प्रधान के इकलौते बेटे की मौत के डेढ़ घंटे बाद पिता ने भी दम तोड़ा… एक चिता में दोनों का हुआ अंतिम संस्कार

पंडित अनिल शर्मा
Moradabad News:
टांडा अफजल की प्रधान के पति और पुत्र का आकस्मिक निधन हो गया। दोनों को बीमारी के चलते अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया था। एक ही दिन दोनों की मृत्यु होने पर अंतिम संस्कार में गांव ही नहीं आसपास के लोगों ने भी पहुंचकर शोक संवेदना व्यक्त की।


तहसील के बार्डर स्थित ग्राम टांडा अफजल में ग्राम प्रधान किरन देवी के पुत्र लवी प्रशांत चौहान की 16 सितंबर को तबीयत बिगड़ गई थी। उसको पहले उत्तराखंड के जसपुर फिर काशीपुर के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। हालत में सुधार नहीं होने पर परिजनों ने दिल्ली के यशोदा अस्पताल में भर्ती करवा दिया था।

जहां पर लवी का उपचार चल रहा था। इस बीच विगत मंगलवार को अचानक प्रधान पति योगेंद्र पाल सिंह की भी तबीयत बिगड़ गई। उनको परिजनों ने काशीपुर के निजी अस्पताल में भर्ती करवा दिया। बृहस्पतिवार को योगेंद्र पाल सिंह के बड़े भाई शिक्षक सुरेंद्र पाल सिंह भतीजे की हाल जानने दिल्ली स्थित अस्पताल गए थे।

जहां पर शुक्रवार की तड़के करीब पांच बजे लवी चौहान की मृत्यू हो गई। पुत्र की मौत के करीब पंद्रह मिनट बाद काशीपुर के अस्पताल में भर्ती योगेंद्र पाल सिंह ने भी दम तोड़ दिया। शुक्रवार को लगभग 11 बजे योगेंद्र पाल ंिसह का शव घर पहुंचा। उसके ढाई घंटे बाद दिल्ली से लवी चौहान का भी शव पहुंच गया। पिता-पुत्र के शव गांव पहंुचे तो पूरे गांव में कोहराम मच गया।

लवी चौहान अकेला पुत्र था। दोनों बहनों सोनम और हिमांशी के साथ मां किरन देवी बेहोश होकर गिर गईं। रिश्तेदारों के साथ आसपास गांव के लोग भी शोक संवेदना व्यक्त करने पहुंचे। दोपहर बाद दोनों के शवों का गांव के बाहर खेत पर अंतिम संस्कार कर दिया गया। योगेंद्र पाल सिंह गांव में रहकर खेती बाड़ी करते थे।

उनके बड़े भाई सुरेंद्र पाल सिंह सहारनपुर में सरकारी शिक्षक हैं। योगेंद्रपाल सिंह की पत्नी किरनदेवी 2021 में ग्राम प्रधान बनी थी। उन्होंने बताया कि पहले लवी चौहान की अचानक तबीयत बिगड़ी थी। उसकी जांच में फेफड़ों में संक्रमण आया था।

विगत मंगलवार को योगेंद्र पाल सिंह की भी हालत बिगड़ गई थी। चिकित्सकों ने जांच में उनको भी फेंफड़ों में संक्रमण बताया है। अंतिम संस्कार में भाजपा नेता अजय प्रताप सिंह समेत काफी संख्या में पहंुंचे।

Moradabad News: 25 अक्टूबर को आनी थी बारात, कोरमा बिरयानी और दहेज में कार के लिए रिश्ता तोड़ा, 6 पर मुकदमा दर्ज

जनपद मुरादाबाद के मूंढापांडे थाना क्षेत्र के गांव निवासी युवती का रिश्ता उत्तराखंड के हल्द्वानी से हुआ था 25 अक्टूबर 2024 को बारात आनी थी लड़के वालों ने लड़की वालों से बारात में कोरमा बिरयानी जर्दा और दहेज में कार डिमांड कर दी जिससे लड़की वालों ने अपनी आर्थिक स्थिति का हवाला देते हुए दहेज और उनकी डिमांड के अनुसार खाना देने में असमर्थता जताई तो लड़के वालों ने निकाह करने से इनकार कर दिया।

जनपद मुरादाबाद के मुंडा पांडे थाना क्षेत्र के गांव सेजना निवासी शकील अहमद ने पुलिस को तहरीर देकर कहा कि उन्होंने अपनी बेटी का रिश्ता उत्तराखंड के हल्द्वानी थाना क्षेत्र के बरनी कॉलोनी बड़ा मझरा निवासी सगीर अहमद के साथ किया था रिश्ता करते वक्त सगीर और उसके पिता शरीफ अहमद को नगदी और गहने भी दिए थे निकाह के लिए 25 अक्टूबर 2024 की तारीख मुकर्रर की गई थी।

लड़की के पिता शकील ने मंडप से लेकर हलवाई कैटरिंग सहित सभी आवश्यक बुकिंग करके बयाने दे दिए थे शकील के अनुसार उसकी बेटी के मंगेतर को वायदे के अनुसार दहेज में बुलेट मोटरसाइकिल और नगदी रुपए भी दिए थे लेकिन सब कुछ ठीक चल रहा था अचानक बेटी के मंगेतर सगीर अहमद और उसके परिवार वालों ने दहेज में कार की डिमांड कर डाली और खाने में कोरमा बिरयानी और जर्दा आदि देना होगा पीड़ित शकील के अनुसार उन्होंने अपनी आर्थिक स्थिति का वाला देते हुए डिमांड पूरी करने में असमर्थता जताई तो लड़के वालों ने निकाह करने से इनकार कर दिया और रिश्ता तोड़ दिया।

जब शकील ने रिश्ता के करने में खर्च किए पैसे का हिसाब करने को कहा तो उन्होंने जान से मारने की धमकी देनी शुरू कर दी जिसके बाद पीड़ित ने पुलिस से गुहार लगाई एसपी सिटी कुमार रणविजय सिंह ने बताया कि ड्यूटी के पिता की तहरीर पर मुंडापांडे थाने में सगीर अहमद उसके पिता शरीफ अहमद मान बब्बू भाई दानिश बहन फरीन और मामा आलम के खिलाफ दहेज प्रतिषेध अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।

UP Electricity Price: बिजली की कीमतों को लेकर योगी सरकार का बड़ा फैसला!

UP Electricity Price: उत्तर प्रदेश  सरकार ने प्रदेश में बिजली की दरें नहीं बढ़ाने का निर्णय लिया है। इस संबंध में विद्युत नियामक आयोग ने आदेश जारी कर दिया है। इस आदेश के अनुसार, यूपी में इस साल बिजली के रेट नहीं बढ़ाए जाएंगे।

120 दिनों के अंदर घोषित करनी होती हैं नई दरें 

दरअसल, पिछले कुछ समय से खबरें सामने आ रही थीं कि उत्तर प्रदेश में बिजली की दरें बढ़ाई जा सकती हैं। इसके बाद से ही उपभोक्ता परिषद में बिजली की दरों को कम करने की मांग उठाई जा रही थी। नियमानुसार, 120 दिनों के अंदर बिजली की दरें घोषित करनी होती हैं। हाल ही में ये अवधि पूरी हुई है। हालांकि पावर कारपोरेशन प्रबंधन खराब वित्तीय स्थिति का हवाला देकर बिजली दरें घटाने के पक्ष में नहीं है।

बिजली दरों में कमी की मांग 

उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने मौजूदा बिजली दरों में कमी की मांग की है। परिषद का कहना है कि उपभोक्ताओं को वर्तमान में बिजली कंपनियों के पास मौजूद 33,122 करोड़ रुपये के सरप्लस का लाभ मिलना चाहिए। ये मांग नोएडा पावर कंपनी के उपभोक्ताओं के लगभग 1000 करोड़ रुपये के सरप्लस के आधार पर की गई थी। उस दौरान बिजली की दरों में 10 फीसदी कमी की गई थी।

2019 में किया गया था आखिरी बार संशोधन 

उत्तर प्रदेश में बिजली की दरों में आखिरी बार 2019 में संशोधन किया गया था। उस वक्त उत्तर प्रदेश विद्युत विनियामक आयोग (यूपीईआरसी) ने 11.69 प्रतिशत की औसत वृद्धि को मंजूरी दी थी। घरेलू मीटर वाले उपभोक्ताओं के लिए यह बढ़ोतरी 8 प्रतिशत से 12 प्रतिशत के बीच रही। जबकि भारी औद्योगिक उपभोक्ताओं के लिए 5 से 10 प्रतिशत वृद्धि की गई। जबकि कृषि मीटर वाले उपभोक्ताओं के लिए 9 प्रतिशत की वृद्धि की गई।