Ameen Jaspuri Best Ghazal: खुली है पलक और सोती है आंखें…
ना आंचल न तकिया भिगोती है आंखेंबड़ी एहतियातों से रोती हैं आंखें कभी दिल में नश्तर चुभोती है आंखेंकभी मिशले मरहम भी होती हैं आंखें रवा रंजिशो…
ना आंचल न तकिया भिगोती है आंखेंबड़ी एहतियातों से रोती हैं आंखें कभी दिल में नश्तर चुभोती है आंखेंकभी मिशले मरहम भी होती हैं आंखें रवा रंजिशो…