करंट लगने से अफजलगढ़ क्षेत्र निवासी दारोगा की दर्दनाक मौत, उत्तराखंड मे थे तैनात

बिजनौर के अफजलगढ़ क्षेत्र के रहने वाले उत्तराखंड पुलिस में सब इंस्पेक्टर के पद पर तैनात सुरेश पासपोला की करंट लगने से दर्दनाक मौत हो गई। दारोगा की मौत से परिवार में कोहराम मच गया है। परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है।

अफजलगढ़ क्षेत्र के गांव भिक्कावाला के रहने वाले सुरेश पासपोला (40) पुत्र पृथ्वी प्रसाद उत्तराखंड पुलिस में सब इंस्पेक्टर के पद पर कोतवाली फूल भट्ट रुद्रपुर जिला ऊधम सिंह नगर में तैनात थे। मंगलवार को सुबह लगभग 7:00 बजे वह कोतवाली परिसर में नहाने के बाद अपने कपड़े दीवार पर सुखा रहे थे कि अचानक करंट की चपेट में आ जाने से उनकी मौके पर ही मौत हो गई।

सुरेश पंचला उत्तराखंड पुलिस में 2002 में सिपाही के पद पर भर्ती हुए थे। वर्तमान में उनकी नियुक्ति सब इंस्पेक्टर के पद पर कोतवाली फुल बट्टा पर थी। आज उनकी मौत हो जाने से उनके परिवार में कोहरा मच गया। परिजनों का रो रो कर बुरा हाल है। उनका पार्थिव शरीर को उनके पैतृक गांव भिक्कावाला में लाया गया।

जहां नम आंखों से उनको रामगंगा घाट भिक्कावाला में अंतिम संस्कार कर दिया गया।पुलिस परिवार में शोक की लहर वहीं कोतवाली फुल बट्टा के इंस्पेक्टर सुरेंद्र सिंह बिष्ट ने बताया कि मंगलवार की सुबह अचानक करंट की चपेट में आ जाने से उनकी मौत हो गई। उनका आज जिला अस्पताल में पीएम करने के बाद उनका शव उनके पैतृक गांव में लाया गया। उन्होंने बताया कि वह बहुत ही होनहार सब इंस्पेक्टर थे।

अचानक उनकी मौत हो जाने से पुलिस परिवार में शोक की लहर दौड़ गई।रामगंगा कालागढ़ घाट पर किया अंतिम संस्कार उन्होंने बताया कि उत्तराखंड से करीब 20 लोगों के साथ उनके पार्थिव शरीर को गाड़ी के साथ उनके गांव लायासंस्कार कर दिया गया। वह अपने पीछे अपनी पत्नी व दो बेटियों को रोता बिलखता छोड़ गए।

हाथरस हादसे का जिम्मेदार बाबा बलात्कार के मामले मे हुआ था नोकरी से बर्खास्त,फिर नाम बदल कर बन गया बाबा

हाथरस हादसे का जिम्मेदार साकार विश्व हरी भोले बाबा का असली नाम सूरज पाल है जो की उत्तरप्रदेश पुलिस में हेड कांस्टेबल की नौकरी करता था,बताया जा रहा है कि इटावा में भी लगभग अट्ठाइस वर्ष पहले एलआईयू में तैनात रह चुका है सूरज पाल उर्फ भोले बाबा।

सूत्रों के मुताबिक सूरज पाल को नौकरी के दौरान बलात्कार का मुकदमा लिखे जाने के बाद पुलिस विभाग से बर्खास्त किया गया था सूरज पाल।जेल से छूटने के बाद अपना नाम और पहचान बदलकर बाबा बन गया सूरज पाल।