महाकुंभ मेला अब अलग जिला, 67 गाँव शामिल, योगी सरकार का बड़ा फैसला

Lucknow: UP New District Name : यूपी के प्रयागराज में महाकुंभ के आयोजन की तैयारी जोरशोर से चल रही है। इस आयोजन से पहले योगी सरकार ने बड़ा ऐलान किया। शासन ने प्रयागराज के महाकुंभ मेला क्षेत्र को अलग जनपद घोषित कर दिया, जिसका नाम महाकुंभ मेला जिला रखा गया। नए जिले को लेकर डीएम ने देर रात नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया। 


यूपी में एक और जनपद बढ़ गया। अब 75 नहीं 76 जिले हो गए। पुरानी परंपरा है कि कुंभ और अर्ध कुंभ के समय नए जनपद का नोटिफिकेशन जारी किया जाता है। इसी के तहत प्रयागराज के जिलाधिकारी रविंद्र कुमार मांदड़ ने आदेश जारी किया। इस महाकुंभ जनपद में चार तहसील सदर, सोरांव, फूलपुर और करछना के कुल 67 ग्राम शामिल किए गए हैं। साथ ही पूरा परेड एरिया भी महाकुंभ मेला जिले में शामिल है।

विजय किरन आनंद को मिली नए जिले की कमान

विजय किरन आनंद को महाकुंभ मेला जिले की जिम्मेदारी सौंपी गई, जो इस जनपद के कलेक्टर मेलाधिकारी होंगे। वे सभी प्रकार के केसों में एक कलेक्टर की तरह सारे अधिकारों का उपयोग करेंगे। इस नोटिफिकेशन में उन्हें सभी पॉवर दिए गए हैं। आपको बता दें कि प्रयागराज में 13 जनवरी से लेकर 26 फरवरी तक महाकुंभ का आयोजन होगा। इस कार्यक्रम के कुछ दिनों बाद तक अस्तित्व में महाकुंभ मेला जनपद रहेगा।

चार तहसीलों से बना नया जनपद

प्रयागराज में महाकुंभ के वक्त नए जनपद का ऐलान किया जाता है। इसके पीछे मेले में भारी संख्या में जुटने वाली श्रद्धालुओं की भीड़ है, जहां एक पूरा शहर बसाया जाता है। ऐसे में प्रयागराज की चार तहसीलों को अलग करके एक जिला बना दिया जाता है।

12 साल की लड़की हो रही थी 31 साल के दूल्हे की शादी, मौके पर पहुंची पुलिस

जींद : बाल विवाह निषेध अधिकारी कार्यालय टीम ने रविवार को बराह खुर्द गांव में एक बालिका को वधू बनने से बचाया। टीम ने बाल विवाह की सूचना पर तत्परता से कार्रवाई करते हुए नाबालिग की शादी को रुकवाया और साथ ही परिजनों को विवाह न करने के लिए चेताया। इसके अलावा बाल विवाह अधिनियम की जानकारी भी दी। जिस पर परिजनों ने आश्वासन दिया कि अब वह बालिग होने पर ही विवाह करेंगे। 

बाल विवाह निषेध अधिकारी सुनीता को सूचना मिली थी कि बराह खुर्द गांव में एक नाबालिग लड़की की शादी करवाई जा रही है और बारात करनाल जिले के शांपली से आई हुई है। इस पर कार्रवाई करते हुए सहायक बाल विवाह निषेध अधिकारी रवि लोहान, महिला सिपाही आरती,  नीलम, सिपाही सुरेंद्र, प्रवीण के साथ मौके पर पहुंचे। टीम द्वारा लड़की के परिवार वालों से लड़की के जन्म से संबंधित कागजात मांगे तो परिजनों ने पहले तो टालमटोल करने की कोशिश की और शादी न होने की बात कही.

लेकिन जब मौके पर अन्य मौजिज व्यक्तियों को बुलाया गया तो लगभग 2 घंटे के बाद जो सबूत दिखाए गए उनमें लड़की की उम्र मात्र साढ़े 12 वर्ष पाई गई और शादी में आए दूल्हे की उम्र साढ़े 31 वर्ष मिली। दूल्हे व दुल्हन की उम्र में करीब 19 वर्ष का अंतर मिला। इस पर उसके परिजनों द्वारा बताया गया कि लड़की के माता-पिता अनपढ़ हैं और उसकी मां बीमार रहती है और उसे किसी कानून की कोई जानकारी नहीं है। इसलिए वह गलती से ऐसा कर रहे थे। 

इस पर सहायक बाल विवाह निषेध अधिकारी रवि लोहान ने परिजनों को समझाया गया कि आपकी लड़की नाबालिग है, इसलिए आप उसके बालिग होने तक का इंतजार करें ताकि कोई कानूनी अड़चन नहीं आए। इसके बावजूद भी अगर आप नाबालिग लड़की की शादी करते हैं तो आप सभी के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इस पर परिवार सहमत हो गया तथा शादी को स्थगित कर दिया गया और परिवार द्वारा महिला संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध विभाग के अधिकारियों को लिखित बयान दिए कि वह कानून की पालना करेंगे तथा लड़की के बालिग होने पर ही उसकी शादी करेंगे। इस मौके पर एम.डी.डी. आफ इंडिया के जिला समन्वयक नरेंद्र शर्मा और सामुदायिक सामाजिक कार्यकर्त्ता रमन भी मौजूद रहे।