबंध बनाएगी, तो उसे जमीन का एक टुकड़ा दे दिया जाएगा। यह प्रस्ताव अपने आप में चौंकाने वाला था, लेकिन नौकरानी ने इसे साफ तौर पर ठुकरा दिया। उसका यह इनकार दंपति को बर्दाश्त नहीं हुआ और फिर जो हुआ, वह किसी भी सभ्य समाज के लिए कलंक की बात है। इस घटना ने यह सवाल उठाया कि क्या संतान की चाहत इंसान को इतना नीचे गिरा सकती है।

जबरदस्ती की हदें पार

नौकरानी के इनकार के बाद दंपति ने अपनी हरकतों से सारी मर्यादाएं तोड़ दीं। पत्नी ने नौकरानी की गर्दन पर चाकू रख दिया और उसे धमकाया कि अगर उसने विरोध किया तो उसकी जान ले ली जाएगी। इस डरावने माहौल में पति ने नौकरानी के साथ जबरन शारीरिक संबंध बनाए। यह सब उस गरीब महिला के लिए एक बुरे सपने से कम नहीं था। उसकी चीखें और आंसू भी इस दंपति के दिल को नहीं पिघला सके। यह घटना न सिर्फ उस नौकरानी के लिए दर्दनाक थी, बल्कि यह भी दिखाती है कि कुछ लोग अपनी चाहतों के लिए कितना नीचे गिर सकते हैं।

पुलिस की कार्रवाई शुरू

इस भयानक घटना की खबर जैसे ही पुलिस तक पहुंची, शाहपुर थाने की टीम हरकत में आ गई। नौकरानी ने हिम्मत जुटाकर अपनी आपबीती पुलिस को बताई, जिसके बाद दंपति के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया। पुलिस ने दोनों को हिरासत में ले लिया है और उनसे पूछताछ की जा रही है। यह भी जांच की जा रही है कि क्या पहले भी इस तरह की कोई हरकत इस दंपति ने की थी। पुलिस का कहना है कि इस मामले में सख्त कार्रवाई की जाएगी ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों। नौकरानी को भी सुरक्षा और सहायता देने की बात कही गई है।

इफ्तार से चंद मिनट पहले यहां की मस्जिदों से हुआ ऐसा ऐलान, लोगों ने फेंक दिया खाना

मुरादाबाद। रमजान का पवित्र महीना चल रहा है और रोजेदार दिनभर के रोजे के बाद इफ्तार का इंतजार करते हैं। लेकिन कुंदरकी के गंदीपुर गांव में इस बार इफ्तार से ठीक पहले ऐसा कुछ हुआ, जिसने हर किसी को हैरान कर दिया। शाम को इफ्तार से सिर्फ दस मिनट पहले गांव की जामा और मक्का मस्जिदों से एक चौंकाने वाला ऐलान हुआ। मस्जिदों से कहा गया कि लोगों ने जो खाना पकाया है, उसमें कीड़े-मकोड़े मिले हैं और इसे खाने से बचें। इस ऐलान ने पूरे गांव में खलबली मचा दी। रोजेदारों ने बिना देर किए अपने घरों में तैयार पका-पकाया खाना बाहर फेंक दिया। यह नजारा देख हर कोई दंग रह गया।

इस घटना की जड़ में एक स्थानीय मांस विक्रेता की भूमिका सामने आई। गांव के कई लोगों ने उस विक्रेता से मांस खरीदा था, जिसे लेकर वे अपने घर गए। रोजेदारों ने दिनभर के रोजे के बाद इफ्तार के लिए उस मांस को पकाया। खाने की मेज सज चुकी थी और लोग इफ्तार का वक्त आने का इंतजार कर रहे थे। लेकिन मस्जिद से हुए ऐलान ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया।

दैनिक जागरण की रिपोर्ट के मुताबिक मस्जिदों से हुआ यह ऐलान उस वक्त हुआ, जब इफ्तार का समय बस कुछ ही मिनट दूर था। रोजेदारों के लिए यह पल बेहद मुश्किल भरा था। दिनभर भूखे-प्यासे रहने के बाद जब उन्हें पता चला कि उनका खाना खाने लायक नहीं है, तो उनकी निराशा साफ झलक रही थी। कुछ लोगों ने तुरंत अपने घरों के बाहर खाना फेंक दिया, तो कुछ ने उसे देखकर समझने की कोशिश की कि आखिर क्या गलत हुआ।

जब इस मामले को लेकर स्थानीय अधिकारियों से बात की गई, तो उन्होंने कुछ भी साफ करने से इनकार कर दिया। अफसरों का कहना था कि उन्हें इस तरह की कोई जानकारी नहीं मिली कि मांस या खाने में कीड़े-मकोड़े थे। उन्होंने इसे एक अफवाह की तरह खारिज कर दिया और कहा कि इसकी जांच की जाएगी।

सहरी के वक्त चली गोलियां, अलीगढ़ में हारिस की हत्या से दहशत में लोग!

अलीगढ़ शहर में होली का त्योहार अभी शुरू भी नहीं हुआ था कि एक दुखद और दिल दहलाने वाली घटना ने पूरे इलाके को हिलाकर रख दिया। शुक्रवार की सुबह तड़के करीब तीन बजे, जब लोग सहरी की तैयारी में जुटे थे, उस समय बदमाशों ने एक 25 साल के युवक हारिस उर्फ कट्टा की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी। यह घटना रोरावर थाना क्षेत्र के तेलीपाड़ा इलाके में हुई, जहां बाइक सवार हमलावरों ने हारिस पर ताबड़तोड़ गोलियां चलाईं। गोली लगते ही हारिस की मौके पर ही मौत हो गई और इस वारदात के बाद पूरे इलाके में डर और सन्नाटा छा गया। होली जैसे खुशियों के त्योहार से पहले हुई इस घटना ने लोगों के दिलों में उदासी भर दी।

सुबह की शांति में गूंजी गोलियों की तड़तड़ाहट

यह घटना उस समय हुई जब हारिस अपने दोस्तों के साथ क्रिकेट खेलकर घर लौट रहा था। रमजान का पवित्र महीना चल रहा था और सहरी का वक्त नजदीक आ रहा था। हारिस अपने मोहल्ले के लोगों के साथ सुबह की सैर और खेल में समय बिता रहा था। लेकिन उसे क्या पता था कि उसकी जिंदगी कुछ पलों में खत्म हो जाएगी। बताया जाता है कि बाइक सवार बदमाश पहले से ही घात लगाए बैठे थे। जैसे ही हारिस अकेला हुआ, उन्होंने उस पर गोलियां बरसानी शुरू कर दीं। हमलावरों ने इतनी गोलियां चलाईं कि हारिस को संभलने का मौका तक नहीं मिला। गोलियों की आवाज सुनकर आसपास के लोग दहशत में आ गए, लेकिन जब तक कोई कुछ समझ पाता, बदमाश मौके से फरार हो चुके थे।

पुलिस की त्वरित कार्रवाई और जांच शुरू

घटना की सूचना मिलते ही पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और मामले की जांच शुरू कर दी। हारिस के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया, ताकि यह पता चल सके कि उसे कितनी गोलियां लगीं और मौत का सही कारण क्या था। पुलिस ने बताया कि यह पूरी वारदात पास में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई है। कैमरे में हमलावर साफ तौर पर गोलियां चलाते हुए नजर आ रहे हैं। पुलिस अब इसी फुटेज के आधार पर बदमाशों की पहचान करने की कोशिश कर रही है। शुरुआती जांच में यह बात सामने आई है कि हारिस का किसी से पुराना विवाद चल रहा था, जिसके कारण उसे निशाना बनाया गया हो सकता है। पुलिस हर पहलू से मामले की तह तक जाने की कोशिश कर रही है और हारिस के परिवार वालों से भी पूछताछ की जा रही है।