Moradabad News: नाबालिग के अपहरण व दुष्कर्म के आरोपी को कोर्ट ने सुनाई 20 साल की सजा, दो अन्य…

Moradabad News: नाबालिग के अपहरण और दुष्कर्म के दोषी को कोर्ट ने 20 साल की सजा सुनाई है अदालत में दोषी पर 35000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है जबकि केस में दो अन्य आरोपियों के खिलाफ ठोस सबूत में मिलने पर क्लीन चिट दे दी है।

जनपद मुरादाबाद के भोजपुर में एक नाबालिग के अपहरण और दुष्कर्म के आरोप में अदालत ने 20 साल की सजा सुनाई 7 सितंबर 2015 को पीड़िता की मां ने तीन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था तहरीर में कहा था कि उसके पति 31 अगस्त को रामपुर में मजदूरी करने गए थे और वह खेत पर गई थी घर में बेटी अकेली थी कटघर के पीतल नगरी निवासी मनोज और देशराज और भोजपुर निवासी शोभित उसके घर पहुंचे और उसकी बेटी को बहला फुसलाकर अपने साथ ले गए वापस लौटने पर पड़ोसियों से जानकारी मिली।

पुलिस ने 8 दिन बाद लड़की को बरामद कर लिया घटना में पुलिस को शोभित मनोज के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला पुलिस ने देशराज के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र पेश किया विशेष न्यायाधीश पोक्सो कोर्ट तीन रघुबर की अदालत में गुरुवार को यह फैसला सुनाते हुए दुष्कर्म के आरोपी को 20 साल की सजा सुनाई और 35000 रुपये का जुर्माना भी लगाया विशेष लोक अभियोजन भूखन सिंह एमपी सिंह के अनुसार कोर्ट में पीड़िता ने अदालत में आरोपी की खिलाफ गवाही दी।

एर्दोआन के खिलाफ सड़कों पर उतरे लाखों लोग,तुर्की में तख्तापलट की आहट

तुर्की में इन दिनों हालात तेजी से बिगड़ते नजर आ रहे हैं। एक और मुस्लिम देश में तख्तापलट की आशंका गहराती दिख रही है, जहां हजारों लोग सड़कों पर उतर आए हैं और देश के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोआन के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। यह प्रदर्शन इतना उग्र हो गया है कि सरकार को मजबूरन कड़े कदम उठाने पड़े हैं। प्रशासन ने अगले चार दिनों तक तुर्की में किसी भी तरह के प्रदर्शन पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। यह फैसला उस वक्त लिया गया, जब देश की जनता में गुस्सा और असंतोष अपने चरम पर पहुंच गया। यह घटना न सिर्फ तुर्की की राजनीति के लिए एक बड़ा संकट है, बल्कि यह पूरे क्षेत्र में अस्थिरता का संकेत भी दे रही है।

पिछले कुछ दिनों से तुर्की में राजनीतिक उथल-पुथल देखने को मिल रही है। प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति एर्दोआन के लंबे शासन से नाराज हैं और उनके इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि उनकी नीतियों ने देश को आर्थिक और सामाजिक संकट में डाल दिया है। सड़कों पर नारे गूंज रहे हैं, जिनमें एर्दोआन को तानाशाह तक कहा जा रहा है। हालात तब और गंभीर हो गए, जब इस्तांबुल के मेयर एकरेम इमामोग्लू को हिरासत में लिया गया। इमामोग्लू को एर्दोआन का सबसे बड़ा राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी माना जाता है, और उनकी गिरफ्तारी ने प्रदर्शनों को और भड़का दिया। लोगों का मानना है कि यह कदम सरकार की ओर से विपक्ष को दबाने की कोशिश है, जिसने तख्तापलट की आशंकाओं को और हवा दे दी है।

तुर्की सरकार ने इस स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सख्ती बरतनी शुरू कर दी है। प्रदर्शनों पर चार दिन का बैन लगाने के साथ ही कई इलाकों में सड़कें बंद कर दी गई हैं। पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया है। लेकिन इन सबके बावजूद, लोग पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। इस्तांबुल, अंकारा और इजमिर जैसे बड़े शहरों में प्रदर्शनकारी सड़कों पर डटे हुए हैं। सोशल मीडिया पर भी यह मुद्दा छाया हुआ है, जहां लोग तुर्की में बदलाव की मांग कर रहे हैं। कुछ लोगों का कहना है कि यह आंदोलन अब सिर्फ एकरेम इमामोग्लू की गिरफ्तारी तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एर्दोआन के पूरे शासन के खिलाफ एक जनआंदोलन बन गया है।

यह पहली बार नहीं है जब तुर्की में एर्दोआन के खिलाफ विरोध के स्वर उठे हों। पिछले कई सालों से उनकी सरकार पर तानाशाही के आरोप लगते रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि मौजूदा प्रदर्शन पिछले प्रदर्शनों से कहीं ज्यादा गंभीर हैं। इसका कारण यह भी है कि देश की अर्थव्यवस्था पिछले कुछ समय से संकट में है। महंगाई और बेरोजगारी ने लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है, और अब जनता अपने गुस्से को खुलकर व्यक्त कर रही है। इस बीच, सरकार का दावा है कि वह देश में स्थिरता बनाए रखने के लिए काम कर रही है, लेकिन प्रदर्शनकारियों का कहना है कि यह स्थिरता सिर्फ सत्ता को बचाने की कोशिश है।

तुर्की में चल रहा यह संकट न सिर्फ देश के भीतर बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चर्चा का विषय बन गया है। कई देशों ने इस स्थिति पर चिंता जताई है और इसे लोकतंत्र के लिए खतरा बताया है। क्या यह प्रदर्शन वाकई में तख्तापलट का रूप लेगा, यह कहना अभी जल्दबाजी होगी। लेकिन इतना तय है कि तुर्की के लोग बदलाव चाहते हैं, और वे इसके लिए अपनी आवाज बुलंद करने से पीछे नहीं हट रहे। आने वाले दिन इस देश के भविष्य के लिए निर्णायक साबित हो सकते हैं।

पति के 15 टुकड़े करने वाली मुस्कान की चाहत, जेल में भी आँखों के सामने रहे बॉयफ्रेंड साहिल

मेरठ का सौरभ सिंह राजपूत मर्डर केस इन दिनों हर किसी की जुबान पर है। इस सनसनीखेज हत्याकांड ने न सिर्फ लोगों को हैरान किया है, बल्कि रिश्तों पर भरोसे को भी कठघरे में खड़ा कर दिया है। इस मामले में सौरभ की पत्नी मुस्कान रस्तोगी और उसका बॉयफ्रेंड साहिल शुक्ला मुख्य आरोपी हैं। दोनों को मेरठ पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया और कोर्ट ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में मेरठ जेल भेज दिया है। जेल में बंद होने के बाद से ही इस मामले की चर्चा और तेज हो गई है। जब मुस्कान को जेल ले जाया जा रहा था, तो वह पूरी तरह खामोश थी, मानो उसके पास अब कहने को कुछ बचा ही न हो। इस हत्याकांड की कहानी जितनी भयानक है, उतनी ही दुखद भी, और यह हमें सोचने पर मजबूर करती है कि आखिर रिश्तों की डोर इतनी कमजोर कैसे हो सकती है।

जेल अधिकारियों के मुताबिक, मुस्कान की एक अजीब इच्छा सामने आई थी। वह चाहती थी कि उसकी बैरक साहिल के ठीक सामने हो, ताकि वह अपने प्रेमी को देख सके। लेकिन जेल के नियम इसकी इजाजत नहीं देते। जेल मैनुअल में साफ लिखा है कि महिला और पुरुष कैदियों को अलग-अलग बैरक में रखा जाता है, ताकि सुरक्षा और व्यवस्था बनी रहे। इस वजह से मुस्कान की यह ख्वाहिश पूरी नहीं हो सकी। साहिल को बैरक नंबर 18 में रखा गया है, जबकि मुस्कान को बैरक नंबर 12 में जगह दी गई है। जेल में उनकी पहली रात भी चर्चा का विषय बनी। खबरों के मुताबिक, मुस्कान रातभर सो नहीं पाई। वह बार-बार करवटें बदलती रही, कभी उठकर बैठ जाती, तो कभी बैरक में टहलने लगती। उसने खाना भी नहीं खाया, जिससे साफ जाहिर होता है कि इस हत्याकांड के बाद उसके मन में कुछ तो उथल-पुथल चल रही है।

यह मामला तब सुर्खियों में आया जब सौरभ सिंह राजपूत की हत्या का खुलासा हुआ। सौरभ एक मर्चेंट नेवी अफसर थे और अपनी बेटी के जन्मदिन के लिए लंदन से मेरठ लौटे थे। लेकिन उन्हें क्या पता था कि जिस पत्नी के साथ उन्होंने 2016 में प्रेम विवाह किया था, वही उनकी जिंदगी का अंत बन जाएगी। पुलिस जांच में सामने आया कि मुस्कान और साहिल ने मिलकर सौरभ की हत्या की साजिश रची थी। हत्या के बाद उन्होंने सौरभ के शव को टुकड़ों में काटकर एक ड्रम में सीमेंट के साथ बंद कर दिया। यह क्रूरता देखकर हर कोई सन्न रह गया। हत्या के बाद दोनों हिमाचल प्रदेश घूमने चले गए थे, लेकिन सौरभ के परिवार की शिकायत पर पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। कोर्ट में पेशी के दौरान वकीलों ने दोनों पर हमला भी किया, जिससे इस मामले ने और तूल पकड़ लिया।

रमजान में हिंदू लड़की का कमाल: मुस्लिम भाइयों को इफ्तार करवाकर जीता दिल!

दिल्ली के मजनूं का टीला इलाके में स्थित ऐतिहासिक जामा मस्जिद इन दिनों एक अनोखी वजह से सुर्खियों में है। यहां एक हिंदू लड़की, नेहा भारती, हर रोज रमजान के पवित्र महीने में मुस्लिम भाइयों को इफ्तार करवाती हैं। यह नजारा देखने में जितना खूबसूरत है, उतना ही समाज में भाईचारे और एकता का संदेश भी देता है। नेहा, जो खुद हिंदू धर्म से ताल्लुक रखती हैं, ने अपने इस नेक काम से लोगों का दिल जीत लिया है। उनके वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं और लोग उनकी इस पहल की जमकर तारीफ कर रहे हैं। यह कहानी न सिर्फ इंसानियत की मिसाल है, बल्कि यह भी दिखाती है कि प्यार और सहयोग की कोई धर्म या मजहब की सीमा नहीं होती।

पत्नी ने प्रेमी संग मिलकर पति की हत्या की और फिर इस तरह बाइक पर ले जाकर जंगल में जलाया, CCTV में कैद

नेहा भारती हर शाम जामा मस्जिद पहुंचती हैं और वहां मौजूद रोजेदारों के लिए इफ्तार का इंतजाम करती हैं। खजूर, फल, शरबत और कुछ हल्का खाना लेकर वह मुस्लिम भाइयों के बीच बैठकर उनकी सेवा करती हैं। उनके इस काम में खास बात यह है कि इसे अंजाम देने के लिए उन्हें हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदायों से भरपूर सहयोग मिलता है। नेहा का कहना है कि यह सब उनके अकेले के बस की बात नहीं थी। उनके दोस्त, पड़ोसी और कई अनजान लोग आगे आए और इस नेक काम में हाथ बंटाया। कोई खाने का सामान देता है तो कोई पैसे से मदद करता है। इस सहयोग ने नेहा के इरादों को और मजबूत किया है।

सोशल मीडिया पर नेहा के वीडियो को देखकर लोग हैरान हैं कि एक हिंदू लड़की इतने प्यार और समर्पण के साथ मुस्लिम भाइयों के लिए इफ्तार का आयोजन कैसे कर सकती है। लेकिन नेहा के लिए यह कोई बड़ी बात नहीं है। वह कहती हैं कि उनके लिए इंसानियत सबसे बड़ा धर्म है। रमजान का महीना उनके लिए भी खास है, क्योंकि यह एकता और भाईचारे का समय होता है। वह मानती हैं कि अगर हम एक-दूसरे के त्योहारों में शामिल हों और खुशियां बांटें, तो समाज में नफरत की कोई जगह नहीं रहेगी। उनकी यह सोच लोगों को प्रेरित कर रही है और कई लोग अब उनके साथ जुड़ने की इच्छा जता रहे हैं।

जामा मस्जिद में इफ्तार करवाने की नेहा की यह पहल कोई नई बात नहीं है। वह पिछले कुछ सालों से ऐसा करती आ रही हैं और हर बार उनका जज्बा देखने लायक होता है।

पत्नी ने प्रेमी संग मिलकर पति की हत्या की और फिर इस तरह बाइक पर ले जाकर जंगल में जलाया, CCTV में कैद

जयपुर शहर में एक दिल दहला देने वाली घटना ने सबको चौंका दिया। गोपाली देवी नाम की एक महिला ने अपने प्रेमी दीनदयाल के साथ मिलकर अपने पति धन्नालाल सैनी की बेरहमी से हत्या कर दी। इस सनसनीखेज वारदात में दोनों ने पहले धन्नालाल का गला दबाकर उनकी जान ली और फिर शव को ठिकाने लगाने के लिए उसे एक बोरे में पैक कर जंगल में ले गए। वहां उन्होंने लाश को आग के हवाले कर दिया ताकि उनके इस जघन्य अपराध का कोई सबूत न बचे। यह घटना न सिर्फ क्रूरता की हद को दर्शाती है, बल्कि रिश्तों में विश्वासघात की एक डरावनी तस्वीर भी पेश करती है।

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यह मामला तब सामने आया जब स्थानीय लोगों ने जंगल में जलती हुई आग और अजीब सी गंध को देखकर पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू की और अधजले शव के अवशेष बरामद किए। शुरुआती तफ्तीश में पता चला कि मृतक धन्नालाल सैनी थे, जो जयपुर के एक छोटे से मोहल्ले में अपनी पत्नी गोपाली देवी के साथ रहते थे। पुलिस ने जब गोपाली से पूछताछ की, तो उसने पहले तो अनजान बनने की कोशिश की, लेकिन सबूतों के आगे टिक न सकी और आखिरकार सच उगल दिया। उसने कबूल किया कि उसका अपने पति से लंबे समय से झगड़ा चल रहा था और वह अपने प्रेमी दीनदयाल के साथ नया जीवन शुरू करना चाहती थी।

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पुलिस की जांच में यह भी खुलासा हुआ कि गोपाली और दीनदयाल ने इस हत्या की साजिश कई दिनों तक तैयार की थी। दोनों ने सोचा कि अगर वे धन्नालाल को रास्ते से हटा देंगे, तो उनकी राह आसान हो जाएगी। हत्या के बाद शव को जलाने का फैसला इसलिए लिया गया ताकि कोई सबूत न बचे और पुलिस का शक उन पर न जाए। लेकिन उनकी यह चाल कामयाब नहीं हुई। पुलिस ने दीनदयाल को भी हिरासत में ले लिया और दोनों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया गया। इस घटना ने इलाके में सनसनी फैला दी और लोग हैरान हैं कि कोई इतना क्रूर कैसे हो सकता है।