Moradabad News: प्रेम संबंध में बाधा डाल रही थी जेठानी, प्रेमी के साथ मिलकर उतारा मौत के घाट

Moradabad News: प्रेम संबंध में बाधा डाल रही जेठानी को देवरानी ने प्रेमी के साथ मिलकर मौत के घाट उतार दिया पुलिस ने आरोपी देवरानी और उसके प्रेमी को गिरफ्तार कर लिया वह देवरानी के प्रेम संबंधों के बारे में जानती थी और उसे धमकाती थी इस वजह से देवरानी ने प्रेमी के साथ मिलकर जेठानी को रास्ते से हटा दिया।

मामला जनपद मुरादाबाद के दरियापुर गांव का है देवरानी ने अपनी जेठानी की हत्या अपने प्रेमी के साथ मिलकर कर दी पुलिस ने देवरानी और प्रेमी को गिरफ्तार कर लिया जेठानी की प्रेमी के साथ मिलकर हत्या करने वाली देवरानी ने खुद दोनों हाथ पकड़ कर गला कटवाया था इतना ही नहीं सफेद रंग के कपड़े खून से सने थे तो दोनों ने वही हाथ मुंह धो कर कपड़े भी बदले थे।

देवरानी ने बताया कि पिछले काम काफी समय से जेठानी उसको धमकी दे रही थी प्रेमी का ही गर्भ ठहरा था तो वह बार-बार टोकती थी यह होने वाला बच्चा तेरे प्रेमी का है उससे संबंध खत्म कर ले वरना तेरा राज खोल दिया जाएगा इस वजह से प्रेमी के साथ मिलकर देवरानी ने घटना को अंजाम दे दिया।

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एसपी देहात कुमार आकाश सिंह ने बताया कि सोमवार की सुबह 9:00 बजे जेठानी सीमा घर से सामान लेने के लिए बाहर दुकान पर गई थी इस दौरान पहले से इंतजार कर रहे हैं प्रेमी को सुधा ने फोन करके घर बुला लिया और उसे कमरे में छुपा दिया जब जेठानी सामान लेकर घर आए तो उसको इस कमरे में भेज दिया।

जिसने प्रेमी छुपा हुआ था प्रेमी को देखकर सीमा की रूह कांप गई और शोर मचाने लगी तो देवरानी सुधा ने मुंह पकड़ लिया और प्रेमी दरांती से गला काटने का प्रयास किया जिससे कुछ हिस्सा काटा इतने में ही उसने चाकू निकाला और गर्दन पर चला दिया जिससे उसकी मौत हो गई।

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नई दिल्ली।  दिल्ली हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में कहा है कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए आंगनवाड़ी कार्य के अलावा भी अतिरिक्त आय के स्रोत हो सकते हैं। कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए केवल आंगनवाड़ी कार्य से प्राप्त वेतन से खुद या अपने परिवार का भरण-पोषण करना संभव नहीं है, और इसीलिए आय के अधिक स्रोत होना अस्वाभाविक नहीं है। इसलिए, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता दूसरा काम भी कर सकती हैं।

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यह आदेश जस्टिस हरिशंकर और सुधीर कुमार जैन की बेंच ने दिया है, जो एक Anganwadi worker  की ओर से सुपरवाइजर भर्ती के लिए दिए गए प्रमाण पत्र पर आपत्ति करने के संबंध में था। कार्यकर्ता ने यह दावा किया कि वह खाली समय में एक एनजीओ में काम कर रही थी, जबकि प्रमाण पत्र में आंगनवाड़ी कार्य करने का उल्लेख था।
 
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि भले ही धनशोधन कानून (PMLA पीएमएलए) में जमानत के लिए कड़े प्रावधान हैं, बीमार और अशक्त व्यक्तियों को जमानत मिल सकती है। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच ने यह टिप्पणी करते हुए पीएमएलए मामले में एक आरोपी को अंतरिम जमानत प्रदान की। बेंच ने राहत देने से पहले याचिकाकर्ता की मेडिकल रिपोर्ट का अवलोकन किया। वरिष्ठ अधिवक्ता आत्माराम नादकर्णी ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि आरोपी पर सबूतों से छेड़छाड़ करने के लिए अन्य थ्प्त् भी दर्ज हैं।